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Kerala Hijab Row: 'खुद हिजाब पहनती है टीचर, छात्रा को मना किया...', सामान्य शिक्षा मंत्री शिवनकुट्टी बोले
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, तिरुवनंतपुरम।
Published by: निर्मल कांत
Updated Fri, 17 Oct 2025 12:05 PM IST
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सार
Kerala Hijab Row: केरल के सामान्य शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने दावा किया कि एक हिजाब पहनने वाली शिक्षिका ने छात्रा को हिजाब पहनने से रोका। मंत्री ने कहा कि सभी निजी विद्यालय केरल शिक्षा नियमों के तहत काम करते हैं और कोई संस्था नियमों से ऊपर नहीं है।

केरल के सामान्य शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी
- फोटो : एएनआई फाइल फोटो
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विस्तार
केरल के सामान्य शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने शुक्रवार को कहा कि यह आश्चर्यजनक और विडंबनापूर्ण है कि एक शिक्षिका जो खुद सिर पर हिजाब पहनती हैं, उन्होंने एक छात्रा को ऐसा करने से रोक दिया। शिवनकुट्टी ने हिजाब पहनने पर कोच्चि के एक चर्च संचालित विद्यालय में छात्रा को प्रवेश न देने को लेकर यह बात कही।
'कोई भी संस्था नियमों के ऊपर नहीं'
मंत्री ने कहा कि राज्य के सभी निजी विद्यालय केरल शिक्षा नियम के तहत संचालित होते हैं और कोई भी संस्था इन नियमों के ऊपर नहीं है। शिवनकुट्टी ने कोच्चि के पल्लुरुथी इलाके में स्थित सेंट रीटा पब्लिक स्कूल में हाल में हुए हिजाब विवाद के संदर्भ में यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा, 'यह हैरान करने वाली बात है कि जो शिक्षिका खुद हिजाब पहनती हैं, वह एक छात्रा को ऐसा करने की अनुमति नहीं दे रही हैं। यह विडंबना है।'
ये भी पढ़ें: हिजाब विवाद के बाद किसी और स्कूल में बेटी का दाखिला कराएंगे माता-पिता, छात्रा बोली- अब वहां नहीं जाऊंगी
'छात्रा की पढ़ाई के लिए बनाएं माहौल'
मंत्री ने आगे कहा कि सरकार चुपचाप देखती नहीं रहेगी, अगर किसी बच्चे को केवल हिजाब पहनने की वजह से कक्षा में आने से रोका जाता है। उन्होंने बताया, 'हमने जांच करवाई, विद्यालय की तरफ से कुछ खामियां पाईं और उन्हें सुधारने के निर्देश दिए।' मंत्री ने कहा कि स्कूल को अपनी 'जिद' और 'दुश्मनी' छोड़कर ऐसा माहौल बनाना चाहिए, जिससे बच्ची अपनी पढ़ाई शांति से जारी रख सके।
छात्र की आत्महत्या के मामले पर भी बोले मंत्री
जब उनसे पूछा गया कि विपक्ष और विद्यालय प्रबंधन यह आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने मामले को और बिगाड़ा, तो शिवनकुट्टी ने कहा, जब विद्यालय यह कहता है कि मंत्री को दखल नहीं देना चाहिए, तो सरकार चुप कैसे रह सकती है? इसके अलावा, मंत्री ने पलक्कड़ जिले के कन्नाड़ी उच्च शिक्षा विद्यालय में कक्षा नौवीं के छात्र की आत्महत्या के मामले पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि उप शिक्षा निदेशक की रिपोर्ट संतोषजनक नहीं है। इसलिए मैंने शिक्षा निदेशक से कहा है कि एक विस्तृत जांच करें और एक हफ्ते में रिपोर्ट दें। आगे की कार्रवाई उसी रिपोर्ट के आधार पर होगी। उन्होंने यह भी कहा कि विद्यालयों में शांति का माहौल बनाए रखना छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों की साझा जिम्मेदारी है।
कमरे में फांसी पर लटका मिला नाबालिग
पुलिस के मुताबिक, अर्जुन (14 वर्षीय) पल्लंचथनूर (पलक्कड़) का रहने वाला था। मंगलवार शाम करीब साढ़े चार बजे वह अपने कमरे में फांसी पर लटका मिला। प्राथमिकी के मुताबिक, अर्जुन ने यह कदम तब उठाया, जब उसकी मां ने उसे इंस्टाग्राम पर भेजे गए कुछ संदेशों के बारे में डांटा और यह भी कहा कि शायद उसे किसी और विद्यालय में भेजा जा सकता है। परिजनों ने आरोप लगाया कि एक शिक्षक ने अर्जुन को सोशल मीडिया पर संदेश भेजने के लिए चेतावनी दी थी।
