Amavasya 2026 List: साल 2026 में अमावस्या का कैलेंडर विशेष रूप से धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहेगा। साल की शुरुआत माघ माह की माघी अमावस्या से होगी, जिसके बाद फाल्गुन और चैत्र मास की अमावस्या आएंगी। इस वर्ष की एक खास बात यह है कि साल 2026 में 1 अतिरिक्त माह (अधिमास) होने के कारण कुल मिलाकर अमावस्याओं की संख्या सामान्य से अधिक होगी, जिससे धार्मिक अनुष्ठानों और पूजा-पाठ के अवसर भी बढ़ जाएंगे।Pradosh Vrat 2026: साल के पहले दिन शिव-विष्णु पूजन का दुर्लभ संयोग, गुरु प्रदोष व्रत से होगी 2026 की शुरुआत
Amavasya 2026 List: साल 2026 में अमावस्या कब-कब है? जानिए हर माह की अमावस्या तिथि और उनका धार्मिक महत्व
Amavasya 2026: साल 2026 में प्रत्येक अमावस्या का अपना विशिष्ट धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रहेगा। ये तिथियाँ व्रत रखने, तर्पण करने और पितरों की स्मृति में पुण्य प्राप्त करने के सर्वोत्तम अवसर प्रदान करती हैं, साथ ही परिवार और जीवन में मानसिक शांति व समृद्धि लाने का माध्यम भी बनती हैं।
2026 का अमावस्या कैलेंडर
| तिथि | अमावस्या का नाम |
| 18 जनवरी 2026, रविवार | मौनी अमावस्या या माघी अमावस्या |
| 17 फरवरी 2026, मंगलवार | फाल्गुन अमावस्या |
| 18 मार्च 2026, बुधवार | चैत्र अमावस्या |
| 17 अप्रैल 2026, शुक्रवार | वैशाख अमावस्या |
| 16 मई 2026, शनिवार | ज्येष्ठ अमावस्या |
| 14 जून 2026, रविवार | अधिक मास अमावस्या |
| 14 जुलाई 2026, मंगलवार | आषाढ़ अमावस्या |
| 12 अगस्त 2026, बुधवार | श्रावण अमावस्या या सावन अमावस्या |
| 10 सितंबर 2026, गुरुवार | भाद्रपद अमावस्या |
| 10 अक्टूबर 2026, शनिवार | आश्विन अमावस्या |
| 8 नवंबर 2026, रविवार | कार्तिक अमावस्या |
| 8 दिसंबर 2026, मंगलवार | मार्गशीर्ष अमावस्या |
मौनी अमावस्या 2026: तिथि और महत्व
साल 2026 की पहली अमावस्या मौनी अमावस्या होगी, जो माघ मास के कृष्ण पक्ष की आखिरी तिथि पर पड़ती है। इसे माघी अमावस्या भी कहा जाता है। इस दिन विशेष धार्मिक क्रियाएँ की जाती हैं, जैसे पवित्र नदियों में स्नान, पितरों के लिए तर्पण और मौन व्रत। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मौनी अमावस्या पर किए गए व्रत और तर्पण से पितरों की शांति होती है और परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। साल 2026 में मौनी अमावस्या 18 जनवरी 2026 को पड़ रही है। इस दिन विशेष रूप से मौन व्रत रखने की परंपरा है। दिनभर मौन रहने से मानसिक शांति मिलती है और आध्यात्मिक उन्नति में मदद मिलती है।
शनिश्चरी अमावस्या 2026: तिथि और विशेष महत्व
साल 2026 में दो शनिश्चरी अमावस्या पड़ेंगी। जब अमावस्या शनिवार के दिन आती है, तो उसे शनिश्चरी अमावस्या कहा जाता है। ये तिथियां हैं:
- 16 मई 2026
- 10 अक्तूबर 2026
शनिश्चरी अमावस्या का महत्व विशेष रूप से शनि देव की पूजा और पितृ तर्पण से जुड़ा है। इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने और शनि देव की आराधना करने से जीवन में बाधाएं कम होती हैं और मानसिक तनाव में कमी आती है।
अधिकमास 2026: क्या है और इसका महत्व
साल 2026 में हिंदू पंचांग के अनुसार एक अतिरिक्त महीना आएगा, जिसे अधिकमास या पुरुषोत्तम मास कहा जाता है। अधिकमास हर साल नहीं आता, यह लगभग हर 2-3 साल में एक बार आता है, ताकि कैलेंडर में सूर्य और चंद्रमा की गति के बीच संतुलन बनाए रखा जा सके। इस महीने में अन्य मासों की तुलना में विशेष धार्मिक महत्व माना जाता है। अधिकमास में किए गए दान, पूजा, व्रत और धार्मिक कर्म सामान्य मासों की तुलना में अधिक फलदायक माने जाते हैं। पुराणों के अनुसार इस महीने भगवान विष्णु की पूजा विशेष रूप से फलदायक होती है।