नेपाल के बवाल में एक की मौत, भारत-नेपाल सीमा सील

संविधान प्रारूप को लेकर मधेसियों का आंदोलन बृहस्पतिवार को और हिंसक हो गया। भैरहवा में आंदोलनकारियों का पुलिस के साथ-साथ स्थानीय लोगों से भी संघर्ष हुआ।

इसकी चपेट में आए एक शख्स की जान चली गई, जबकि एक दर्जन से ज्यादा मधेसी और नेपाली लोग घायल हुए हैं। हालात बिगड़ते देख सोनौली में नेपाल सीमा सील कर दी गई है, जबकि नेपाल पुलिस ने रात आठ बजे से भैरहवा में कर्फ्यू का ऐलान कर दिया।
कई दिन के उपद्रव के बाद भी हालात काबू न होने पर बुधवार को तौलिहवा में निषेधाज्ञा के ऐलान के साथ सख्ती बढ़ा दी गई थी। ऐसी स्थिति देख बृहस्पतिवार को आंदोलनकारियों ने अपना रुख भैरहवा की तरफ कर लिया। पूरे दिन जगह-जगह आंदोलनकारियों और पुलिस के बीच टकराव की स्थिति बनी रही।
चौतरफा घेराबंदी से बेबसी जैसी स्थिति आने पर प्रशासन ने भैरहवा के व्यापारियों व पहाड़ी समुदाय के लोगों को आगे कर दिया। भैरहवा भंसार कार्यालय का घेराव तथा बेलहिया बाजार बंद कराने की कोशिश में आंदोलनकारियों का स्थानीय लोगों से संघर्ष हो गया। दोनों ओर से पथराव के बीच एक एंबुलेंस और 20 मोटर साइकिलें तोड़फोड़ का शिकार हुईं, जबकि दो बाइक में आग लगा दी गई।
लोगों के नेपाल जाने पर भी रोक

सरहद पर माहौल ज्यादा बिगड़ता देख एसएसबी और यूपी पुलिस ने एहतियात के तौर पर नेपाल सीमा सील कर दी। एसएसबी के कमांडेंट केएस बनकोटी ने कहा कि सुरक्षा के मद्देनजर लोगों को नेपाल जाने से रोक दिया गया है।
इस बीच नेपाल पुलिस ने भैरहवा में कर्फ्यू का ऐलान कर दिया। रुपनदेही के एसपी राजेंद्र ढकाल ने बताया कि रात आठ बजे से सुबह पांच बजे तक कर्फ्यू का सख्ती से पालन कराया जाएगा। शुक्रवार सुबह हालात देखकर आगे का निर्णय लेंगे।
मधेसी आंदोलन में शामिल समीर खान, राम सुरेश पाल, रामचंद्र धोबी, गोविंद, बुद्धिमान, सुरेश कोहार, नेपाल से लौट रहे सोनौली के व्यापारी योगेश, भुवन सहित दर्जनभर से ज्यादा लोग घायल हैं।
बंदी का विरोध करने वाले नेपाली युवकों ने मधेसी नेता संतोष पांडेय के घर पहुंचकर तोड़फोड़ की। बताते हैं कि इस दौरान घर के बाहर खड़ी दो चार पहिया गाड़ियों को आग के हवाले का दिया गया।