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केरल: सबरीमाला मंदिर से सोने के गायब होने का मामला, एसआईटी ने पूर्व प्रशासनिक अधिकारी को किया गिरफ्तार
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पठानमथिट्टा
Published by: राहुल कुमार
Updated Thu, 23 Oct 2025 11:17 AM IST
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सार
सबरीमाला मंदिर से सोना कथित तौर पर गायब होने की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने पूर्व प्रशासनिक अधिकारी बी. मुरारी बाबू को गिरफ्तार कर लिया है। सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

सबरीमाला मंदिर
- फोटो : एएनआई
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विस्तार
सबरीमाला मंदिर से गायब सोने की जांच कर रही विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मंदिर के पूर्व प्रशासनिक अधिकारी बी मुरारी बाबू को गिरफ्तार किया है। इससे पहले मंगलवार को सबरीमाला से सोना गायब होने के मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल ने मंगलवार को केरल उच्च न्यायालय में एक सीलबंद लिफाफे में अपनी पहली रिपोर्ट दाखिल की थी।

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उन्होंने बताया कि सोना गायब होने के विवाद के बाद त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड (टीडीबी) द्वारा निलंबित किए गए बाबू को बुधवार रात चंगनास्सेरी स्थित उनके आवास से हिरासत में लिया गया। इसके बाद उन्हें पूछताछ के लिए तिरुवनंतपुरम के क्राइम ब्रांच कार्यालय में स्थानांतरित किया गया। मुरारी बाबू के परिवारजन गुरुवार सुबह क्राइम ब्रांच कार्यालय पहुंचे। सूत्रों ने बताया कि सुबह करीब 10 बजे एसआईटी ने बाबू की गिरफ्तारी दर्ज की और उनके रिश्तेदारों को पूरी प्रक्रिया से अवगत कराया। बाद में उन्हें बाबू से मिलने की अनुमति दी गयी।
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द्वारपालक की मूर्तियों की सोने से जड़ी प्लेटों को कर दिया था गायब
अधिकारियों ने बताया कि एसआईटी शाम को बाबू को यहां पथनमथिट्टा स्थित प्रथम श्रेणी के न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश करेगी। एसआईटी विस्तृत पूछताछ के लिए बाबू की हिरासत की मांग करते हुए अदालत में याचिका दायर कर सकती है। बाबू सबरीमाला में द्वारपालक की मूर्तियों की सोने से जड़ी प्लेटों और मंदिर के श्रीकोविल (गर्भगृह) के द्वार-चौखटों से सोना गायब होने से संबंधित दो मामलों में आरोपी हैं।
मामले में मुख्य आरोपी उन्नीकृष्णन पोट्टी ने 2019 में जब टीडीबी को द्वारपालक मूर्तियों पर ‘इलेक्ट्रोप्लेटिंग’ (सोने की परत चढ़ाने) का प्रस्ताव दिया था तो बाबू ने बोर्ड को प्रस्ताव भेजा, जिसमें दावा किया गया कि सोने से मढ़ी प्लेटें तांबे से बनी थीं। उन्होंने कथित तौर पर 2025 में फिर से पोट्टी की ओर से इसी तरह का प्रस्ताव भेजा।
बाबू हरिपद में उप देवस्वओम आयुक्त के पद पर कार्यरत थे। हाल ही में उन्हें सेवा से निलंबित कर दिया गया। टीडीबी सतर्कता विभाग ने प्रारंभिक जांच के बाद एक रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें द्वारपालक की मूर्तियों और श्रीकोविल के दरवाजों के फ्रेम से सोना निकालने में बोर्ड के कुछ अधिकारियों की संलिप्तता पर संदेह जताया गया था।
सतर्कता विभाग ने बाबू और सात अन्य टीडीबी अधिकारियों द्वारा पोट्टी को सोने से मढ़ी हुई प्लेटें सौंपने में गंभीर चूक की ओर भी इशारा किया। केरल उच्च न्यायालय के निर्देश पर मामले की जांच कर रही एसआईटी ने पहले ही पोट्टी को गिरफ्तार कर लिया है।