Chandra Grahan 2025 : आज 3.29 घंटे का चंद्र ग्रहण, दोपहर 12:19 बजे से सूतक काल; जानें क्या करें क्या नहीं
Chandra Grahan 2025 in India Live Updates Sutak Kaal Time : आज साल का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण लगेगा, जो भारत में भी दिखाई देगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इसे अशुभ काल माना जाता है और सूतक काल भी मान्य होगा। ज्योतिषीय दृष्टि से इसका असर 12 राशियों और 27 नक्षत्रों पर पड़ेगा, जिससे कुछ लोगों को लाभ होगा और कुछ को सावधानी बरतनी होगी। अमर उजाला के इस लाइव ब्लॉग में जानिए जरूरी बातें


लाइव अपडेट
चंद्र ग्रहण सूतक काल
- इस साल 7 सितंबर 2025 को लगने वाले चंद्र ग्रहण का सूतक काल दोपहर 12:19 बजे से शुरू होगा और इसकी समाप्ति अगले दिन यानी 8 सितंबर को रात 1:26 बजे होगी।
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूतक काल में कई नियमों का पालन करना आवश्यक होता है।
- खास बात यह है कि बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों के लिए सूतक की शुरुआत थोड़ी देर से मानी जाती है। उनके लिए सूतक शाम 6:36 बजे से प्रभावी होगा।
शिव मंत्र जाप
ॐ नमः शिवाय
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि
तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
श्री महेश्वराय नमः
श्री सांबसदाशिवाय नमः
चंद्रग्रहण पर शिव मंत्र जप का महत्व : Shiv Mantra Jaap on Chandra Grahan
चंद्र ग्रहण में क्या न करें : Chandra Grahan Mein Kya Na Kare
- ग्रहण के समय भोजन करने से बचें, इसे अशुभ माना गया है।
- सोना और तेल मालिश इस अवधि में वर्जित है।
- ग्रहण के दौरान पानी पीना और स्नान करना टालना चाहिए।
- इस समय बालों में कंघी करना और दांत साफ करना मना होता है।
- देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को छूना वर्जित माना जाता है।
Chandra Grahan 2025 Time & Visibility in India: भारत में चंद्र ग्रहण कब और कहां दिखेगा
इस बार का चंद्र ग्रहण भारत सहित पूरे एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका में साफ दिखाई देगा। इसके अलावा पश्चिमी, उत्तरी और पूर्वी अमेरिका, अटलांटिक, हिंद महासागर, प्रशांत महासागर और अंटार्कटिका क्षेत्र में भी इसकी झलक देखी जा सकेगी। खास तौर पर भारत, चीन, बांग्लादेश, म्यांमार, इंडोनेशिया, थाईलैंड, जापान, रूस, जर्मनी, तुर्की, फ्रांस, इटली, स्पेन, ब्रिटेन और नाइजीरिया जैसे देशों में यह खग्रास रूप में नज़र आएगा। वहीं पुर्तगाल, ब्राजील और अमेरिका के कुछ हिस्सों में यह आंशिक रूप से दिखाई देगा।
चंद्रग्रहण पर क्या करें दान : What to Donate on Chandra Grahan
इस दिन आप इन चीजों का दान कर सकते हैं-
- चावल
- चीनी
- दूध
- दही
- चांदी
- सफेद कपड़े
- नारियल
- धन
चंद्रग्रहण के दिन न करें ये काम
- पीपल, तुलसी और बरगद जैसे पवित्र वृक्षों को न छुएं।
- देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को स्पर्श करने से बचें।
- गर्भवती महिलाएं घर से बाहर न निकलें और नुकीली चीजों का प्रयोग न करें।
- बाल और नाखून काटना अशुभ माना जाता है, इसलिए इससे बचें।
- ग्रहण के दौरान शारीरिक परिश्रम कम करें।
- इस समय यात्रा करने से बचना शुभ माना गया है।
चंद्र ग्रहण पर करें इस चंद्र मंत्र का जाप
चंद्र ग्रहण के दिन चंद्रमा के विशेष मंत्र “ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः” का जाप करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। इस मंत्र का नियमित जप करने से मन को शांति मिलती है और मानसिक तनाव धीरे-धीरे कम होने लगता है। साथ ही, पारिवारिक जीवन में चल रही अशांति और धन से जुड़ी रुकावटें भी दूर होने लगती हैं। यह जाप व्यक्ति को आंतरिक संतुलन, सुख और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है।चंद्रग्रहण से जुड़ी पौराणिक कथा
इसी बीच, स्वरभानु नाम का एक दानव चुपके से देवताओं का वेश धारण कर उनकी पंक्ति में बैठ गया और अमृत पीने लगा। सूर्य और चंद्रमा ने उसकी चालाकी पकड़ ली और तुरंत भगवान विष्णु को बता दिया। विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से स्वरभानु का सिर धड़ से अलग कर दिया। लेकिन अमृत का एक घूंट पीने के कारण उसकी मृत्यु नहीं हुई। उसका सिर राहु और धड़ केतु कहलाया। चूंकि सूर्य और चंद्रमा ने उसका भेद खोला था, इसलिए राहु-केतु समय-समय पर सूर्य और चंद्रमा को ग्रसित कर लेते हैं, जिसे हम ग्रहण कहते हैं।
चंद्र ग्रहण का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व
चंद्र ग्रहण का समय धार्मिक और ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार बेहद खास माना जाता है। इस दौरान पूजा-पाठ, मंत्र-जाप, ध्यान और दान करने से शुभ फल कई गुना बढ़ जाते हैं। माना जाता है कि इस समय किया गया आध्यात्मिक कार्य सीधे पितरों और देवी-देवताओं तक पहुँचता है।
वहीं, सूतक काल में कुछ नियमों का कड़ाई से पालन करना आवश्यक होता है। इस दौरान भोजन बनाना और खाना, सोना, तेल लगाना, बाल या नाखून काटना तथा धारदार वस्तुओं का उपयोग करना वर्जित माना जाता है। इन नियमों का पालन करने से ग्रहण के दुष्प्रभाव कम होते हैं और शुभ फल की प्राप्ति होती है।
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