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तस्वीरें: कहीं इबादत का नूर तो कहीं एक चिराग तक नहीं

Updated Sat, 18 Jul 2015 09:22 PM IST
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तस्वीरें: कहीं इबादत का नूर तो कहीं एक चिराग तक नहीं

Sheikh Salim Chishti's Daughters Tomb.

कहीं इबादत का नूर है तो कहीं एक चराग भी नहीं। एक तरफ सजदों की बहार है तो दूसरी ओर वीरानियां। खानदान वही है, फिर ये आलम क्यों है। अपनी बेटियों की कब्रों को जर्जर हाल में देख हजरत शेख सलीम चिश्ती की रूह भी कहां सुकून पाती होगी।


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Sheikh Salim Chishti's Daughters Tomb.

इस वक्त चिश्ती साहब के उर्स की तैयारियां जोरों पर हैं। उनकी दरगाह को गुलों से महकाया और झालरों से झमकाया जा रहा है लेकिन उनकी बेटी आयशा व बीबी जेबा की कब्रें अंधेरे में पड़ी हैं। मुगल बादशाह अकबर को औलाद की ‘सौगात’ देने वाले हजरत शेख सलीम चिश्ती साहब की दरगाह से चंद मील दूर ही स्थित आयशा और बीबी जेबा के मकबरे की दीवारें दरारों से भरी हैं। कब्रों की हालत भी ठीक नहीं है।

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Sheikh Salim Chishti's Daughters Tomb.

पुरातत्व विभाग व दरगाह प्रबंधन की अनदेखी के चलते ये कब्रें क्षतिग्रस्त होती जा रही हैं। मकबरे के खंभे भी जर्जर हो चुके हैं। संरक्षण के अभाव में ये कभी भी जमींदोज हो सकते हैं। इसके रखरखाव की जिम्मेदारी दरगाह प्रबंधन व उत्तरा देवी चैरिटेबल एंड रिसर्च फाउंडेशन की है, लेकिन इस ओर उनका ध्यान नहीं है। एएसआई, पर्यटन विभाग व दरगाह प्रबंधन सिर्फ हजरत शेख सलीम चिश्ती की मजार तक सिमटा है। हर साल इसे सजाने संवारने में लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं, लेकिन आयशा व जेबा की कब्रों की फिक्र किसी को नहीं।

तस्वीरें: कहीं इबादत का नूर तो कहीं एक चिराग तक नहीं

Sheikh Salim Chishti's Daughters Tomb.

हजरत शेख सलीम चिश्ती के सज्जादानशीं अयाजुद्दीन रईस मियां चिश्ती ने बताया कि बीबी आयशा व जेबा की कब्रों पर प्रतिदिन चादरपोशी व चरागां होते रहे हैं। दरगाह प्रबंधन मकबरे के संरक्षण के प्रति भी गंभीर है। वहां जल्द ही संरक्षण के काम कराए जाएंगे। एएसआई के वरिष्ठ संरक्षण सहायक मुनज्जर अली के अनुसार मकबरे के संरक्षण व रखरखाव की जिम्मेदारी दरगाह प्रबंधन व उत्तरा देवी चैरिटेबल एंड रिसर्च फाउंडेशन की है। इस मामले में एएसआई तो केवल निर्देश व सलाह दे सकता है।

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