उत्तर प्रदेश की महिला आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन के मामले में अब राष्ट्रीय महिला आयोग ने जवाब तलब किया है।
समाजवादी पार्टी के नेता नरेंद्र भाटी की ओर से गौतमबुद्ध नगर की एसडीएम रही दुर्गा के लिए अपशब्दों के इस्तेमाल करने को आयोग ने गंभीरता से लिया है। इस मामले में आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखकर दस दिनों में जवाब मांगा है।
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा ने दुर्गा के निलंबन के मामले को स्वत: संज्ञान में लेते हुए राज्य सरकार से की गई कार्रवाई का ब्यौरा भी मांगा है।
पढ़ें, दुर्गा मसले पर अखिलेश ने जताया अफसोस
आयोग की एक सदस्य ने बताया कि एनजीओ संचालक नूतन ठाकुर ने दुर्गा शक्ति के लिए सार्वजनिक तौर पर नरेंद्र भाटी के अपशब्दों पर शिकायत दर्ज कराई है। इसके बाद आयोग ने राज्य सरकार से इस बारे में जवाब तलब किया है।
सदस्य ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से जवाब आने के बाद आयोग आगे की कार्यवाही करेगा।
आयोग ने मुख्य सचिव को भेजी गई चिट्ठी में दुर्गा निलंबन मामले का पूरा ब्यौरा मांगने के साथ उनके लिए भाटी के अपशब्दों का उल्लेख भी किया है।
पढ़ें, दुर्गा मामले में सपा-कांग्रेस में हुआ समझौता
राज्य सरकार की ओर से इस मामले पर अब तक क्या कार्रवाई की गई है, इस बारे में भी सवाल किए गए हैं।
'सबक सिखाने को हुई दुर्गा पर कार्रवाई'आईपीएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल रेत माफिया के खिलाफ कड़े कदम उठाए थे। इसी वजह से उन्हें सबक सिखाने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की गई। यह कहना है आईपीएस एसोसिएशन का।
इंडियन पुलिस सर्विस सिविल सर्वेंट नामक इस राष्ट्रीय एसोसिएशन ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर दुर्गा के साथ न्याय करने की अपील की है।
एसोसिएशन ने सीएम अखिलेश यादव को लिखे दो पेज के पत्र में दुर्गा के खिलाफ की गई कार्रवाई को निरंकुश और मनमाना करार दिया है। एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री से दुर्गा को तत्काल बहाल करने की अपील की है।
एसोसिएशन ने दुर्गा पर कार्रवाई किए जाने के तौर-तरीके पर कड़ी आपत्ति जताई है, क्योंकि उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका दिए बगैर निलंबित कर दिया गया, जो कि न्याय के सिद्धांत के खिलाफ है।
उत्तर प्रदेश की महिला आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन के मामले में अब राष्ट्रीय महिला आयोग ने जवाब तलब किया है।
समाजवादी पार्टी के नेता नरेंद्र भाटी की ओर से गौतमबुद्ध नगर की एसडीएम रही दुर्गा के लिए अपशब्दों के इस्तेमाल करने को आयोग ने गंभीरता से लिया है। इस मामले में आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखकर दस दिनों में जवाब मांगा है।
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा ने दुर्गा के निलंबन के मामले को स्वत: संज्ञान में लेते हुए राज्य सरकार से की गई कार्रवाई का ब्यौरा भी मांगा है।
पढ़ें, दुर्गा मसले पर अखिलेश ने जताया अफसोस
आयोग की एक सदस्य ने बताया कि एनजीओ संचालक नूतन ठाकुर ने दुर्गा शक्ति के लिए सार्वजनिक तौर पर नरेंद्र भाटी के अपशब्दों पर शिकायत दर्ज कराई है। इसके बाद आयोग ने राज्य सरकार से इस बारे में जवाब तलब किया है।
सदस्य ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से जवाब आने के बाद आयोग आगे की कार्यवाही करेगा।
आयोग ने मुख्य सचिव को भेजी गई चिट्ठी में दुर्गा निलंबन मामले का पूरा ब्यौरा मांगने के साथ उनके लिए भाटी के अपशब्दों का उल्लेख भी किया है।
पढ़ें, दुर्गा मामले में सपा-कांग्रेस में हुआ समझौता
राज्य सरकार की ओर से इस मामले पर अब तक क्या कार्रवाई की गई है, इस बारे में भी सवाल किए गए हैं।
'सबक सिखाने को हुई दुर्गा पर कार्रवाई'
आईपीएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल रेत माफिया के खिलाफ कड़े कदम उठाए थे। इसी वजह से उन्हें सबक सिखाने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की गई। यह कहना है आईपीएस एसोसिएशन का।
इंडियन पुलिस सर्विस सिविल सर्वेंट नामक इस राष्ट्रीय एसोसिएशन ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर दुर्गा के साथ न्याय करने की अपील की है।
एसोसिएशन ने सीएम अखिलेश यादव को लिखे दो पेज के पत्र में दुर्गा के खिलाफ की गई कार्रवाई को निरंकुश और मनमाना करार दिया है। एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री से दुर्गा को तत्काल बहाल करने की अपील की है।
एसोसिएशन ने दुर्गा पर कार्रवाई किए जाने के तौर-तरीके पर कड़ी आपत्ति जताई है, क्योंकि उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका दिए बगैर निलंबित कर दिया गया, जो कि न्याय के सिद्धांत के खिलाफ है।