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Supreme Court: 'सिर्फ आधार कार्ड ही अकेले नागरिकता का सबूत नहीं', एसआईआर पर सुनवाई के दौरान 'सुप्रीम' टिप्पणी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: पवन पांडेय Updated Tue, 02 Sep 2025 08:07 PM IST
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सार

Supreme Court On Aadhaar: सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि आधार सिर्फ पहचान पत्र है, नागरिकता का सबूत नहीं। ये मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए आधार एक दस्तावेज हो सकता है, लेकिन अकेला आधार काफी नहीं। नागरिकता साबित करने के लिए अन्य वैध दस्तावेज भी जरूरी होंगे।

Supreme Court Says- Aadhaar Card can't be standalone proof of citizenship, Hindi News
Supreme Court - फोटो : PTI
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विस्तार
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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को साफ कर दिया कि आधार कार्ड को अकेले नागरिकता का सबूत मानना संभव नहीं है। अदालत ने यह टिप्पणी बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान सामने आए विवाद पर सुनवाई करते हुए दी।
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सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने कहा, आधार सिर्फ पहचान पत्र है, नागरिकता का सबूत नहीं। चुनाव आयोग के पास मतदाता सूची में नाम जोड़ने के लिए आधार के साथ-साथ अन्य दस्तावेज भी मांगे जा सकते हैं। कोर्ट ने दोहराया कि आधार का दर्जा कानून और पूर्व फैसले (पुट्टास्वामी फैसला, 2018) से आगे नहीं बढ़ाया जा सकता। आधार अधिनियम (अनुभाग 9) के तहत 'आधार नंबर अपने आप में नागरिकता या निवास का सबूत नहीं है।' साल 2018 पुट्टास्वामी केस (5-न्यायाधीशों की पीठ) के फैसले के अनुसार, 'आधार नंबर से न तो नागरिकता साबित होती है, न ही निवास का अधिकार मिलता है।'
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राजनीतिक दलों की दलील और सुप्रीम कोर्ट का सवाल
मामले की सुनवाई में आरजेडी के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि चुनाव आयोग 65 लाख नाम हटाए जाने के बाद भी आधार को अकेले पहचान पत्र मानकर नए नाम नहीं जोड़ रहा। इस पर कोर्ट ने साफ किया, 'हम आधार का दर्जा बढ़ाकर नागरिकता प्रमाण पत्र नहीं बना सकते।' अन्य दलों ने भी यही मांग उठाई कि आधार को सीधा नागरिकता का सबूत माना जाए, लेकिन बेंच ने सवाल किया, 'आधार पर इतना जोर क्यों? हम ऐसा कोई आदेश नहीं देंगे कि आधार नागरिकता का अंतिम प्रमाण है।'

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चुनाव आयोग और केंद्र की दलील
वहीं चुनाव की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने कहा, 'बिहार के कुछ जिलों में आधार कवरेज 140% है। इसका मतलब है कि बड़े पैमाने पर फर्जी पहचान पत्र बने हुए हैं।' केंद्र सरकार ने भी बताया कि कुछ राज्यों में अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या लोगों ने गलत तरीके से आधार कार्ड बनवा लिए हैं।

सुप्रीम कोर्ट की राजनीतिक दलों को नसीहत
राजनीतिक दलों से सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'अपने बूथ लेवल एजेंट और कार्यकर्ताओं को सक्रिय कीजिए।' जिनका नाम गलत तरीके से हटाया गया है, उन्हें बूथ लेवल अधिकारियों के सामने दावा दाखिल करने में मदद की जाए।
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