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भोपाल गैस पीड़ितों को स्वच्छ जल भी नहीं नसीब

पीयूष पांडेय/नई दिल्ली Updated Sat, 23 Mar 2013 11:13 PM IST
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bhopal gas tragedy
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देश की सबसे बड़ी त्रासदी का दर्द झेल रहे भोपाल गैस पीड़ितों को स्वच्छ जल तक मयस्सर नहीं है।

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यह हालत तब है जब सुप्रीम कोर्ट यह निर्देश काफी पहले दे चुका है कि गैस प्रभावित इलाकों में हर हाल में साफ पेयजल की आपूर्ति की जाए।

मगर मध्य प्रदेश सरकार गंदे पानी की वजह से उन्हें हो रही बीमारियों और शारीरिक कष्ट का उपचार करने की बजाय दूषित जल के एवज में अंधाधुंध बिल भेज रही है।

इस समस्या से निजात दिलाने की मांग कर रहे पीड़ितों ने एक बार फिर सर्वोच्च अदालत में गुहार लगाई है।
भोपाल गैस पीड़ितों ने कहा है कि स्थानीय नगर निगम दूषित जल के बहुत ज्यादा दाम वसूल रहा है।

पानी के कनेक्शन के लिए पीड़ितों को बेहद जटिल प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। पीड़ितों के संगठन के संस्थापक सदस्य सतिनाथ सारंगी ने कहा कि जेपी नगर और शक्ति नगर कॉलोनियों में पानी के कनेक्शन मुहैया नहीं कराए गए हैं।

मगर निवासियों को बिना कनेक्शन के ही नौ से लेकर बीस हजार रुपये के बिल प्राप्त हुए हैं। यह शुल्क बोरवेल से निकलने वाले जल के एवज में दिखाए जा रहे हैं जबकि आईआईटीआर की रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि बोरवेल का पानी पीने योग्य नहीं है।
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इसी तरह के बिल शिव शक्ति नगर और प्रीत नगर में भी भेजे गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने 25 सितंबर, 2012 के आदेश में मध्य प्रदेश सरकार को निर्देश दिया था कि गैस पीड़ितों को स्वच्छ पानी मुहैया कराया जाए और इसके शुल्क में छूट प्रदान की जाए।

संगठन ने भी इस संबंध में राज्य सरकार के मुख्य सचिव को पत्र लिखा था, लेकिन सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया। भोपाल गैस पीड़ितों के संगठन (भोपाल ग्रुप फोर इंफॉरमेशन एंड एक्शन) ने सर्वोच्च अदालत से कहा है कि गैस प्रभावित 22 इलाकों में सत्यापन के बाद पानी के कनेक्शन सुनिश्चित कराए जाए।

जेपी नगर और कांछी छोला में स्वच्छ जल की आपूर्ति नहीं की जा रही है। शक्ति नगर और करीम बख्श कॉलोनी में पानी की आपूर्ति की जा रही है मगर आपूर्ति किए जाने वाले पानी की मात्रा अपर्याप्त है।

सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया गया है कि उन्हें स्वच्छ जल मुहैया कराया जाए और बढ़े बिलों को वापस लेने का आदेश दिया जाए। पानी के कनेक्शन के लिए अपनाई गई प्रक्रिया को भी सरल करने की मांग की गई है।

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