
Somnath Festival: सोमनाथ मंदिर में ऐतिहासिक महोत्सव की शुरुआत, महाशिवरात्रि पर दिखेगा अद्भुत दृश्य
Somnath Festival: गुजरात के सोमनाथ मंदिर में आज तीन दिवसीय ऐतिहासिक 'सोमनाथ महोत्सव' का शुभारंभ हुआ, जो महाशिवरात्रि (26 फरवरी) तक चलेगा। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने त्रिवेणी संगम पर आरती की। महोत्सव में स्थानीय महिलाओं द्वारा बनाए गए वस्त्र भी आदिवासियों को वितरित किए जाएंगे।



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आध्यात्मिक पर्यटन को देश के अलग अलग हिस्सों का विकास करने की कुंजी बना ली है। उनकी यह सोच गुजरात से लेकर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड सहित कई अन्य राज्यों में दिखाई पड़ती है। प्रधानमंत्री सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष भी हैं। उनकी यह सोच इस मंदिर में भी दिखाई पड़ रही है। उनके मार्गदर्शन में सोमनाथ मंदिर के आध्यात्मिक शक्ति को पूरे क्षेत्र के आर्थिक विकास के साथ जोड़ दिया गया है। सोमनाथ मंदिर में उपयोग होने वाली हर वस्तु यहां के स्थानीय लोगों के द्वारा बनाई और बेची जा रही है। इससे पूरे क्षेत्र में विकास की एक नई शुरुआत हो गई है। हर वर्ष आयोजित किये जाने की योजना के साथ शुरू हुए इस ऐतिहासिक महोत्सव से इसी विकास की गाड़ी को आगे बढ़ाने का काम किया जायेगा। इसे भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच माना जा रहा है।
सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट के मैनेजर विजय सिंह चावड़ा ने अमर उजाला को बताया कि पूरे मंदिर परिसर में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाता है। पूरे मंदिर परिसर में फाइल स्वच्छता के सैनिक किसी भी स्थान पर गंदगी को फैलने नहीं देते हैं। पूरे मंदिर परिसर को प्लास्टिक फ्री रखा जाता है जिससे यहां पर किसी तरह का प्रदूषण न होने पाए। सोमनाथ मंदिर अपनी कुल ऊर्जा खपत का एक बड़ा भाग सौर ऊर्जा से प्राप्त कर रहा है। जल्द ही उनका लक्ष्य है कि पूरे सोमनाथ मंदिर परिसर में जितनी ऊर्जा की खपत की जाती है, वह पूरी सौर ऊर्जा के माध्यम से प्राप्त की जा सके। यानी सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट बिजली खपत की पूर्ण आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

महिलाओं की आर्थिक शक्ति का केंद्र
सोमनाथ मंदिर में भगवान शिव के अभिषेक में प्रतिदिन उन्हें विशेष पगड़ी पहनाई जाती है। यह विशेष पगड़ी 50 से 52 विशेष धोती का उपयोग किया जाता है। भगवान शिव को चढ़ाने के लिए यह पगड़ी स्थानीय महिलाओं के द्वारा बनाई जाती है। इस तरह से उन्हें रोजगार प्राप्त होता है। लेकिन जब यह पगड़ी भगवान शिव को चढ़ा दी जाती है, उसके बाद इसे उतारा जाता है, तब इसकी सभी धोतियों को ट्रस्ट की सखी महिलाएं बड़ी ही सावधानी से अलग करती हैं। इन धोतियों से विशेष कुर्ते बनाए जाते हैं। इन कुर्तों को गुजरात के 12 आदिवासी जिलों में आदिवासियों को मुफ्त वितरित किया जाता है। इसी प्रकार माता पार्वती को चढाई गई साड़ियां आदिवासी महिलाओं को मुफ्त वितरित की जाती हैं। इससे एक तरफ तो इन धोतियों-साड़ियों को बनाने वाली महिलाओं को रोजगार प्राप्त होता है, वहीं दूसरी तरफ आदिवासियों को पहनने के लिए मुफ्त कपड़े उपलब्ध हो जाते हैं। इस तरह सोमनाथ मंदिर इस सौराष्ट्र क्षेत्र में पूरे समाज की आर्थिक गतिविधियों का न केवल केंद्र बन गया है, बल्कि यह समाज के आदिवासियों और अन्य लोगों को आपस में जोड़ने का काम भी कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने की आरती
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने प्रथम ज्योतिर्लिंग सोमनाथ महादेव के दर्शन भी किया। उन्होंने सोमनाथ मंदिर में देवाधिदेव महादेव के चरणों में शीश नवाकर श्रद्धापूर्वक पूजा-अर्चना की और गुजरात के साथ साथ पूरे देश के सुख-शांति की कामना की। पटेल महाशिवरात्रि पर्व के अवसर पर सोमनाथ में पहली बार मनाए जाने वाले सोमनाथ महोत्सव का उद्घाटन करने के लिए सोमनाथ के दौरे पर हैं। आज सोमनाथ मंदिर के पंडितों ने श्लोकोच्चार के बीच मुख्यमंत्री का मंदिर प्रांगण में स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने देवाधिदेव महादेव का गंगाजल से जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना कर महादेव का आशीर्वाद प्राप्त किया।
संबंधित वीडियो-