29 फीसदी मतदाताओं को लुभाने के लिए चौधरी के साथ आईं ममता
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों से पहले अभी कांग्रेस और वाम मोर्चा गठजोड़ की कवायद चल ही रही है, लेकिन मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने अल्पसंख्यक वोटों पर निगाह रखते हुए गोपनीय रूप से जमाते-उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख सिद्दीकुल्ला चौधरी के साथ तालमेल की बात लगभग पक्की कर ली है।
ममता ने बुधवार को राज्य सचिवालय में चौधरी से मुलाकात की थी। उसी दौरान तालमेल की बात लगभग तय हो गई। जानकार सूत्रों के मुताबिक, बैठक के दौरान चौधरी ने ममता से विधानसभा की 12 सीटें मांगी थीं।
इसके जवाब में ममता ने उनको 12 की बजाय पांच सीटों का भरोसा दिया है। इसके साथ ही उनकी पार्टी को राज्य मंत्रिमंडल में जगह देने की भी बात कही है।
29 फीसद मतदाताओं का वोट है जरूरी
सिद्दीकुल्ला ने कहा है कि हमारी राजनीतिक पार्टी का नाम ऑल इंडिया
यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट है। हम तृणमूल कांग्रेस के साथ तालमेल के सहारे
इसी पार्टी के बैनर तले चुनाव मैदान में उतरेंगे। सचिवालय में हुई बैठक के
दौरान ममता के अलावा शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम और शिक्षा मंत्री
पार्थ चटर्जी भी मौजूद थे।
राज्य में 29 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं। अगर इस
तबके ने भारी तादाद में वोट दिया, तो राज्य की 294 में से कम से कम 140
सीटों पर निर्णायक साबित हो सकते हैं। राज्य के 23 में से पांच जिले-उत्तर व
दक्षिण दिनाजपुर, मालदा, मुर्शिदाबाद व बीरभूम मुस्लिम बहुल हैं।
इसके
अलावा नदिया, उत्तर व दक्षिण 24 परगना में इनकी खासी आबादी है। मुस्लिमों
के प्रति एकजुटता जताने के लिए ममता ने बीते साल नवंबर में सिद्दीकुल्ला की
एक रैली में भी शिरकत की थी।