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Rajasthan News: प्रदेश में निवेश और पर्यटन को नई उड़ान, CM की अध्यक्षता में कैबिनेट ने नई नीतियों को दी मंजूर

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर Published by: प्रिया वर्मा Updated Wed, 03 Dec 2025 07:56 PM IST
सार

राजस्थान में निवेश, पर्यटन और व्यापार को नई दिशा देने के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई बड़े निर्णय लिए गए। बैठक में जनविश्वास अध्यादेश-2025, प्रवासी राजस्थानी नीति-2025, ट्रेड प्रमोशन पॉलिसी-2025 और पर्यटन नीति-2025 को मंजूरी मिली।

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Rajasthan News: State boosts investment and tourism; cabinet led by CM Bhajanlal Sharma approves new policies
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में ‘ईज ऑफ लिविंग’ और ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान जन विश्वास (उपबंधों का संशोधन) अध्यादेश-2025 लाने, प्रवासी राजस्थानियों के योगदान और जुड़ाव को बढ़ाने के लिए प्रवासी राजस्थानी नीति-2025, छोटे व्यापारियों को अधिक अवसर उपलब्ध कराने के लिए राजस्थान ट्रेड प्रमोशन पॉलिसी-2025 तथा पर्यटन में निवेश को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान पर्यटन नीति-2025 के अनुमोदन सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

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संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने कैबिनेट में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए पत्रकार वार्ता में बताया कि विभिन्न अधिनियमों में मामूली उल्लंघन या तकनीकी गलती के लिए कारावास जैसे आपराधिक दंड हटाकर उनके स्थान पर पेनल्टी (अर्थदंड) का प्रावधान करने का निर्णय लिया गया है। इससे ‘ईज ऑफ लिविंग’ और ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को बढ़ावा मिलेगा और लिटिगेशन में भी कमी आएगी।
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उन्होंने बताया कि इसके लिए भारत सरकार के जनविश्वास (प्रावधानों में संशोधन) अधिनियम-2023 की तर्ज पर राज्य में भी राजस्थान जनविश्वास (उपबंधों का संशोधन) अध्यादेश-2025 के प्रारूप को मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी दी गई है।

संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि इस अध्यादेश के द्वारा 11 अधिनियमों में से आपराधिक प्रावधान हटाए जा रहे हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि राजस्थान वन अधिनियम-1953 में धारा 26(1) (ए) के तहत वन भूमि में मवेशी चराने पर अब तक 6 माह तक कारावास या 500 रुपये तक जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान था। संशोधन के बाद अब इस उल्लंघन पर केवल जुर्माना लगाया जाएगा। वन को हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति नियमानुसार वन अधिकारी द्वारा निर्धारित की जाएगी। इस संशोधन से उन आदिवासियों और ग्रामीणों को राहत मिलेगी, जो अनजाने में मवेशी चराते हुए वन भूमि में प्रवेश कर जाते हैं।

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पटेल ने बताया कि राजस्थान राज्य सहायता (उद्योग) अधिनियम-1961 में सहायता प्राप्त करने वाले उद्योगों के प्रभारी पर मामूली प्रक्रियात्मक अपराधों, जैसे बहीखाते या अन्य दस्तावेज निरीक्षण के लिए प्रस्तुत न करने पर कारावास का प्रावधान था। अब इन आपराधिक प्रावधानों को हटाकर केवल अर्थदंड तक सीमित किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि जयपुर वाटर सप्लाई एंड सीवरेज बोर्ड अधिनियम-2018 में जल की बर्बादी, दुरुपयोग, गैर–घरेलू कार्यों में प्रयोग, बोर्ड की सीवरेज लाइन में रुकावट डालने या बिना लिखित अनुमति के कनेक्शन जोड़ने आदि पर कारावास का प्रावधान था, जिसे अब हटाकर केवल अर्थदंड के प्रावधान तक सीमित किया गया है।

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने बताया कि बदलते समय के अनुरूप प्रवासी राजस्थानियों के राज्य के साथ सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक जुड़ाव को मजबूत करने के उद्देश्य से अनुमोदित नॉन–रेजिडेंट राजस्थानी पॉलिसी ऑफ राजस्थान-2025 निवेश, व्यापार, ज्ञान के आदान–प्रदान, शोध और सामाजिक सरोकारों में एनआरआर के योगदान को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल माहौल तैयार करेगी।

