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Assam: तेजपुर विश्वविद्यालय ने विकसित किया बोडो भाषा के लिए मोबाइल एप, कुलपति शंभूनाथ सिंह ने किया लॉन्च

एन. अर्जुन, तेजपुर/गुवाहाटी Published by: Jeet Kumar Updated Thu, 31 Aug 2023 11:03 PM IST
सार

तेजपुर विश्वविद्यालय (टीयू) के छात्रों और संकाय सदस्यों की एक टीम ने बोडो लिखने के लिए एक मोबाइल एप विकसित किया है। "डेम्सी" नाम का एप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है।

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Tezpur University developed mobile app for Bodo language
कुलपति प्रो. शंभूनाथ सिंह ने एप किया लॉन्च - फोटो : अमर उजाला
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तेजपुर विश्वविद्यालय (टीयू) के छात्रों और संकाय सदस्यों की एक टीम ने बोडो लिखने के लिए एक मोबाइल एप विकसित किया है। "डेम्सी" नाम का एप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है और जब उपयोगकर्ता किसी शब्द के पहले कुछ अक्षर टाइप करता है तो संभावित शब्द सुझाकर बोडो टाइपिंग को सुविधाजनक बनाता है। गुरुवार को इस एप का लांच विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शंभू नाथ सिंह ने किया। 



अमर उजाला से खास बातचीत में इस प्रो. सिंह ने कहा, नई शिक्षा नीति के तहत स्थानीय भाषाओं को बढ़ावा देने की योजना के तहत इसे विकसित किया गया है। प्रो. सिंह ने कहा कि एप बोडो भाषा को लोकप्रिय बनाने में मदद करेगा, जो असम की प्रमुख भाषाओं में से एक है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर भारत में 30 लाख से अधिक लोग अपनी मातृभाषा बोडो बोलते हैं और एप उनके लिए अपनी भाषा में लिखना आसान बना देगा।
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जानकारी के मुताबिक इसका इस्तेमाल मौजूदा सॉफ्टवेयर जैसे व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, ईमेल आदि के साथ किया जा सकता है। एप का विकास कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग (सीएसई) में एमटेक (आईटी) के छात्र सुडेम दैमारी द्वारा शुरू किया गया था। बाद में उनके साथ सीएसई विभाग के पूर्व छात्र और उप-विभागीय जनजातीय विकास बोर्ड, तेजपुर के अध्यक्ष डॉ. नयन बसुमतारी ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। एप को सीएसई विभाग के प्रोफेसर उत्पल शर्मा और क्रमशः बीटेक (ईसीई) और पीएचडी (सीएसई) के छात्र सुजल कुमार और मानस प्रतिम लहकर द्वारा विकसित किया गया।



एप को गुरुवार को तेजपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर शंभू नाथ सिंह ने लॉन्च किया। प्रो. सिंह ने कहा कि एप बोडो भाषा को लोकप्रिय बनाने में मदद करेगा, जो असम की प्रमुख भाषाओं में से एक है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर भारत में 30 लाख से अधिक लोग अपनी मातृभाषा बोडो बोलते हैं और एप उनके लिए अपनी भाषा में लिखना आसान बना देगा।

एप के डेवलपर्स में से एक, प्रोफेसर उत्पल शर्मा ने बताया कि यह गलत वर्तनी जांचकर्ता और शब्द सुझाव प्रणाली का उपयोग करके काम करता है। उन्होंने कहा कि एप को उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाया गया है और इसका उपयोग बोडो भाषा में दक्षता के सभी स्तरों के लोग कर सकते हैं। एप के एक अन्य डेवलपर डॉ. नयन बसुमतारी ने कहा कि यह बोडो भाषा के लिए अपनी तरह के पहले एप में से एक है। उन्होंने कहा कि एप बोडो बोलने वालों के लिए एक मूल्यवान उपकरण है और यह भाषा के उपयोग को बढ़ावा देने में मदद करेगा। एप लॉन्च समारोह में बोडो साहित्य सभा, ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन के सदस्यों और दरांग और तेजपुर कॉलेजों के छात्रों ने भाग लिया।

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