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जशोदाबेन ने फिर लगाई RTI, नहीं मिली सूचना

टीम डिजिटल/अमर उजाला, दिल्ली Updated Wed, 11 Feb 2015 12:45 PM IST
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mehsana police denied to Jashodaben again for info under RTI.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की धर्मपत्नी जशोदाबेन को एक बार फिर आरटीआई एक्ट के तहत सूचना देने से मना कर दिया गया है। इससे पहले जशोदाबेन ने नवंबर 2014 में एक आरटीआई आवेदन के जरिए मेहसाणा पुलिस से सूचना मांगी थी जिसमें उन्हें सूचना नहीं दी गई थी।

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नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद जशोदाबेन को एक विशेष सुरक्षा मुहैया कराई गई थी। इस सुरक्षा को लेकर जशोदाबेन ने आरटीआई के जरिए पुलिस से पूछा था कि उन्हें सुरक्षा के तामझाम में क्यों रखा जा रहा है? और उन्हें किस प्रकार का खतरा है?
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लेकिन गुजरात पुलिस ने उन्हें यह कहकर सूचना देने से मना कर दिया कि यह मामला क्षेत्रीय खुफिया ब्यूरो का है जो आरटीआई के दायरे से बाहर है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, जशोदाबेन ने अब दो जनवरी को फिर से आरटीआई दायर कर सूचना मांगी है।

जिला पुलिस ने एक महीने बाद दिया जवाब

mehsana police denied to Jashodaben again for info under RTI.

जशोदाबेन ने खुद को उपलब्ध कराई गई तमाम सुरक्षा व्यवस्‍था के कारण की सूचना पाने के लिए दो जनवरी को दोबारा आवेदन किया। इस आवेदन का जवाब जशोदाबेन को एक महीने बाद मिला और उसमें भी कोई सूचना नहीं मिली।

आरटीआई का जवाब देर से देने पर मेहसाणा जिले के एसपी जेआर मल्होत्रा ने कहा कि पुलिस जनवरी में ज्यादा व्यस्त थी।

उन्होंने कहा कि जनवरी में गुजरात में प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन हुआ और इस दौरान महात्मा मंदिर से लेकर गांधीनगर के तमाम इलाकों में सुरक्षा के भारी बंदोबस्त किया गया था। इसके बाद मकर संक्रांति और 26 जनवरी आई जिसमें पुलिस प्रशासन व्यस्त रहा जिससे जशोदाबेन को समय पर जवाब नहीं दिया जा सका।

खास बात यह है कि इस बार के जवाब में भी मेहसाणा पुलिस ने जशोदाबेन को क्षेत्रीय खुपिया तंत्र के बारे में जानकारी देने से मना कर दिया है। इसके लिए पुलिस के आरटीआई पर 25 अक्टूबर 2005 को आए गुजरात सरकार के निर्देश SB/1/102001/8203/GOI का हवाला देते हुए कहा है कि क्षेत्रीय खुफिया तंत्र सूचना नहीं दी जा सकती।

गौरतलब है कि रिटायर्ड स्कूल टीचर की जिंदगी गुजार रहीं जशोदाबेन अभी भी अपने भाई के घर उंझा में रह रही हैं।

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