उन्होंने कहा कि यह नीति प्रवासी राजस्थानियों के निवेश को गति देने के लिए राज्य में एक बेहतर इकोसिस्टम तैयार करेगी। निवेश से संबंधित सभी प्रक्रियाओं के समन्वय हेतु एनआरआर इन्वेस्टमेंट फेसिलिटेशन सेल स्थापित की जाएगी, जिसमें इन्वेस्टमेंट लायजन ऑफिसर्स निवेश प्रस्तावों की निगरानी, प्रवासी मिलन कार्यक्रमों का आयोजन और विभागीय समन्वय सुनिश्चित करेंगे।

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राजस्थान फाउंडेशन चैप्टर्स में इन्वेस्टमेंट कॉर्डिनेटर्स नियुक्त किए जाएंगे, जो निवेश लीड्स की पहचान करेंगे और राज्य सरकार की नीतियों-योजनाओं की जानकारी साझा करेंगे।

प्रवासी विशेषज्ञों और व्यवसायिक नेताओं के सहयोग से एनआरआर इन्वेस्टमेंट एडवाइजरी काउंसिल्स गठित की जाएंगी, जो नीतिगत सुझाव और सेक्टर वार निवेश रोडमैप तैयार करेंगी। प्रवासी समुदाय के योगदान को सम्मानित करने के लिए प्रवासी राजस्थानी दिवस तथा प्रवासी राजस्थानी सम्मान अवॉर्ड्स का भव्य आयोजन किया जाएगा।

साथ ही प्रवासियों की जानकारी के लिए डायस्पोरा डाटाबेस तैयार किया जाएगा, जिसमें उनके स्थान, कौशल, व्यवसाय और निवेश क्षमता जैसी जानकारी संकलित होगी।
नीति में ग्लोबल यूथ कनेक्ट, सेलिब्रेट राजस्थान और डायस्पोरा फॉर डेवलपमेंट जैसे नवाचार शामिल किए जाएंगे। प्रवासी राजस्थानियों की परेशानियों के समाधान के लिए एक व्यवस्थित शिकायत निवारण और समन्वय तंत्र भी स्थापित किया जाएगा।

खुदरा व्यापारियों को मिलेगा व्यापार बढ़ाने का अवसर

गोदारा ने बताया कि बड़े ट्रेड, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और लॉजिस्टिक नेटवर्क जैसे समान अवसर छोटे व्यापारियों को उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राजस्थान ट्रेड प्रमोशन पॉलिसी-2025 को कैबिनेट द्वारा मंजूरी दी गई। इससे राज्य का खुदरा और थोक व्यापार सशक्त होगा।

यह नीति राज्य में 10.5 लाख से अधिक रिटेल स्टोर्स और तेजी से बढ़ते उपभोक्ता बाजार को ध्यान में रखते हुए व्यापार क्षेत्र में निवेश बढ़ाने, रोजगार सृजन करने, छोटे व्यापारियों को बाजार और ऋण तक आसान पहुंच दिलाने तथा खुदरा-थोक व्यापार में एमएसएमई उद्यमों के विकास के लिए बनाई गई है।

नीति में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस सुधारों को भी प्रमुख स्थान दिया गया है। इसके तहत राजस्थान दुकान एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम-1958 के प्रावधानों में आवश्यकतानुसार शिथिलता लाने पर विचार किया जाएगा, ताकि व्यापारिक इकाइयों का संचालन और भी सरल व व्यवसाय-अनुकूल बन सके।

विशेष पर्यटन क्षेत्रों का विकास

गोदारा ने बताया कि मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित राजस्थान पर्यटन नीति-2025 में निजी क्षेत्र के निवेश को प्रोत्साहन, पर्यटन अवसंरचना के विकास, प्रमुख स्थलों की कनेक्टिविटी, स्वच्छता, सुरक्षा, डिजिटल सुविधाओं का विस्तार और ब्रांडिंग को मजबूत करने पर बल दिया गया है।

नीति के तहत धार्मिक पर्यटन मार्गों का विकास, वन एवं धार्मिक क्षेत्रों के आसपास टूरिज्म हब की स्थापना, शौर्य सर्किट, बर्ड वॉचिंग सर्किट, प्रोजेक्शन मैपिंग, लाइट-साउंड शो, प्री-पेड टैक्सी बूथ, ई-व्हीकल टूर, राजस्थान ट्रैवल कार्ड, होम-स्टे और पेइंग गेस्ट सुविधाओं को बढ़ावा देने जैसे प्रावधान किए गए हैं।

