Rajasthan Vidhan Sabha : सदस्यों के व्यवहार से दुखी हुए अध्यक्ष देवनानी, रो दिए,बोले-कभी पक्षपात नहीं किया
Rajasthan Vidhan Sabha News Live: राजस्थान विधानसभा में मंगलवार के दिन एक नया इतिहास बन गया। बिना प्रतिपक्ष के ही विधानसभा की कार्यवाही चली। कांग्रेस विधायक सदन के बाहर धरने पर बैठे। विधानसभा अध्यक्ष के सामने गोविंद सिंह डोटासरा के निलंबन का मुद्दा उठा। वहीं विधानसभा अध्यक्ष भी भावुक होकर रो दिए ।


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मंगलवार को राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही कांग्रेस विधायकों के हंगामे के बाद भी चलती रही। बिना विपक्ष के सदन को चलाया गया। अब 12 मार्च को सदन से बजट पास होगा। विधानसभा की कार्य सलाहकार समिति ने अगली तारीखों के कामकाज की रुपरेखा दे दी है। इसके अनुसार 28 फरवरी से अनुदानों की मांगों पर बहस रखी गई है। इसके बाद विधानसभा में दो दिन छुट्टी रहेगी। इसके अलावा आठ और नौ मार्च को सदन नहीं चलेगा। बचे हुए पांच दिनों यानि तीन,चार,पांच,छह और सात मार्च को अनुदान मांगों को बहस के बाद पारित किया जा सकता है। 10 और 11 मार्च को मांगों पर बहस के बाद 12 मार्च को बजट पास किया जा सकता है।
कांग्रेस विधायकों के निलंबन को लेकर राजस्थान विधानसभा में सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष के बीच विवाद और गहरा हो गया है। सत्ता पक्ष ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को सदन से परमानेंट निकालने की मांग रखी। वहीं स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कहा कि डोटासरा पर सदन में उनके लिए अपशब्द बोले इसलिए वे सदन के सदस्य बने रहने योग्य नहीं है।
आरएलडी विधायक सुभाष गर्ग ने सरकार और स्पीकर से गतिरोध खत्म करने की मांग रखी है। उन्होंने कहा कि पहले बीजेपी विधायक भी आसन पर चढे हैं। इसलिए इस गतिरोध को खत्म किया जाए।
सदन में देवनानी हुए भावुक, रो दिए
राजस्थान विधानसभा में सदन के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर अपमानजनक व्यवहार करने और अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने का आरोप लगाया। इस दौरान देवनानी इतने भावुक हो गए कि सदन में उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े। देवनानी बोले, मैंने कभी पक्षपात नहीं किया, फिर भी आरोप लगते हैं।
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Rajasthan Assembly: सदन में हंगामे के दौरान स्पीकर वासुदेव देवनानी हुए भावुक, कांग्रेस पर लगाया अपमान का आरोप
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी का यहां देखें वीडियो-
पूर्व सीएम अशोक गहलोत भी धरना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि अनावश्यक रूप से सत्ता पक्ष की तरफ से यह विवाद खड़ा किया गया है। उन्होंने कहा कि टिप्पणी को लेकर माफी मांग ली जाती तो बात वहीं खत्म हो जाती।
सदन में स्पीकर ने दी नई व्यवस्था
राजस्थान विधानसभा के स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कहा कि कोई भी सदस्य यदि खड़े होकर आसान की अव्हेलना करेगा वो निलंबित माना जाएगा। कोई प्रस्ताव लाने की जरूरत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने सदन में धरना प्रदर्शन किया। इसके लिए सभी तरह की व्यवस्थाएं भी की गई। बाप को बड़ा मन रखना पड़ता है पर बेटे को भी बेटा धर्म निभाना पड़ता है।
जयपुर सिविल लाइन्स के विधायक गोपाल शर्मा ने कहा कि विधायक गोविंद सिंह डोटासरा की सदस्यता को पूरे कार्यकाल के लिए रद्द किया जाना चाहिए। अगर कड़े फैसले नहीं लिए जाते हैं तो हम लोग पाप के भागीदार बनते हैं। ऐसे शब्दों का उपयोग कभी किसी अध्यक्ष के लिए नहीं किया गया है।
संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि स्पीकर वासुदेव देवनानी ने अपना दायित्व पूरे नियमों के अनुसार निभाया है। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष ने आसान के प्रति गैर जिम्मेदार बयान दिया है। इसके बाद भी दोनों पक्षों को बैठाकर आपने बात की। इसके बाद भी कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष ने गैर जिम्मेदार काम किया है। कल का दिन कांग्रेस के लिए काला दिवस के रूप में याद किया जाएगा। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष का बयान सभी जगह रिकार्ड हो गया है। इससे पूरे राजस्थान में कांग्रेस छवि खराब हुई है। वे सदन को हाईजैक करना चाहते हैं। राजस्थान की जनता सबकुछ देख रही है। ऐसा कौनसा जनहित का मुद्दा है जिस पर उन्होंने सदन में गतिरोध बना रखा है।
ये सरकार काम नहीं कर रही है। सदन चलाने के लिए ऐसा नहीं किया जाता है। मंत्री ने जो गलत कहा उस पर माफी नहीं मांगी गई है। हम जनता के लोग हैं। अमर्यादित टिप्पणी करने पर भी माफी नहीं मांगी गई है। मंत्री अविनाश गहलोत की टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से नहीं हटाया गया है।
शिव विधायक रवीन्द्र सिंह भाटी ने सदन में कहा कि भारत पाकिस्तान सीमा पर बहुत से मठ हैं। इनकी स्थिति सुधारने के लिए सरकार कदम उठाए। यहां स्थित ख्याला मठ बहुत महत्वपूर्ण है। यहां की जमीन उपहार के स्वरुप दी गई थी। ये पश्चिमी राजस्थान की आस्था का केन्द्र हैं। आस्था के केन्द्र रखने वाले मठों को लेकर सरकार शिवरात्री पर बड़ी घोषणा करें। शिव में बाबा गरीब नाथ का भी मठ है। ये मठ जीवन यापन के लिए भी लोगों को मदद करते हैं। युध्द के समय भी संत महात्मा लड़ने के लिए आगे आते थे। सभी विधायकों एक निजी बल लाएं। बाबा गरीब नाथ के मठ के लिए कुछ किया जाए।