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Bengal: बंगाल में सुकांत मजूमदार की फजीहत, 'वापस जाओ' के नारे लगे, काफिला रोका; TMC बोली- ये BJP की आंतरिक कलह
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता
Published by: पवन पांडेय
Updated Thu, 27 Nov 2025 06:48 PM IST
सार
पश्चिम बंगाल भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार की अपने राज्य में फजीहत हुई है। बता दें कि, डायमंड हार्बर में विरोध का सामना करना पड़ा और उनके काफिले को भी रोका गया है। वहीं इस पर सत्ताधारी दल टीएमसी ने कहा कि ये भाजपा की आंतरिक कलह है।
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सुकांत मजूमदार, केंद्रीय मंत्री
- फोटो : ANI
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विस्तार
पश्चिम बंगाल में गुरुवार को राजनीतिक तनाव का माहौल और गरमा गया, जब केंद्रीय मंत्री और राज्य के पूर्व भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को डायमंड हार्बर में विरोध का सामना करना पड़ा। उनके काफिले को कुछ देर के लिए रोका गया और वापस जाओ के नारे भी लगाए गए। यह घटना दक्षिण 24 परगना जिले के सरिसा मोड़ के पास हुई। मजूमदार बुधवार देर रात विदेश यात्रा से लौटे थे और पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलने जा रहे थे, जिन्हें हाल ही में हुई हिंसक झड़प में चोटें आई थीं। ये झड़पें तब हुई थीं जब भाजपा कार्यकर्ताओं ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में पार्टी की जीत का जश्न मनाने के लिए रैली निकाली थी।
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कौन थे प्रदर्शनकारी?
जब मजूमदार का काफिला दोपहर के बाद सरिसा पहुंचा, तो कुछ युवाओं ने गाड़ियों को घेर लिया और नारेबाजी शुरू कर दी। कुछ प्रदर्शनकारियों ने कहा, 'हम पर हमले होते हैं और नेता सिर्फ मंच से भाषण देते हैं।' इस दौरान नारे लगाने वाले खुद को भाजपा कार्यकर्ता बता रहे थे और स्थानीय नेतृत्व पर उपेक्षा का आरोप लगा रहे थे।
भाजपा बनाम टीएमसी- आरोपों की बारिश
सुकांत मजूमदार ने विरोध के पीछे तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को जिम्मेदार बताया और कहा, 'यह पहली बार नहीं है जब डायमंड हार्बर में मुझे रोका गया। टीएमसी डराने की कोशिश कर रही है, लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं। यहां कानून व्यवस्था नाम की चीज नहीं बची।'उन्होंने आगे कहा कि 'अगर हम जम्मू-कश्मीर में चीजें शांत कर सकते हैं, तो यहां भी कर लेंगे।' उनके इस बयान ने राजनीतिक बहस को और भड़का दिया।
ये BJP की आंतरिक कलह- टीएमसी
दूसरी ओर, टीएमसी ने सभी आरोप खारिज करते हुए कहा कि विरोध करने वाले वास्तव में भाजपा के ही असंतुष्ट कार्यकर्ता थे। टीएमसी के स्थानीय नेता ने इस पर तंज कसते हुए कहा 'ये पूरी तरह भाजपा का आंतरिक झगड़ा है। डायमंड हार्बर में उनकी संगठनात्मक स्थिति काफी समय से बिखरी हुई है।'
यह भी पढ़ें - असम में बहुविवाह पर प्रतिबंध: विधानसभा से विधेयक पारित, CM हिमंत बोले- फिर सरकार बनने पर UCC भी लागू करेंगे
स्थिति नियंत्रण में, लेकिन तनाव बरकरार
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को शांत किया और कुछ मिनटों बाद काफिला आगे बढ़ सका। इसके बाद मंत्री ने घायल कार्यकर्ताओं और उनके परिवारों से मुलाकात की। वहीं राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है '2026 के विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही इस तरह की घटनाएं और आरोप राजनीतिक तनाव को और बढ़ाएंगे।'
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कौन थे प्रदर्शनकारी?
जब मजूमदार का काफिला दोपहर के बाद सरिसा पहुंचा, तो कुछ युवाओं ने गाड़ियों को घेर लिया और नारेबाजी शुरू कर दी। कुछ प्रदर्शनकारियों ने कहा, 'हम पर हमले होते हैं और नेता सिर्फ मंच से भाषण देते हैं।' इस दौरान नारे लगाने वाले खुद को भाजपा कार्यकर्ता बता रहे थे और स्थानीय नेतृत्व पर उपेक्षा का आरोप लगा रहे थे।
भाजपा बनाम टीएमसी- आरोपों की बारिश
सुकांत मजूमदार ने विरोध के पीछे तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को जिम्मेदार बताया और कहा, 'यह पहली बार नहीं है जब डायमंड हार्बर में मुझे रोका गया। टीएमसी डराने की कोशिश कर रही है, लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं। यहां कानून व्यवस्था नाम की चीज नहीं बची।'उन्होंने आगे कहा कि 'अगर हम जम्मू-कश्मीर में चीजें शांत कर सकते हैं, तो यहां भी कर लेंगे।' उनके इस बयान ने राजनीतिक बहस को और भड़का दिया।
ये BJP की आंतरिक कलह- टीएमसी
दूसरी ओर, टीएमसी ने सभी आरोप खारिज करते हुए कहा कि विरोध करने वाले वास्तव में भाजपा के ही असंतुष्ट कार्यकर्ता थे। टीएमसी के स्थानीय नेता ने इस पर तंज कसते हुए कहा 'ये पूरी तरह भाजपा का आंतरिक झगड़ा है। डायमंड हार्बर में उनकी संगठनात्मक स्थिति काफी समय से बिखरी हुई है।'
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स्थिति नियंत्रण में, लेकिन तनाव बरकरार
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को शांत किया और कुछ मिनटों बाद काफिला आगे बढ़ सका। इसके बाद मंत्री ने घायल कार्यकर्ताओं और उनके परिवारों से मुलाकात की। वहीं राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है '2026 के विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही इस तरह की घटनाएं और आरोप राजनीतिक तनाव को और बढ़ाएंगे।'
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