पुरी रथयात्रा में भगदड़ से दो महिलाओं की मौत, 10 घायल
भगदड़ जैसी स्थिति से निपटने के ओडिशा पुलिस के दावे की पोल खुल गई है। भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के दौरान मची भगदड़ में दो महिलाओं की मौत हो गई,जबकि 10 अन्य घायल हुए हैं।
एक महिला की मौत बलागांडी के पास हुई,जब भगवान बलभद्र का रथ ‘तालध्वज’ ग्रांड रोड क्षेत्र से गुजर रहा था। दूसरी महिला की मौत मरिचकोट चौक के पास हुई।
घायलों को जिला मुख्यालय के अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां से दो को कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल ले जाया गया है। पुलिस के अनुसार, गुंडिचा मंदिर जा रहे रथ के पास अचानक भीड़ बढ़ने के कारण भगदड़ की घटना हुई है।
पुरी में निकली सदी की पहली नवकलेवर रथ यात्रा
भगवान जगन्नाथ की सदी की पहली नवकलेवर यात्रा कड़ी सुरक्षा के बीच शनिवार को धार्मिक हर्षोल्लास, भाईचारे और उत्साह के साथ निकाली गई। देश और विदेश के लाखों श्रद्धालु ओडिशा के पुरी में इस यात्रा को देखने के लिए एकत्रित हुए हैं।
नौ दिनों की यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा की नई मूर्तियां गुंडिचा मंदिर ले जाई जाएंगी और वहां से वापस उन्हें अपने मूल मंदिर में लाया जाएगा।
शुक्रवार से ही श्रद्धालु सालाना रथ यात्रा के विश्व प्रसिद्ध उत्सव में देवी-देवताओं की एक झलक पाने के लिए जुट गए हैं। पुरी स्थित भगवान जगन्नाथ का यह मंदिर 12वीं सदी का है।
भक्तों में उत्साह चरम पर है क्योंकि इस बार भगवान जगन्नाथ नवकलेवर की वजह से 45 दिनों तक मंदिर में बंद रहेंगे। ऐसी मान्यता है कि नवकलेवर के दौरान भगवान अपना कलेवर बदलते हैं और ऐसा 19 साल के अंतराल पर होता है।
शुक्रवार को भगवान जगन्नाथ का ‘नव यौवन दर्शन’ संपन्न हुआ। दो जून को ‘स्नान पूर्णिमा’ को स्नान के बाद से भगवान जगन्नाथ ‘अनसारा पिंडी’ में थे।
तीस लाख से अधिक श्रद्धालुओं के शामिल होने का अनुमान
इस उत्सव में 30 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के शामिल होने का अनुमान है। पुलिस ने भी सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रखी है। 10,000 पुलिसकर्मियों की तैनाती के अलावा समुद्री तटों और हवाई माध्यमों से भी नजर रखी जा रही है।
इसके अलावा, आतंकवाद निरोधी दस्ते, रैपिड एक्शन फोर्स और खास जगहों पर शार्प शूटर्स भी तैनात किए गए हैं। पुलिस महानिरीक्षक और ओएसडी सौमेंद्र के प्रियदर्शी ने कहा, ‘पुलिस किसी भी परिस्थिति से निपटने को तैयार है।
कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की तैनाती के अलावा, पुलिस बल के 164 पलटनों की तैनाती खास जगहों पर की गई है। भगदड़ जैसी स्थिति न हो इसके लिए पहले से ही एहतियात बरते जा रहे हैं।’
श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था
ठहरने के अस्थायी इंतजामों के अलावा 500 से अधिक होटलों, 200 लॉज और 100 धर्मशालाओं में तीर्थयात्री ठहरे हुए हैं। पर्यटन एवं संस्कृति सचिव अरबिंद कुमार पाढ़ी ने बताया कि श्रद्धालुओं के ठहरने लिए राज्य सरकार ने शहर के आसपास 33 नवकलेवर गांव बनाए हैं। तीर्थयात्रियों के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं, पीने के पानी और साफ-सफाई की व्यवस्था भी की गई है।