ये भी पढ़ें: 'रोजमर्रा के मामलों में न दें CBI जांच का आदेश', सुप्रीम कोर्ट का सांविधानिक अदालतों को निर्देश
परिवार के एक सदस्य ने कहा, हमें बाद में अन्य छात्रों से पता चला कि शिक्षक ने अर्जुन से कहा था कि उसके संदेशों की वजह से उसके खिलाफ साइबर मामला दर्ज हो सकता है और उसे गिरफ्तार भी किया जा सकता है। इस घटना के बाद केएसयू, एसएफआई और एबीवीपी से जुड़े छात्रों ने विद्यालय परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन तब खत्म हुआ जब एक शिक्षिका और प्रधानाध्यापिका को निलंबित कर दिया गया।

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'कोई भी संस्था नियमों के ऊपर नहीं'
मंत्री ने कहा कि राज्य के सभी निजी विद्यालय केरल शिक्षा नियम के तहत संचालित होते हैं और कोई भी संस्था इन नियमों के ऊपर नहीं है। शिवनकुट्टी ने कोच्चि के पल्लुरुथी इलाके में स्थित सेंट रीटा पब्लिक स्कूल में हाल में हुए हिजाब विवाद के संदर्भ में यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा, 'यह हैरान करने वाली बात है कि जो शिक्षिका खुद हिजाब पहनती हैं, वह एक छात्रा को ऐसा करने की अनुमति नहीं दे रही हैं। यह विडंबना है।'
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'छात्रा की पढ़ाई के लिए बनाएं माहौल'
मंत्री ने आगे कहा कि सरकार चुपचाप देखती नहीं रहेगी, अगर किसी बच्चे को केवल हिजाब पहनने की वजह से कक्षा में आने से रोका जाता है। उन्होंने बताया, 'हमने जांच करवाई, विद्यालय की तरफ से कुछ खामियां पाईं और उन्हें सुधारने के निर्देश दिए।' मंत्री ने कहा कि स्कूल को अपनी 'जिद' और 'दुश्मनी' छोड़कर ऐसा माहौल बनाना चाहिए, जिससे बच्ची अपनी पढ़ाई शांति से जारी रख सके।
छात्र की आत्महत्या के मामले पर भी बोले मंत्री
जब उनसे पूछा गया कि विपक्ष और विद्यालय प्रबंधन यह आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने मामले को और बिगाड़ा, तो शिवनकुट्टी ने कहा, जब विद्यालय यह कहता है कि मंत्री को दखल नहीं देना चाहिए, तो सरकार चुप कैसे रह सकती है? इसके अलावा, मंत्री ने पलक्कड़ जिले के कन्नाड़ी उच्च शिक्षा विद्यालय में कक्षा नौवीं के छात्र की आत्महत्या के मामले पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि उप शिक्षा निदेशक की रिपोर्ट संतोषजनक नहीं है। इसलिए मैंने शिक्षा निदेशक से कहा है कि एक विस्तृत जांच करें और एक हफ्ते में रिपोर्ट दें। आगे की कार्रवाई उसी रिपोर्ट के आधार पर होगी। उन्होंने यह भी कहा कि विद्यालयों में शांति का माहौल बनाए रखना छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों की साझा जिम्मेदारी है।
कमरे में फांसी पर लटका मिला नाबालिग
पुलिस के मुताबिक, अर्जुन (14 वर्षीय) पल्लंचथनूर (पलक्कड़) का रहने वाला था। मंगलवार शाम करीब साढ़े चार बजे वह अपने कमरे में फांसी पर लटका मिला। प्राथमिकी के मुताबिक, अर्जुन ने यह कदम तब उठाया, जब उसकी मां ने उसे इंस्टाग्राम पर भेजे गए कुछ संदेशों के बारे में डांटा और यह भी कहा कि शायद उसे किसी और विद्यालय में भेजा जा सकता है। परिजनों ने आरोप लगाया कि एक शिक्षक ने अर्जुन को सोशल मीडिया पर संदेश भेजने के लिए चेतावनी दी थी।
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परिवार के एक सदस्य ने कहा, हमें बाद में अन्य छात्रों से पता चला कि शिक्षक ने अर्जुन से कहा था कि उसके संदेशों की वजह से उसके खिलाफ साइबर मामला दर्ज हो सकता है और उसे गिरफ्तार भी किया जा सकता है। इस घटना के बाद केएसयू, एसएफआई और एबीवीपी से जुड़े छात्रों ने विद्यालय परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन तब खत्म हुआ जब एक शिक्षिका और प्रधानाध्यापिका को निलंबित कर दिया गया।