इसके साथ ही चयनित जिलों में विशेष पर्यटन क्षेत्र का विकास, पर्यटन परियोजनाओं की अनुमति हेतु सिंगल वेब पोर्टल, पीपीपी मोड पर पर्यटन परियोजनाओं का विकास, स्किलिंग सेंटर्स की स्थापना, पर्यटन छात्रों हेतु छात्रवृत्ति, क्राफ्ट म्यूजियम, डिजिटल म्यूजियम, मोबाइल एप, एयर कनेक्टिविटी हेतु वायबिलिटी गैप फंडिंग, प्रमुख मेलों- उत्सवों का वृहद आयोजन, एस्ट्रो टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म, कुलिनरी टूरिज्म, वेलनेस टूरिज्म और मनोरंजन परियोजनाओं को बढ़ावा देने पर भी विशेष ध्यान दिया गया है।

पर्यटन सुरक्षा को सुदृढ़ करने हेतु 24×7 कॉल सेंटर, टूरिस्ट असिस्टेंस फोर्स, पैनिक बटन आधारित सुरक्षा प्रणाली, सीसीटीवी और फीडबैक सिस्टम की व्यवस्था की जाएगी।

किशनगढ़ एयरपोर्ट के लिए भूमि आवंटन

संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि किशनगढ़ हवाई अड्डे के लिए अतिरिक्त 15 एकड़ भूमि निःशुल्क उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। इससे बड़े विमानों के सिंगल साइड ऑपरेशन हेतु 900 मीटर लंबी एप्रोच लाइट्स (इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम) की स्थापना संभव होगी।
इसके बाद कोहरे और रात्रि के समय भी विमानों का सुरक्षित संचालन हो सकेगा। इससे न केवल उड़ानों की संख्या बढ़ेगी, बल्कि पर्यटन और औद्योगिक विकास को भी गति मिलेगी।

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अनुकंपा नियुक्ति आवेदन की समय सीमा बढ़ी

पटेल ने बताया कि मृत सरकारी कर्मचारी के आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति के लिए अब 90 दिन के बजाय 180 दिन में आवेदन करने का अवसर मिलेगा। इसके लिए राजस्थान मृत सरकारी कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकम्पात्मक नियुक्ति नियम-1996 में संशोधन किया जाएगा। इससे परिजनों को आवश्यक दस्तावेज और शपथ पत्र तैयार करने में पर्याप्त समय मिल सकेगा।

आरक्षित सूची अब एक वर्ष तक मान्य

अब प्रतियोगी परीक्षाओं में आरक्षित सूची से अभ्यर्थियों की अनुशंसा 6 माह की जगह 1 वर्ष के भीतर की जा सकेगी। इस संशोधन से एक ही भर्ती में अधिक संख्या में अभ्यर्थियों को रोजगार का अवसर मिलेगा।

मोटर वाहन उप निरीक्षक पद की योग्यता में संशोधन

अब इस पद पर आवेदन के लिए ऑटोमोबाइल या मैकेनिकल इंजीनियरिंग में तीन वर्षीय डिप्लोमा के अलावा उच्चतर योग्यता रखने वाले अभ्यर्थी भी पात्र होंगे। साथ ही ऑटोमोबाइल वर्कशॉप का एक वर्षीय अनुभव और ट्रांसपोर्ट यान श्रेणी का लाइसेंस रखने की अनिवार्यता समाप्त की गई है। इससे ज्यादा से ज्यादा अभ्यर्थी अध्ययन पूरा करते ही आवेदन कर सकेंगे।

इन सबके अतिरिक्त अन्य निर्णयों में राजस्थान मूल्यांकन सेवा नियम-1979 में विभागीय पदोन्नति समिति के गठन संबंधी प्रावधान जोड़े गए हैं, जिससे लंबित बैठकों का आयोजन संभव होगा। इसके अलावा मृत या स्थायी रूप से अशक्त सशस्त्र बल एवं पैरा-मिलिट्री कर्मियों, उत्तराखंड त्रासदी-2013 और कोविड-19 से अनाथ हुए व्यक्तियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति देने संबंधी अधिसूचनाओं को अब विभिन्न सेवा नियमों में शामिल किया गया है।

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