Jaisalmer Bus Fire Live: जैसलमेर बस हादसे को लेकर FIR, बस मालिक-ड्राइवर आरोपी, कुछ दिन पहले मिला था परमिट
मंगलवार दोपहर हुए जैसलमेर हादसे के बाद अब मृतकों की पहचान के लिए डीएनए जांच की व्यवस्था की गई है। एक और घायल 10 वर्षीय यूनुस की मौत के बाद मौत का आंकड़ा 21 पर पहुंच गया है। हादसे को लेकर पहली FIR भी दर्ज हो गई है


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जैसलमेर बस हादसे में जिंदा जले पत्रकार राजेंद्र सिंह चौहान के बड़े भाई चंदन सिंह ने बस मालिक और ड्राइवर के खिलाफ जैसलमेर के सदर थाने में मामला दर्ज करवाया है। जानकारी के अनुसार, हादसे के लगभग 24 घंटे बाद यह पहली एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि जिस बस में आग लगी, उसे कुछ दिन पहले ही परमिट जारी किया गया था। बस RJ 09 PA 8040 नंबर की है। ट्रैवल कंपनी ने इस बस के प्रमोशनल वीडियो सोशल मीडिया पर भी शेयर किए थे, जिसमें इसे लग्ज़री और पूरी तरह सुरक्षित बताया गया था।
बस हादसे के घायलों का इलाज महात्मा गांधी अस्पताल जोधपुर में चल रहा है। गंभीर रूप से 14 घायलों का उपचार बर्न यूनिट में हो रहा है। राजस्थान सरकार के मंत्री के के बिश्नोई अस्पताल पहुंचे। उन्होंने कहा कि व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का प्रयास हो रहा है। पूरे घटनाक्रम की जांच हो रही है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी इस अग्निकांड को लेकर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि घटना की जांच होगी।
बस हादसे में मृतकों की पहचान के लिए डीएनए सैंपल लिए जा रहे हैं। जैसलमेर, जोधपुर के अलावा फलोदी में भी DNA सैंपल लिए गए हैं। फलोदी में एक वृद्ध महिला का सैम्पल लिया गया है। जयपुर से चार DNA एक्सपर्ट की टीम जोधपुर पहुंची है। 24 घंटे में DNA की रिपोर्ट के आधार पर शवों को परिवार वालों के सुपुर्द किया जाएगा।
जोधपुर के गांधी अस्पताल में भर्ती यूनुस की इलाज के दौरान मौत हो गई है। मृतकों का आंकड़ा 21 तक पहुंच गया है।
मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल बीएस जोधा ने बताया कि 10:00 बजे तक सभी मरीज यहां आ गए थे, जिसकी जैसी जरूरत थी वैसी व्यवस्थाएं करके तीन मरीजों को तुरंत वेंटीलेटर पर लिया गया दो को ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ रखा गया है। दो-तीन मैरिज 75 और 80 प्रतिशत से ज्यादा है 5-6 मरीज 50 प्रतिशत से अधिक बर्न हैं। दूसरे बचे मरीजों में बर्न की संख्या थोड़ी कम है, जो व्यवस्था है सरकार के स्तर से मरीजों के लिए की जा रही है वह सभी कर ली गई है। आवश्यकता अनुसार और परिजनों के लिए भी व्यवस्थाएं की जा रही है कंट्रोल रूप स्थापित कर दिया गया है डीएनएस सैंपलिंग के लिए जयपुर और जोधपुर की टीम में लगी है। हमारा प्रयास है कि मरीज और परिजनों जो साथ आए हैं उन्हें कम से कम परेशानी हो।
जैसलमेर में हुई दुखांतिका के बाद जोधपुर में मृतकों की सैंपलिंग शुरू हो चुकी है। महात्मा गांधी अस्पताल के अधीक्षक फतेह सिंह ने बताया कि डीएनए सैंपलिंग शुरू हो चुकी है। हमें शवों के आने के समाचार मिल गया था। इसलिए हमने रात में ही सारी व्यवस्थाएं कर ली थीं। यहां 12 शव रखने की क्षमता है। दो शव पहले से थे, इसलिए एम्स से संपर्क किया गया। जीत मेडिकल कॉलेज से संपर्क किया गया। व्यास मेडिकल कॉलेज से संपर्क किया गया और हमने प्लान बना लिया था कि शवों को कहां-कहां भेजेंगे और कहां-कहां रखेंगे। यह सारा काम हो चुका है। एफएसएल की टीम भी आ चुकी है। पुलिस से भी सारी लिस्ट मिल चुकी है कि किन-किन का सैंपल लेने की आवश्यकता है। कुछ डॉक्यूमेंट की भी आवश्यकता होती है, जैसे परिजनों के नाम पते फोटो मृतकों के भी सारे रिकॉर्ड की आवश्यकता होती है, ताकि किसी तरह की बाद में कोई गलती की संभावना नहीं रहे। इसलिए सारे दस्तावेज पूरा करके हमने सैंपलिंग शुरू कर दी है। गांधी अस्पताल में है एम्स में भी 10 शव हैं। डेड बॉडी का डीएनए जैसलमेर में लिया जा चुका है। परिजनों की सैंपलिंग यहां ली जा रही है। उसके बाद मिलान किया जाएगा। संभवत: 24 घंटे में यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
