सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   News Archives ›   India News Archives ›   beggar Donations gold ring to poor girl

भीख मांगकर बच्चियों में सोने की बालियां बांटता है ये भिखारी

Updated Wed, 03 Feb 2016 07:16 PM IST
विज्ञापन
beggar Donations gold ring to poor girl
विज्ञापन

खुशियां बांटने के लिए जरूरी नहीं है आपकी झोली बड़ी हो, लेकिन आपका दिल बड़ा हो तो बहुतों के चेहरे पर मुस्कान आ सकती है। गुजरात के मेहसाणा के मागपारा स्कूल में दस गरीब बच्चियों के चेहरे पर उस समय मुस्कान आ गई जब एक व्यक्ति उनके लिए सोने की बाली लेकर पहुंच गया।

Trending Videos


बच्चियों के लिए बाली लेकर आने वाले खिंबाजी प्रजापति का हुलिया देखकर हर कोई हैरन था, क्योंकि उन्होंने बच्चियों के लिए ये उपहार भीख मांगकर जुटाए गए पैसे से खरीदे थे। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार खिंबाजी पास के ही मंदिर में भीख मांगकर अपनी गुजर बसर करते हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन


मंगलवार सुबह जब खिंबाजी स्कूल में दाखिल हुए तो बच्चियों के माता पिता ने यही सोचा कि हर बार की तरह खिंबाजी इस बार भी उनकी बेटियों के लिए किताबें और स्कूल ड्रेस लेकर आए हैं। लेकिन जब उन्होंने अपने झोले में से दस छोटे छोटे डिब्बी निकाली तो हर कोई हैरान रह गया।

उन डिब्बियों में सोने की छोटी छोटी बालियां थी जो वो स्कूल में पढ़ने वाली बच्चियों के लिए लेकर आए थे। उन्होंने दस बच्चियों को एक एक सोने की बाली दी।

बच्चियों को आगे बढ़ते देखना चाहते हैं खिंबाजी प्रजापति

beggar Donations gold ring to poor girl

स्कूल में पढ़ने वाली तीन साल की भूमि की मां कुमुद लुहारिया ने कहा कि हम लोग अपने महीने के खर्च निकाल के लिए ही जद्दोजहद करते हैं, हम कभी सोने की बाली खरीदने के बारे में नहीं सोच सकते थे।

लेकिन जब प्रजापति ने स्कूल में पढ़ने वाली दस बच्चियों को सोने की बाली देने की इच्छा जताई तो आंगनबाड़ी ने दस ऐसी बच्चियों का चयन किया जो बहुत ही गरीब परिवार से आती थीं। इन बच्चियों के माता पिता दिहाड़ी मजदूरी करने वाले लोग हैं जो मेहसाणा की झुग्गी झोपड़ियों में रहते हैं।

प्रजापति ने कहा कि, लड़कियों को पढ़ाई में प्रोत्साहन देने की जरूरत है, ताकि वह अपने पैरों पर खड़ी हो सकें। लेकिन मेहसाणा में लड़कियों की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। लड़कों के मुकाबले उन्हें पढ़ने का मौका कम ही मिल पाता है, इसी वजह से मैने उनके लिए कुछ करने की सोची।

इस आंगनबाड़ी केन्द्र को चलाने वाली शीतल सथवारा ने कहा, भिखारी तो छोड़ दीजिए मैंने अपनी जिंदगी में किसी गरीब आदमी को बच्चियों को सोना देते हुए नहीं देखा।

13 सालों में 80 हजार की कापी किताबें और ड्रेस कर चुके हैं दान

beggar Donations gold ring to poor girl

प्रजापति ने इन बालियों को दीपक शाह नाम के एक सुनार से खरीदा था। दीपक शाह ने बताया कि, प्रजापति ने उन्हें बताया कि वे ये बच्चियों के लिए बालियां खरीदना चाहते हैं, जिनकी कीमत 13 हजार रुपये के करीब बैठी थी।

जब मुझे पता चला खिंबाजी ये बालियां गरीब बच्चियों को देंगे तो मैने उनके लिए तीन हजार रुपये का डिस्काउंट कर दिया। जिससे उन्हें ये बालियां दस हजार रुपये में मिली।

बता दें कि पिछले 13 सालों में खिंबाजी गरीब परिवारों की बच्चियों के लिए स्कूल ड्रेस और किताबें खरीदने में 80 हजार से ज्यादा की रकम खर्च कर चुके हैं। वह कुल 12 स्कूलों में अभी तक ड्रेस और किताबें दान कर चुके हैं जिनमें विकलांगों के लिए बने स्कूल भी हैं।

बालियों में अपनी रकम खर्च करने के बाद प्रजापति फिर अपने पुराने काम पर लग गए हैं। मंगलवार को उन्हें भीख भी अच्छी मिली जब स्कूल की एक शिक्षिका ने अपना ट्रांसफर होने की खुशी में उन्हें 500 रुपये दिए।

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed