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DoT: कॉल आने पर दिखेगा असली नाम, सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों को दिया फीचर ऑन करने का आदेश

टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: प्रदीप पाण्डेय Updated Thu, 16 Jan 2025 02:39 PM IST
सार

एक टेलीकॉम अधिकारी ने कहा, "टेलीकॉम ऑपरेटरों ने सर्कल के भीतर (इंट्रा-सर्कल) CNAP में दक्षता हासिल कर ली है, लेकिन सर्कल के बाहर (इंटर-सर्कल) कॉल्स के लिए परीक्षण अभी भी चल रहे हैं।"

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DoT Pushes Telcos to Implement Caller Name Display Service Says Report
mobile - फोटो : Adobe Stock
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दूरसंचार विभाग (DoT) ने टेलीकॉम ऑपरेटरों से कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) सेवा को तेजी से लागू करने का आग्रह किया है। इस सेवा के तहत इनकमिंग कॉल पर कॉलर का नाम प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार इस पहल का उद्देश्य स्पैम और घोटाले से संबंधित कॉल्स पर अंकुश लगाना और कॉल रिसीव करने वालों को कॉलर की पहचान सुनिश्चित करना है।

CNAP को शीघ्र लागू करने की जरूरत

हाल ही में टेलीकॉम ऑपरेटरों के साथ हुई बैठक में DoT ने CNAP सेवा के तत्काल क्रियान्वयन पर जोर दिया। टेलीकॉम कंपनियों ने जानकारी दी कि इस सेवा का परीक्षण जारी है, विशेष रूप से इंटर-सर्कल कॉल्स (अलग-अलग क्षेत्रों के बीच कॉल्स) के लिए। उन्होंने आश्वासन दिया कि तकनीक स्थिर होते ही इसे लागू किया जाएगा। हालांकि, टेलीकॉम कंपनियों ने यह भी बताया कि तकनीकी सीमाओं के कारण CNAP सेवा को 2G नेटवर्क पर लागू करना संभव नहीं है।

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एक टेलीकॉम अधिकारी ने कहा, "टेलीकॉम ऑपरेटरों ने सर्कल के भीतर (इंट्रा-सर्कल) CNAP में दक्षता हासिल कर ली है, लेकिन सर्कल के बाहर (इंटर-सर्कल) कॉल्स के लिए परीक्षण अभी भी चल रहे हैं।"

यह कदम भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) द्वारा 2022 में CNAP को अनिवार्य बनाने और हैंडसेट निर्माताओं को इस सुविधा को सक्षम करने के सुझाव के बाद उठाया गया है। हालांकि, इस सेवा से स्पैम कॉल्स में कमी आने की संभावना है, लेकिन विशेषज्ञों ने प्राइवेसी से जुड़े मुद्दों और उपयोगकर्ताओं की असहमति जैसी चुनौतियों की चेतावनी दी है।

CNAP सेवा के कार्यान्वयन से जुड़ी गोपनीयता की चिंताएं

रिपोर्ट के अनुसार, हैंडसेट उद्योग के विशेषज्ञों का मानना है कि CNAP को अनिवार्य बनाना तत्काल आवश्यक नहीं है, खासकर जब पहले से ही कई मोबाइल एप्स उपलब्ध हैं, जो कॉलर का नाम प्रदर्शित करने में सक्षम हैं। ये एप उपयोगकर्ताओं को कॉल स्वीकार या अस्वीकार करने का सूचित विकल्प प्रदान करते हैं।

इसके अलावा टेलीकॉम उद्योग के अधिकारियों ने इस बात पर प्रकाश डाला कि CNAP सेवा के राष्ट्रीय स्तर पर अनिवार्य होने पर ग्राहकों की गोपनीयता का उल्लंघन हो सकता है। उन्होंने बताया कि कुछ उपयोगकर्ता अपना नाम साझा करने के लिए तैयार नहीं हो सकते।

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