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SC Updates: उमर अंसारी को मिली अग्रिम जमानत, 2022 में यूपी चुनाव के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन का था आरोप
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: श्वेता महतो
Updated Mon, 06 May 2024 12:50 PM IST
सार
शीर्ष अदालत ने 25 जनवरी को उमर अंसारी को इस मामले में गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया था। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पिछले साल 19 दिसंबर को उनकी अग्रिम जमानत की याचिका को खारिज कर दी थी।
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सुप्रीम कोर्ट
- फोटो : ANI
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विस्तार
सुप्रीम कोर्ट ने गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी को अग्रिम जमानत दे दी है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान आचार संहिता का उल्लंघन करने के आरोप में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। जस्टिस ऋषिकेश रॉय और पीके मिश्रा की पीठ ने उन्हें इस मामले में अदालत के समक्ष पेश होने के लिए कहा था।
शीर्ष अदालत ने 25 जनवरी को उमर अंसारी को इस मामले में गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया था। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पिछले साल 19 दिसंबर को उनकी अग्रिम जमानत की याचिका को खारिज कर दिया था। अदालत ने कहा था कि मामले की तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए अपराध बनता है।
बता दें कि अब्बास अंसारी, उमर अंसारी और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ चार मार्च 2022 में एफआईआर दर्ज की गई थी। आरोप लगाया गया कि तीन मार्च को पहाड़पुर ग्राउंड में अब्बास अंसारी, उमर अंसारी और आयोजक मंसूर अहमद अंसारी ने मऊ प्रशासन के साथ हिसाब-किताब तय करने का आह्वान किया था। इसे आचार संहिता का उल्लंघन माना गया है।
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शीर्ष अदालत ने 25 जनवरी को उमर अंसारी को इस मामले में गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया था। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पिछले साल 19 दिसंबर को उनकी अग्रिम जमानत की याचिका को खारिज कर दिया था। अदालत ने कहा था कि मामले की तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए अपराध बनता है।
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बता दें कि अब्बास अंसारी, उमर अंसारी और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ चार मार्च 2022 में एफआईआर दर्ज की गई थी। आरोप लगाया गया कि तीन मार्च को पहाड़पुर ग्राउंड में अब्बास अंसारी, उमर अंसारी और आयोजक मंसूर अहमद अंसारी ने मऊ प्रशासन के साथ हिसाब-किताब तय करने का आह्वान किया था। इसे आचार संहिता का उल्लंघन माना गया है।