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Grahan 2025: जल्द लगने वाले हैं साल के बाकी दो ग्रहण, जानें समय, सूतक काल और कहां दिखेगा
ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: श्वेता सिंह
Updated Fri, 30 May 2025 02:21 PM IST
सार
Grahan 2025: साल 2025 में कुल चार ग्रहण लगने हैं, जिनमें से दो हो चुके हैं और दो अभी बाकी हैं। अब जो सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण लगेंगे, उनकी तारीख और समय जानना महत्वपूर्ण है।
Solar and Lunar Eclipse: हर वर्ष की तरह साल 2025 भी खगोलीय घटनाओं के लिहाज से बेहद खास है। इस वर्ष कुल चार ग्रहण लगने हैं, जिनमें से दो ग्रहण एक सूर्य ग्रहण और एक चंद्र ग्रहण , मार्च के महीने में लग चुके हैं। हालांकि, इन दोनों ग्रहणों की विशेष बात यह रही कि वे भारत में दिखाई नहीं दिए, इसलिए ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार भारतवासियों के लिए उनका कोई धार्मिक प्रभाव नहीं माना गया।
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अब साल के दूसरे हिस्से में दो और ग्रहण लगने जा रहे हैं, एक पूर्ण चंद्र ग्रहण और एक आंशिक सूर्य ग्रहण। इन ग्रहण को लेकर लोगों में कई तरह की उत्सुकता है। ग्रहण केवल खगोलीय घटना नहीं होते ,ये हमारे ज्योतिषीय दृष्टिकोण, मानसिक ऊर्जा और जीवन के कई पहलुओं पर प्रभाव डाल सकते हैं, विशेषकर तब जब वे हमारे देश या स्थान पर दृश्य हों। ऐसे में इन ग्रहणों की तारीख, समय और दृश्यता की जानकारी जानना ज़रूरी हो जाता है, ताकि हम न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अपडेट रहें, बल्कि धार्मिक और ज्योतिषीय रूप से भी उचित सावधानियां अपना सकें। आइए जानते हैं, साल 2025 के शेष दो ग्रहण कब लगने वाले हैं, कहां दिखाई देंगे और क्या हो सकता है इनका संभावित असर।
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Chandra Grahan 2025
- फोटो : adobe
कब लगेगा का साल का दूसरा चंद्र ग्रहण
साल 2025 का दूसरा चंद्र ग्रहण 7 सितंबर को लगने जा रहा है और पूर्ण चन्द्र ग्रहण होने के कारण यह भारत में पूरी तरह से दृश्य होगा। इस वजह से इसका सूतक काल मान्य होगा और धार्मिक दृष्टि से इसे महत्वपूर्ण माना जाएगा।
यह चंद्र ग्रहण 7 सितंबर की रात 9 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगा और 8 सितंबर की आधी रात 12 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगा। यानी यह ग्रहण रात के समय घटित होगा और इसका प्रभाव पूजा-पाठ, मंदिरों के खुलने-बंद होने जैसे धार्मिक कार्यों पर भी पड़ेगा।
इस चंद्र ग्रहण की खास बात यह है कि यह न केवल भारत में बल्कि एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अफ्रीका, पश्चिमी और उत्तरी अमेरिका तथा दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों में भी देखा जा सकेगा। यह एक आंशिक चंद्र ग्रहण होगा, लेकिन इसका प्रभाव व्यापक क्षेत्रों में महसूस किया जाएगा।
यदि आप धार्मिक अनुष्ठान करते हैं, तो इस ग्रहण का सूतक काल आपके लिए विशेष महत्व रखेगा। साथ ही, ज्योतिषीय दृष्टि से भी यह समय कुछ राशियों के लिए प्रभावशाली हो सकता है।
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Surya Grahan 2025
- फोटो : Freepik
साल का दूसरा सूर्य ग्रहण कब?
साल 2025 का दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को लगने जा रहा है। इससे पहले साल का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च को चैत्र अमावस्या के दिन हुआ था, जो भारत में दृश्य नहीं था और इसलिए उसका सूतक काल भी मान्य नहीं रहा।
अब जो दूसरा सूर्य ग्रहण लगेगा, वह 21 सितंबर की रात 11 बजे शुरू होगा और 22 सितंबर की सुबह 4 बजे तक चलेगा। चूंकि यह संपूर्ण ग्रहण रात्रिकाल में घटित होगा और भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। धार्मिक या ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भारतवासियों के लिए यह ग्रहण प्रभावी नहीं माना जाएगा।
यह सूर्य ग्रहण मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका, न्यूजीलैंड और प्रशांत एवं अटलांटिक महासागर के कुछ हिस्सों में देखा जा सकेगा। विशेषकर अंटार्कटिका और न्यूजीलैंड के कुछ क्षेत्रों में इसकी स्पष्ट दृश्यता रहेगी।
इसलिए भारत में इस ग्रहण को लेकर किसी धार्मिक या ज्योतिषीय उपाय की आवश्यकता नहीं है, लेकिन खगोल विज्ञान में रुचि रखने वालों के लिए यह एक महत्वपूर्ण घटना जरूर हो सकती है।
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ग्रहण के समय बरतें ये सावधानियां
- फोटो : adobe stock
ग्रहण के समय बरतें ये सावधानियां
ग्रहण लगने से पहले भोजन कर लें और ग्रहण समाप्त होने के बाद ही ताज़ा बना हुआ भोजन करें। ग्रहण के दौरान पका हुआ भोजन अशुद्ध माना जाता है।
ग्रहण के सूतक काल में मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। इस समय में भगवान की मूर्तियों को न छूना और पूजा न करना चाहिए।
गर्भवती स्त्रियों को ग्रहण के दौरान घर के अंदर रहना चाहिए। इस समय धारदार वस्तुओं (चाकू, सुई, कैंची) का उपयोग करने से बचना चाहिए और पेट पर काले कपड़े की पट्टी बांधना शुभ माना जाता है।
सूर्य ग्रहण के दौरान बिना सुरक्षा चश्मे के सूर्य को देखना आंखों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। हमेशा सर्टिफाइड सोलर ग्लासेस या विशेष उपकरणों का इस्तेमाल करें।
ग्रहण के समय भगवान के नाम का जाप करना और धार्मिक ग्रंथों जैसे भगवद गीता, रामायण या मंत्रों का पाठ करना शुभ माना जाता है।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।
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