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मोदी के फैन हैं तो घूम आइए 'मोदी का खास गांव'
टीम डिजिटल/अमर उजाला।
Updated Mon, 13 Apr 2015 03:34 PM IST
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गुजरात के लोग बिजनेस के नए नए तरीके खोजने में माहिर हैं। इसी बात की बानगी है वडनगर का वो गांव जो एक टूरिस्ट प्लेस के रूप में पॉपुलर हो गया है।मात्र छह सौ रुपए में आप एक दिन के टूर पैकेज पर मोदी के घर, स्कूल, रेलवे स्टेशन और उस नदी को देख सकते हैं जहां मोदी ने कभी मगरमच्छ पकड़ा था।
इस टूर के तहत जनवरी में होने वाले प्रवासी भारतीय सम्मेलन में आ रहे अप्रवासियों को मोदी के गांव की सैर कराई गई और ये टूर बेहद कामयाब रहा। अक्षर ट्रेवल टूर कंपनी द्वारा बनाए गए इस टूर प्लान का नाम 'द राइज फ्राम द मोदीज विलेज' रखा गया है और गुजरात सरकार इसे प्रमोट भी कर रही है। कंपनी अब रोज इस टूर को संचालित कर रही है और ये काफी कामयाब भी है।
अक्षर ट्रेवल्स के डायरेक्टर मनीष शर्मा ने कहा है कि वडनगर का ये इलाका तब चर्चा में आया जब मोदी प्रधानमंत्री बने और लोगों की दिलचस्पी उनके अतीत को जानने में जगी। उनका कहना है कि गुजरात सरकार को उनका टूर पैकेज पसंद आया और सरकार ने इस प्रमोट करने पर सहमति दी।

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इस टूर के तहत जनवरी में होने वाले प्रवासी भारतीय सम्मेलन में आ रहे अप्रवासियों को मोदी के गांव की सैर कराई गई और ये टूर बेहद कामयाब रहा। अक्षर ट्रेवल टूर कंपनी द्वारा बनाए गए इस टूर प्लान का नाम 'द राइज फ्राम द मोदीज विलेज' रखा गया है और गुजरात सरकार इसे प्रमोट भी कर रही है। कंपनी अब रोज इस टूर को संचालित कर रही है और ये काफी कामयाब भी है।
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अक्षर ट्रेवल्स के डायरेक्टर मनीष शर्मा ने कहा है कि वडनगर का ये इलाका तब चर्चा में आया जब मोदी प्रधानमंत्री बने और लोगों की दिलचस्पी उनके अतीत को जानने में जगी। उनका कहना है कि गुजरात सरकार को उनका टूर पैकेज पसंद आया और सरकार ने इस प्रमोट करने पर सहमति दी।
इसी स्कूल में पढ़ते थे मोदी

फोटो में जिस स्कूल की तस्वीर दिखाई गई है, ये दरअसल वही स्कूल है जहां मोदी ने प्राइमरी की पढ़ाई की थी। इसी स्कूल के एक टीचर के अनुसार नरेन्द्र मोदी एक औसत दर्ज़े के छात्र थे जिनका पढ़ाई में कम ही मन लगता थ। हालांकि टीचर ने मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि मोदी की वाद-विवाद और नाटक प्रतियोगिताओं में बेहद रुचि थी और उनकी वाक क्षमता गजब की थी।
मोदी क्लास की पढ़ाई मे कम ही रुचि रखते थे लेकिन स्कूल के हर जलसे में होने वाली भाषण प्रतियोगिता में जरूर भाग लेते थे। टूर के दौरान टूर कंपनी पर्यटकों को मोदी के कुछ सहपाठियों से भी मिलवाएगी जो मोदी के बचपन की यादें ताजा करेंगे।
मोदी क्लास की पढ़ाई मे कम ही रुचि रखते थे लेकिन स्कूल के हर जलसे में होने वाली भाषण प्रतियोगिता में जरूर भाग लेते थे। टूर के दौरान टूर कंपनी पर्यटकों को मोदी के कुछ सहपाठियों से भी मिलवाएगी जो मोदी के बचपन की यादें ताजा करेंगे।
इसी नदी में पकड़ा था मगरमच्छ!

मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद जनता के बीच जब उनके बचपन की वीरता के किस्से चले थे तभी नदी से मगरमच्छ पकड़ लाने की बात चर्चा में आई थी। वडनगर से बहकर निकलती शमिष्ठा नदी के बारे में ही ये बात कही जाती है कि मोदी ने बचपन में यहां से मगरमच्छ पकड़ लिया था। मोदी ने इंटरव्यू के दौरान भी बात कही थी वो इसनदी से एक बार मगरमच्छ का बच्चा पकड़ लाए थे लेकिन मां के मना करने पर उसे वापस उस नदी में छोड़ आए।
वो किस्सा कितना सच है ये तो मोदी ही जानें लेकिन वडनगर आने वाले पर्यटकों को ये नदी अपने किस्से कहानियों के चलते खूब रिझा सकती है।
वो किस्सा कितना सच है ये तो मोदी ही जानें लेकिन वडनगर आने वाले पर्यटकों को ये नदी अपने किस्से कहानियों के चलते खूब रिझा सकती है।
इस स्टेशन पर मोदी ने बेची चाय

बचपन में गरीबी के चलते स्टेशन पर चाय बेचने वाला एक बड़े देश का प्रधानमंत्री बन सकता है, विदेशियों के लिए ये एक कौतुहल की बात है। वडनगर का वो रेलवे स्टेशन जहां प्रधानमंत्री मोदी ने गरीबी के चलते चाय बेची थी वो भी पर्यटकों के लिए एक खास जगह बनेगा।
टूर कंपनी पर्यटकों को इस स्टेशन के दर्शन कराएगी। हालांकि स्टेशन पहले जैसी हालत में है लेकिन पर्यटकों के लिए ये जानना कि कभी यहां देश का प्रधानमंत्री चाय बेचता था, रोमांचक होगा। कंपनी का कहना है कि ये रेलवे स्टेशन दिखने में आम लगता है लेकिन इसकी खासियत इसे लोकप्रिय और इसे विश्व प्रसिद्ध बनाएगी।
टूर कंपनी पर्यटकों को इस स्टेशन के दर्शन कराएगी। हालांकि स्टेशन पहले जैसी हालत में है लेकिन पर्यटकों के लिए ये जानना कि कभी यहां देश का प्रधानमंत्री चाय बेचता था, रोमांचक होगा। कंपनी का कहना है कि ये रेलवे स्टेशन दिखने में आम लगता है लेकिन इसकी खासियत इसे लोकप्रिय और इसे विश्व प्रसिद्ध बनाएगी।
कभी गुजरात की राजधानी था वडनगर

यूं भी मोदी के अलावा भी वडनगर का इतिहास काफी महत्वपूर्ण है। महाभारत में इसे अनार्तपुर के नाम से इसका उल्लेख है। बताया जाता है कि इतिहास में इस बात का उल्लेख है कि कभी वडनगर गुजरात की राजधानी था और काफी संपन्न था।
वडनगर की एक और खासियत ये है कि यहां भारी संख्या में बौद्ध स्मारक हैं और बौद्ध इतिहास से संबंधित काफी दस्तावेज भी रखे गए हैं। कहा जा रहा है कि गुजरात सरकार वडनगर तक के लिए एक स्पेशल ट्रेन शुरू करने पर विचार कर रही है ताकि पर्यटकों को यहां आने में आसानी हो
वडनगर की एक और खासियत ये है कि यहां भारी संख्या में बौद्ध स्मारक हैं और बौद्ध इतिहास से संबंधित काफी दस्तावेज भी रखे गए हैं। कहा जा रहा है कि गुजरात सरकार वडनगर तक के लिए एक स्पेशल ट्रेन शुरू करने पर विचार कर रही है ताकि पर्यटकों को यहां आने में आसानी हो