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अब आप भी पहचान लेंगे नकली दवाएं, मोदी सरकार लेकर आई नायाब तरकीब

Updated Wed, 09 Sep 2015 01:35 PM IST
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govt brought easy way to detect fake medicines
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बाजार से खरीदी गई दवा असली है या नकली, इसकी पहचान करना अब आपकी मुट्ठी में होगा। स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में मिलने वाली सभी दवाओं पर अनिवार्य रूप से बार कोड लगाने के फैसले पर अपनी कार्यवाही तेज कर दी है।

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मंत्रालय ने इससे संबंधित अधिसूचना के मसौदे पर तमाम पक्षकारों से सुझाव लिए हैं। उम्मीद की जा रही है कि दिसंबर तक आम जनता को इंटरनेट के सहारे असली-नकली दवाइयों को परखने की आजादी मिल जाएगी।
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स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि किसी भी दवा की असलियत का पता इसी बार कोड से चलेगा। स्वास्थ्य मंत्रालय इसके लिए एक नए पोर्टल को तैयार करने में जुटा है।

बार कोड से छोटी दवा कंपनियां परेशान

govt brought easy way to detect fake medicines

इस पोर्टल पर बार कोड के नीचे लिखे अंकों को प्रेषित करते ही चंद सेकेंड में मालूम हो जाएगा कि दवा प्रमाणित है या नहीं। उन्होंने बताया कि नए पोर्टल का नाम भी दवा डॉट कॉम रखने का प्रस्ताव है।

उम्मीद है कि अगले तीन से चार माह में यह पोर्टल सार्वजनिक हो जाएगा। इस दौरान छोटी-बड़ी सभी दवा कंपनियां बार कोड की शुरुआत करने लगेंगी। हालांकि छोटी दवा कंपनियों का कहना है कि बार कोड लगाने का खर्च अधिक होने से व्यवसाय प्रभावित हो सकता है। उनकी क्षमता इस मद में खर्च बढ़ाने और आधुनिक तकनीक से लैस रहने की नहीं है।

वहीं डॉ रेड्डी, सिपला और सन फार्मा जैसी बड़ी दवा निर्माता कंपनियों ने सरकार की इस पहल का स्वागत किया है। बताया कि कुछ बड़ी कंपनियों ने तो अभी से ही अपनी दवाओं पर बार कोड लगाना शुरू कर दिया है।

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