VP Polls: गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को महाराष्ट्र का अतिरिक्त कार्यभार; सीपी राधाकृष्णन की लेंगे जगह
भारत के नए उपराष्ट्रपति बने सीपी राधाकृष्णन ने महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से इस्तीफा दे दिया है।राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को महाराष्ट्र का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है। आसे में अब देवव्रत दोनों राज्यों के राज्यपाल की जिम्मेदारी संभालेंगे।
भारत के नए उपराष्ट्रपति बने सीपी राधाकृष्णन ने महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से इस्तीफा दे दिया है।राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को महाराष्ट्र का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है। आसे में अब देवव्रत दोनों राज्यों के राज्यपाल की जिम्मेदारी संभालेंगे।

विस्तार
भारत के नए उपराष्ट्रपति बने सीपी राधाकृष्णन ने महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से गुरुवार को इस्तीफा दे दिया। राष्ट्रपति भवन की तरफ से बयान जारी कर यह जानकारी दी गई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राधाकृष्णन के इस्तीफे के बाद गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को महाराष्ट्र का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है। वे अब दोनों राज्यों के राज्यपाल की जिम्मेदारी संभालेंगे।

राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी बयान में आगे बताया गया कि सीपी राधाकृष्णन के उपराष्ट्रपति चुने जाने के बाद महाराष्ट्र के राज्यपाल का पद खाली हुआ। इसके चलते राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को महाराष्ट्र का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है।
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सीपी राधाकृष्णन बने अगले उपराष्ट्रपति
बता दें कि बीते 21 जुलाई को जगदीप धनखड़ के अचानक उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफे देने के बाद उपराष्ट्रपति पद को लेकर चर्चा तेज हो गई कि भारत का अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा? ऐसे में बीते नौ सितंबर को इसके लिए चुनाव हुए। 67 वर्षीय एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने मंगलवार को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार बी सुधर्शन रेड्डी को 152 वोटों से हराकर, भारत के नए उपराष्ट्रपति बन गए।
कौन हैं आचार्य देवव्रत?
अब बात अगर आचार्य देवव्रत की करें तो वे एक शिक्षाविद, समाजसेवी और वैदिक विद्वान के रूप में जाने जाते हैं। वे लंबे समय तक गुरुकुल शिक्षा प्रणाली से जुड़े रहे हैं। उन्होंने हरियाणा के गुरुकुल कुरुक्षेत्र में प्रधानाचार्य के रूप में काम किया है। शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें सम्मानित भी किया गया है।
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कैसा रहा है राजनीतिक सफर?
आचार्य देवव्रत ने अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत शिक्षा और समाज सेवा से की थी। 2015 में उन्हें हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया, जो उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत मानी जाती है। जुलाई 2019 में वे गुजरात के राज्यपाल नियुक्त किए गए, और तब से इस पद पर कार्यरत हैं। ऐसे में अब, 2025 में उन्हें महाराष्ट्र के राज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।