जोधपुर रैफर होकर आए मरीजों में से पांच की हालत बिगड़ गई है। उन्हें वेंटिलेटर पर डाला गया है। इसी बीच जैसलमेर के CMHO डॉ. राजेन्द्र पालीवाल ने बताया कि मंंगलवार देर रात से बुधवार सुबह तक करीब 10 परिजनों के DNA सैंपल लेकर जोधपुर भेजे गए हैं। आज जवाहिर हॉस्पिटल में सैंपल लिए जा रहे हैं। जिले के प्रभारी मंत्री मदन दिलावर भी जोधपुर पहुंच रहे हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जैसलमेर बस हादसे में 20 लोगों के जिंदा जलने पर मीडिया के प्रश्न को लेकर एक्स पर अपना रिएक्शन पोस्ट किया है। उन्होंने कहा- बहुत बुरा हादसा हुआ है। अभी और हुए थे दूदू के पास में भी और एक तो, हादसे का क्या करें। 20 लोग मारे गए। वेंटीलेटर पर हैं लोग, 70% बर्न हैं। ये बहुत ही दुखद घटना है और मेरे ख्याल से तो ये तो जांच का विषय भी है बस में आग लगी क्यों, ये जांच का विषय भी हो सकता है। मैंने सुना कोई दस दिन पहले ही बस खरीदी थी तो पता नहीं कोई टेक्निकल गलती तो नहीं है। ऐसे वक्त में कोई लापरवाही नहीं करनी चाहिए, बाकायदा कंपनी में कंप्लेंट करनी चाहिए। रवाना हुई थी बस, एक्सीडेंट भी नहीं हुआ और ये हादसा हुआ क्यों, कोई टेक्निकली फाल्ट हो गई, आग लग गई। आग लगते ही जो दरवाजे थे वो लॉक हो गए। सरकार को चाहिए कि इसकी बाकायदा कंपनी से बात करके इसकी जांच भी करवाए।
हादसे को लेकर हम ईश्वर से प्रार्थना ही कर सकते हैं कि मृत आत्माओं को शांति प्रदान करें, जो अभी तकलीफ में हैं अस्पताल में वो जल्दी स्वस्थ हों यही हमारी कामना है, परिवारजनों के लिए भी यही कह सकते हैं कि बहुत बड़ा हादसा हुआ है बहुत दुखद है, भगवान आपको शक्ति दे।
जैसलमेर में बस जलने से 20 लोगों के जिंदा जलने की घटना पर मीडिया के प्रश्न को लेकर मेरा रिएक्शन :
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) October 15, 2025
बहुत बुरा हादसा हुआ है, ये हादसे अभी और हुए थे दूदू के पास में भी और एक तो, हादसे का क्या करें, 20 लोग मारे गए, वेंटीलेटर पर हैं लोग, 70% बर्न है तो ये बहुत ही दुखद घटना है और मेरे… pic.twitter.com/DmOPcn1f0K

जैसलमेर हादसे में मृतकों की पहचान के लिए डीएनए टेस्टिंग शुरू हो चुकी है। इस भयानक दुखांतिका से परिजन सदमे में हैं। ऐसे में जब 11 बजे डीएनए जांच शुरू होने की बात सामने आई तो दर्द में डूबे परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा। अपने बड़े भाई को हादसे में खो चुके एक परिजन का कहना है कि मुख्यमंत्री हमारी बात क्यों नहीं सुन रहे? डॉक्टर अभी तक अस्पताल नहीं पहुंचे हैं... हमने अपनों को खो दिया है, कुछ दिन सब इस मुद्दे पर बात करेंगे और फिर सब भूल जाएंगे... डॉक्टर सुबह 11 बजे ही क्यों आएंगे?... परिजन दर्द में हैं, लेकिन कोई नहीं समझ रहा कि हम किस हाल में हैं। आप मुझसे तरह-तरह के सवाल पूछ रहे हैं, जरा अंदर जाकर यह भी पूछिए कि डॉक्टर अभी तक क्यों नहीं आए? DNA टेस्ट सुबह 11 बजे ही क्यों होगा? पूरी सिस्टम रात के 12 बजे तक अपराधियों के लिए जाग जाती है, लेकिन आम आदमी के लिए अस्पताल में कोई नहीं है। मैंने अपने भाई को खो दिया है, और आप यह नहीं देख पा रहे कि हम सब क्या झेल रहे हैं।
Jaisalmer Bus Fire Live: जैसलमेर बस हादसे को लेकर FIR, बस मालिक-ड्राइवर आरोपी, कुछ दिन पहले मिला था परमिट
हादसे की भयावहता ऐसी कि कई शव बस के भीतर एक-दूसरे से चिपके मिले। ऐसे में शवों की पहचान को लेकर प्रशासन ने डीएनए जांच की व्यवस्था की है। मृतकों की पहचान के लिए उनके दो निकटतम परिजनों से डीएनए सैंपल लिए जाएंगे। इसके लिए महात्मा गांधी अस्पताल, जोधपुर के कॉटेज संख्या 4 एवं 5 और जवाहर अस्पताल, जैसलमेर के ट्रॉमा सेंटर में विशेष व्यवस्था की गई है।
साथ ही प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि जिनके परिजन इस हादसे के बाद लापता हैं, वे नीचे दिए गए हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करके जानकारी ले सकते हैं।
जोधपुर हेल्पलाइन नंबर:
जिला नियंत्रण कक्ष: 0291-2650349, 2650350
महात्मा गांधी अस्पताल: 9414159222
राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला (FSL), जोधपुर: 9414919021
जैसलमेर हेल्पलाइन नंबर:
ट्रॉमा सेंटर, जवाहर अस्पताल: 9460106451, 9636908033
जिला हेल्पलाइन: 9414801400, 8003101400, 02992-252201, 02992-255055