Supreme Court: उपशामक देखभाल मामले में 'सुप्रीम' फैसला, केंद्र को तीन हफ्ते में रिपोर्ट सौंपने का दिया आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर और जानलेवा बीमारों के लिए 2017 के उपशामक देखभाल दिशा-निर्देशों के अनुपालन पर केंद्र को तीन हफ्ते में जानकारी देने को कहा है। न्यायाधीश विक्रम नाथ व संदीप मेहता की पीठ ने यह आदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत पेलिएटिव केयर सुनिश्चित करने की याचिका पर दिया।

विस्तार
सुप्रीम कोर्ट ने विशेष उपचार विधि उपशामक देखभाल (दर्द और तकलीफ कम करने वाली देखभाल) के मामले में अहम सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को अहम निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार को 2017 में स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी उपशामक देखभाल के दिशा-निर्देशों के पालन के बारे में तीन हफ्ते में जानकारी देने का आदेश दिया है।

मामले में न्यायाधीश विक्रम नाथ और संदीप मेहता की पीठ ने यह आदेश एक याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया, जिसमें यह मांगा गया था कि गंभीर और जानलेवा बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत उपशामक देखभाल मुहैया कराई जाए। अब इस मामले में अगली सुनवाई 25 नवंबर को होगी।
ये भी पढ़ें:- IRCTC Sacm: भाजपा ने तेजस्वी यादव पर बोला हमला, कहा- घोटाले और जमीन हड़पना ही राजद का शासन मॉडल
अधिवक्ता ने किस मामले में उठाया सवाल
सीनियर अधिवक्ता जयंना कोठारी ने बताया कि 2017 के इन दिशा-निर्देशों के अनुसार, हर जिले में उपशामक देखभाल टीम बनानी है और हर राज्य में एक उपशामक देखभाल सेल भी स्थापित करनी है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि ये दिशा-निर्देश कितने राज्यों और अस्पतालों में लागू हुए हैं।
तीन हफ्ते के जानकारी इकट्ठा करने के आदेश
इसके बाद पीठ ने केंद्र सरकार के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल और वरिष्ठ वकील को निर्देश दिया है कि वे तीन हफ्ते के अंदर राज्यों से जानकारी इकट्ठा करके कोर्ट को उपशामक देखभाल के कार्यान्वयन की स्थिति बताएं।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2024 में भी केंद्र और अन्य से इस मुद्दे पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी कि उपशामक देखभाल को लेकर क्या कदम उठाए गए हैं और क्या नीतियां लागू हैं। यह उपशामक देखभाल गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए खास चिकित्सा सेवा है, जिससे उनके दर्द और तकलीफ को कम किया जाता है।
ये भी पढ़ें:- West Bengal: उत्तर बंगाल में भारी-बारिश से तबाही, ममता बोलीं- भूटान से आए पानी से हुई बर्बादी, दें मुआवजा
अब समझिए क्या है उपशामक देखभाल?
गौरतलब है कि उपशामक देखभाल (पेलिएटिव केयर) गंभीर और जानलेवा बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए विशेष चिकित्सा सेवा है। इसका मकसद दर्द, तकलीफ और मानसिक तनाव को कम करना होता है, जिससे मरीज का जीवन आरामदायक बन सके। यह देखभाल अस्पताल, घर या किसी भी स्वास्थ्य केंद्र में दी जा सकती है और मरीज की गुणवत्ता जीवन सुधारने पर केंद्रित होती है।