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Rajasthan News: पंचायत चुनाव टालने के फैसले को पूर्व विधायक की चुनौती, सरकार को चार हफ्ते में देना होगा जवाब
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर
Published by: प्रिया वर्मा
Updated Tue, 29 Apr 2025 04:04 PM IST
सार
राजस्थान में पंचायतों का कार्यकाल खत्म होने के बाद भी चुनाव टाले जाने को लेकर पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने हाईकोर्ट जनहित याचिका दायर कर दी। जस्टिस चंद्रशेखर व जस्टिस आनंद शर्मा की बैंच ने पूर्व विधायक की याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार से चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
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राजस्थान
- फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
राजस्थान हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब पेश करने के लिए कहा है कि पंचायतों के चुनाव समय पर क्यों नहीं करवाए गए। पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने मंगलवार को हाईकोर्ट में इस संबंध में जनहित याचिका लगाई थी, जिस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस चंद्रशेखर व जस्टिस आनंद शर्मा की बैंच ने सरकार को चार सप्ताह में जवाब पेश करने का आदेश दिया है।
संयम लोढ़ा ने अपनी याचिका में बताया कि प्रदेश की 55 नगर पालिकाओं का कार्यकाल नवंबर 2024 में ही खत्म हो गया लेकिन राज्य सरकार ने इनमें चुनाव नहीं करवाकर प्रशासक लगा दिए हैं। सरकार ने इस तरह से मनमाना रवैया अपनाकर संवैधानिक प्रावधान और नगर पालिका अधिनियम-2009 का खुला उल्लंघन किया है।
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याचिकाकर्ता के वकील पुनीत सिंघवी ने मामले में बहस करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट भी यह कह चुका है कि प्राकृतिक आपदाओं के अलावा स्थानीय निकायों के चुनाव नहीं टाले जा सकते लेकिन यहां सरकार अपने संवैधनिक कर्तव्य पूरा करने में विफल हो गई है। महाधिवक्ता राजेंद्रप्रसाद ने सरकार की ओर से पैरवी करते हुए कहा कि सरकार चुनाव करवाने को तैयार है और हम इस संबंध में कोर्ट में पूरा ब्यौरा पेश कर देंगे।
याचिका में कहा गया है कि संविधान के 74वें संशोधन के जरिए निकायों को नियमित और निष्पक्ष स्वायत्तशासी इकाइयों के गठन के लिए संवैधानिक दर्जा दिया गया था। उससे पहले सरकारें बिना कारण के लंबे समय तक चुनाव नहीं करवाती थीं। गौरतलब है कि राजस्थान में 6759 पंचायतों के चुनाव जनवरी में ड्यू हो चुके हैं लेकिन सरकार ने चुनाव नहीं करवाकर, यहां प्रशासक नियुक्त कर दिए थे।