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AI से बढ़ी प्रोडक्टिविटी: भारत के GCC प्रोफेशनल्स के प्रदर्शन में 50% तक सुधार, रिपोर्ट में खुलासा
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Thu, 27 Nov 2025 06:22 PM IST
सार
GCC Report 2025: एक नए सर्वे में सामने आया है कि भारत के ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) में काम करने वाले ज्यादातर प्रोफेशनल्स की प्रोडक्टिविटी एआई की मदद से तेजी से बढ़ी है। रिपोर्ट बताती है कि 75% कर्मचारियों ने एआई को सीधे अपने परफॉर्मेंस गोल्स हासिल करने में उपयोगी पाया।
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ऑफिस में प्रोडक्टिविटी बढ़ा रहा एआई
- फोटो : AI
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विस्तार
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अब सिर्फ चर्चा का विषय नहीं रहा, बल्कि कामकाज में तेजी और बेहतर प्रदर्शन का अहम साधन बन चुका है। ANSR और टैलेंट500 की ओर से जारी ‘एआई एडवांटेज सर्वे रिपोर्ट 2025’ में दावा किया गया कि बड़ी संख्या में पेशेवर अब AI को अपनी उत्पादकता बढ़ाने, काम की गुणवत्ता सुधारने और करियर को अधिक मूल्यवान बनाने वाले उपकरण के रूप में देख रहे हैं।
रिपोर्ट में शामिल 3,000 से अधिक प्रोफेशनल्स में से लगभग 75% ने कहा कि एआई ने सीधे तौर पर उन्हें उनके परफॉर्मेंस गोल्स पूरा करने में मदद की। वहीं, 60% से ज्यादा कर्मचारियों ने 25% से 50% तक प्रोडक्टिविटी बढ़ने का दावा किया।
एआई बना दैनिक कार्यों का अहम हिस्सा
रिपोर्ट के मुताबिक, 44% प्रोफेशनल्स अब एआई को अपने रोजमर्रा के काम का मुख्य हिस्सा मानते हैं, जबकि 36% इसे जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल करते हैं। कोडिंग, रिसर्च और डेटा एनालिसिस जैसे कार्यों में AI सबसे अधिक उपयोग हो रहा है। यह दर्शाता है कि एआई अब सिर्फ सपोर्ट टूल नहीं, बल्कि वैल्यू-क्रिएशन प्रोसेस का मुख्य हिस्सा बन चुका है।
सकारात्मक सोच के बावजूद सीखने में कई चुनौतियां
रिपोर्ट बताती है कि एआई को लेकर उत्साह के बावजूद सीखने में अहम अंतर बने हुए हैं। 70% से अधिक प्रोफेशनल्स एआई खुद से सीख रहे हैं, जैसे YouTube, ओपन कोर्सेस और प्रैक्टिकल एक्सपेरिमेंट्स के जरिए। वहीं, केवल एक-तिहाई कर्मचारियों को औपचारिक ट्रेनिंग मिल रही है।
कंपनियों के लिए स्पष्ट संदेश
ANSR के सह-संस्थापक विक्रम आहूजा ने कहा कि प्रोफेशनल्स एआई को प्रतिस्थापन के रूप में नहीं, बल्कि अपनी क्षमताएं बढ़ाने वाले साधन के रूप में देख रहे हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि कंपनियों को ऐसी सीखने की व्यवस्था बनानी चाहिए जो कर्मचारियों को तकनीक के साथ बढ़ने में मदद करे।
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रिपोर्ट में शामिल 3,000 से अधिक प्रोफेशनल्स में से लगभग 75% ने कहा कि एआई ने सीधे तौर पर उन्हें उनके परफॉर्मेंस गोल्स पूरा करने में मदद की। वहीं, 60% से ज्यादा कर्मचारियों ने 25% से 50% तक प्रोडक्टिविटी बढ़ने का दावा किया।
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एआई बना दैनिक कार्यों का अहम हिस्सा
रिपोर्ट के मुताबिक, 44% प्रोफेशनल्स अब एआई को अपने रोजमर्रा के काम का मुख्य हिस्सा मानते हैं, जबकि 36% इसे जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल करते हैं। कोडिंग, रिसर्च और डेटा एनालिसिस जैसे कार्यों में AI सबसे अधिक उपयोग हो रहा है। यह दर्शाता है कि एआई अब सिर्फ सपोर्ट टूल नहीं, बल्कि वैल्यू-क्रिएशन प्रोसेस का मुख्य हिस्सा बन चुका है।
सकारात्मक सोच के बावजूद सीखने में कई चुनौतियां
रिपोर्ट बताती है कि एआई को लेकर उत्साह के बावजूद सीखने में अहम अंतर बने हुए हैं। 70% से अधिक प्रोफेशनल्स एआई खुद से सीख रहे हैं, जैसे YouTube, ओपन कोर्सेस और प्रैक्टिकल एक्सपेरिमेंट्स के जरिए। वहीं, केवल एक-तिहाई कर्मचारियों को औपचारिक ट्रेनिंग मिल रही है।
कंपनियों के लिए स्पष्ट संदेश
ANSR के सह-संस्थापक विक्रम आहूजा ने कहा कि प्रोफेशनल्स एआई को प्रतिस्थापन के रूप में नहीं, बल्कि अपनी क्षमताएं बढ़ाने वाले साधन के रूप में देख रहे हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि कंपनियों को ऐसी सीखने की व्यवस्था बनानी चाहिए जो कर्मचारियों को तकनीक के साथ बढ़ने में मदद करे।