खबरों के दौरान जब भावनाओं पर काबू नहीं रख पाए एंकर
पत्रकारिता के पेशे में एक न्यूज एंकर का न्यूज के दौरान भावुक होना बेहतर नहीं माना जाता, लेकिन कुछ खबरें ऐसी होती जो किसी को भी रोने पर मजबूर कर सकती हैं। सुनिए कब कब देश और दुनिया के न्यूज एंकरों की आंखें न्यूज पढ़ने के दौरान ही नम हो गईं।
पीटीआई की हरकत ने महिला रिपोर्टर को रूलाया
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की रिपोर्टिंग करने के दौरान जियो टीवी चैनल की एक पत्रकार सना मिर्जा पर बोतल फेकी गई, फब्तियां कसी गईं। अपने साथ हुए इस शोषण को लेकर रिपोर्टर अपनी भावनाओं को काबू नहीं कर पाईं और रिपोर्टिंग के दौरान उनकी आंखों से आंसू आ गए।
हालांकि तहरीक-ए-इंसाफ के नेता नईमु्ल्ला ने इस घटना की मुजम्मत करते हुए जियो पत्रकार के साथ हुई बदसलूकी के लिए माफी भी मांगी।
सीएनएन की एंकर को भावुक सुसाइड नोट ने रुलाया
सीएनएन की एक महिला पत्रकार भी खबर सुनाते-सुनाते भावुक हो गई। इस महिला ने ईराक युद्ध में मारे गए एक सैनिक के माता-पिता को अपने स्टूडियो में बुलाया था। शहीद सैनिक के माता-पिता अपने साथ वो सुसाइड नोट भी लाए थे जो उनका बेटा लिखकर छोड़ गया था। इस सुसाइड नोट को उनको मां-बाप ने सबके सामने पढ़ा। यह इतना भावुक खत था की एंकर भी अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सकी और उसकी आंखों में आंसू आ गए।
रजत शर्मा की आंखें भी भर आईं
पेशावर में हुए भयानक आतंकवादी हमले की खबर सुनाते सुनाते इंडिया टीवी के रजत शर्मा की आंखों में भी आंसू आ गए। उन्होंने खबर पढ़ते पढ़ते ये कहा कि अगर आज खबर सुनाते सुनाते मेरा गला बैठ जाए तो मुझे माफ कर दीजिएगा।
पेशावर हमले की रिपोर्टिंग के दौरान रो पड़ी एंकर
पेशावर के सैनिक स्कूल में हुए आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के एआरवाई चैनल की न्यूज एंकर ने अपने स्टूडियो में अंधेरा कर दिया। वो यह खबर सुनाते सुनाते अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सकी और भावुक हो गई। इस महिला रिपोर्टर ने कहा, " जब मैने यह सुना तब मैने शम्मां जला के रख दी। हमारे मुस्तकबिल की कितनी शम्माएं हैं किसी ने बुझा दी। दिल को दिलासे देते हैं, दिल को बहलाते हैं सब ठीक हो जाएगा अब नहीं होगा। बहुत चीखे, बहुत चिल्लाए..आज मैने सोचा कि बल्कि कल से...मैं सोच रही हूं कि क्या बोलना जरूरी है..चीखना जरूरी है आपकी खामोशी सबसे बड़ी चीख होती है..आपकी खामोशी को जो सुन सकता है आपके लफ्जों को वो नहीं सुन सकता है। मेरा एतजाज..मैं कोशिश करूंगी। मजबूरी में बोलना पड़ेगा मुझे आज लेकिन आज मैं नहीं बोलूंगी।"