{"_id":"68ecbd8c781f9552f207bec9","slug":"supreme-court-orders-a-cbi-probe-into-the-karur-stampede-tvk-dmk-reaction-2025-10-13","type":"story","status":"publish","title_hn":"करूर त्रासदी की CBI जांच पर सियासत: TVK ने कहा- हमारे साथ आतंकी जैसा व्यवहार हुआ, DMK ने विजय पर साधा निशाना","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
करूर त्रासदी की CBI जांच पर सियासत: TVK ने कहा- हमारे साथ आतंकी जैसा व्यवहार हुआ, DMK ने विजय पर साधा निशाना
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, दिल्ली / चेन्नई
Published by: पवन पांडेय
Updated Mon, 13 Oct 2025 02:22 PM IST
विज्ञापन
सार
Karur Stampede: अभिनेता से राजनेता बने विजय की करूर रैली में मच भगदड़ की जांच अब सीबीआई को सौंप दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि जांच निष्पक्ष और पारदर्शी होनी चाहिए। टीवीके और डीएमके दोनों ही इस मामले को राजनीतिक रूप से भी देख रहे हैं।

करूर भगदड़ पर टीवीके-डीएमके में जुबानी जंग
- फोटो : ANI
विज्ञापन
विस्तार
तमिलनाडु के करूर जिले में हुई त्रासदी को लेकर अब जांच की दिशा बदल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया है। इस हादसे में 27 सितंबर को 41 लोगों की जान गई थी। अदालत का कहना है कि मामले में निष्पक्ष जांच बेहद जरूरी है।
यह भी पढ़ें - करूर भगदड़: सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच के दिए आदेश; TVK की याचिका मंजूर, पूर्व जज अजय रस्तोगी करेंगे निगरानी
हमारे खिलाफ साजिश- टीवीके का आरोप
तमिलागा वेट्री कजगम के महासचिव आधव अर्जुन ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रेस से कहा, 'विजय के देर से आने के आरोप पूरी तरह झूठे हैं। पुलिस ने हमारे कार्यकर्ताओं के साथ ऐसा व्यवहार किया जैसे हम कोई आतंकी हों। डीएमके ने जानबूझकर टीवीके को दबाने की कोशिश की। विजय ने दोपहर 3 बजे से रात 10 बजे के बीच ही कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जो पुलिस द्वारा तय किया गया समय था।'
'सरकार पहले से ही हमें फंसाने की योजना बना चुकी थी'
उन्होंने आगे कहा, 'सरकार पहले से ही हमें फंसाने की योजना बना चुकी थी। झूठे आरोपों के तहत टीवीके को बदनाम करने की कोशिश की गई। करूर भगदड़ के पीछे एक साजिश है।' आधव अर्जुन ने यह भी बताया कि हादसे के बाद टीवीके नेता कार्यक्रम स्थल पर नहीं गए क्योंकि पुलिस ने चेतावनी दी थी कि वहां जाने से स्थिति और बिगड़ सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि डीएमके सरकार टीवीके के जिलाध्यक्षों और अहम नेताओं को गिरफ्तार कर पार्टी को कमजोर करने की कोशिश कर रही है।
पीड़ित परिवारों के साथ खड़े होने का एलान
आधव अर्जुन ने कहा कि 1 अक्तूबर को उन्होंने टीवीके नेता विजय के निर्देश पर दिल्ली पहुंचकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। 'हम 41 मृतकों के परिवारों के साथ खड़े हैं। उन्हें इंसाफ दिलाना हमारा संकल्प है। हाई कोर्ट में दी गई कुछ दलीलों ने टीवीके और विजय को अपराधी की तरह पेश किया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने साबित किया कि हाई कोर्ट का आदेश कितना त्रुटिपूर्ण था। अब सच सामने आएगा।'
यह भी पढ़ें - Karur Stampede: 'CBI जांच के लिए अर्जी हमने नहीं दी, धोखे से करवाया गया हस्ताक्षर', दो पीड़ित परिवारों का आरोप
डीएमके का पलटवार- विजय को जवाब देना होगा
इस पर डीएमके के वरिष्ठ नेता टीकेएस एलंगोवन ने कहा, 'सीबीआई आमतौर पर तभी जांच करती है जब मामला दो राज्यों से जुड़ा हो। करूर का मामला तो एक ही राज्य से जुड़ा है। यह पहला मौका है जब तीन रिटायर्ड जजों की निगरानी में जांच होगी। कोर्ट का आदेश है, हमें मानना होगा।' उन्होंने कार्यक्रम के दिन की टाइमलाइन पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा, 'लोग सुबह 10 बजे से धूप में बिना खाना-पानी के इंतजार कर रहे थे। विजय को दोपहर 12 बजे कार्यक्रम में आना था लेकिन वो रात 7.30 बजे पहुंचे। अगर वो 1 बजे तक आ जाते तो भीड़ समय से निकल जाती और हादसा टल सकता था। उन्हें इस देरी का जवाब अदालत में देना होगा।'
करूर में क्या हुआ था?
27 सितंबर को करूर में टीवीके की ओर से एक सार्वजनिक रैली रखी गई थी। सुबह से हजारों की संख्या में लोग मैदान में जुटे थे। शाम को अचानक भगदड़ मचने से 41 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हुए। राज्य सरकार ने पहले एक सदस्यीय जांच आयोग गठित किया था, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश दिया है। अब इस मामले की जांच तीन सेवानिवृत्त जजों की निगरानी में होगी।

यह भी पढ़ें - करूर भगदड़: सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच के दिए आदेश; TVK की याचिका मंजूर, पूर्व जज अजय रस्तोगी करेंगे निगरानी
विज्ञापन
विज्ञापन
हमारे खिलाफ साजिश- टीवीके का आरोप
तमिलागा वेट्री कजगम के महासचिव आधव अर्जुन ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रेस से कहा, 'विजय के देर से आने के आरोप पूरी तरह झूठे हैं। पुलिस ने हमारे कार्यकर्ताओं के साथ ऐसा व्यवहार किया जैसे हम कोई आतंकी हों। डीएमके ने जानबूझकर टीवीके को दबाने की कोशिश की। विजय ने दोपहर 3 बजे से रात 10 बजे के बीच ही कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जो पुलिस द्वारा तय किया गया समय था।'
'सरकार पहले से ही हमें फंसाने की योजना बना चुकी थी'
उन्होंने आगे कहा, 'सरकार पहले से ही हमें फंसाने की योजना बना चुकी थी। झूठे आरोपों के तहत टीवीके को बदनाम करने की कोशिश की गई। करूर भगदड़ के पीछे एक साजिश है।' आधव अर्जुन ने यह भी बताया कि हादसे के बाद टीवीके नेता कार्यक्रम स्थल पर नहीं गए क्योंकि पुलिस ने चेतावनी दी थी कि वहां जाने से स्थिति और बिगड़ सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि डीएमके सरकार टीवीके के जिलाध्यक्षों और अहम नेताओं को गिरफ्तार कर पार्टी को कमजोर करने की कोशिश कर रही है।
पीड़ित परिवारों के साथ खड़े होने का एलान
आधव अर्जुन ने कहा कि 1 अक्तूबर को उन्होंने टीवीके नेता विजय के निर्देश पर दिल्ली पहुंचकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। 'हम 41 मृतकों के परिवारों के साथ खड़े हैं। उन्हें इंसाफ दिलाना हमारा संकल्प है। हाई कोर्ट में दी गई कुछ दलीलों ने टीवीके और विजय को अपराधी की तरह पेश किया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने साबित किया कि हाई कोर्ट का आदेश कितना त्रुटिपूर्ण था। अब सच सामने आएगा।'
यह भी पढ़ें - Karur Stampede: 'CBI जांच के लिए अर्जी हमने नहीं दी, धोखे से करवाया गया हस्ताक्षर', दो पीड़ित परिवारों का आरोप
डीएमके का पलटवार- विजय को जवाब देना होगा
इस पर डीएमके के वरिष्ठ नेता टीकेएस एलंगोवन ने कहा, 'सीबीआई आमतौर पर तभी जांच करती है जब मामला दो राज्यों से जुड़ा हो। करूर का मामला तो एक ही राज्य से जुड़ा है। यह पहला मौका है जब तीन रिटायर्ड जजों की निगरानी में जांच होगी। कोर्ट का आदेश है, हमें मानना होगा।' उन्होंने कार्यक्रम के दिन की टाइमलाइन पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा, 'लोग सुबह 10 बजे से धूप में बिना खाना-पानी के इंतजार कर रहे थे। विजय को दोपहर 12 बजे कार्यक्रम में आना था लेकिन वो रात 7.30 बजे पहुंचे। अगर वो 1 बजे तक आ जाते तो भीड़ समय से निकल जाती और हादसा टल सकता था। उन्हें इस देरी का जवाब अदालत में देना होगा।'
#WATCH | Chennai: On SC's orders for CBI probe into the Karur stampede, DMK leader T K S Elangovan says, "Normally, the CBI is formed only to investigate cases when more than one state is involved. For single-state involvement, only the state police will conduct the… pic.twitter.com/ydwnOVv6g4
— ANI (@ANI) October 13, 2025
करूर में क्या हुआ था?
27 सितंबर को करूर में टीवीके की ओर से एक सार्वजनिक रैली रखी गई थी। सुबह से हजारों की संख्या में लोग मैदान में जुटे थे। शाम को अचानक भगदड़ मचने से 41 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हुए। राज्य सरकार ने पहले एक सदस्यीय जांच आयोग गठित किया था, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश दिया है। अब इस मामले की जांच तीन सेवानिवृत्त जजों की निगरानी में होगी।