{"_id":"69282de4f7e1e26e6f0f7bb5","slug":"black-friday-sale-scam-fake-amazon-samsung-websites-cloudsek-warning-2025-11-27","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"जरा बच के: Black Friday Sale के चक्कर में कहीं अकाउंट न हो जाए खाली, चल रहीं 2,000 से ज्यादा फर्जी वेबसाइटें","category":{"title":"Tech Diary","title_hn":"टेक डायरी","slug":"tech-diary"}}
जरा बच के: Black Friday Sale के चक्कर में कहीं अकाउंट न हो जाए खाली, चल रहीं 2,000 से ज्यादा फर्जी वेबसाइटें
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Thu, 27 Nov 2025 04:28 PM IST
सार
Black Friday Sale Scam: ब्लैक फ्राइडे सेल के बीच ऑनलाइन फ्रॉड तेजी से बढ़ रहा है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि साइबर अपराधियों ने 2,000 से ज्यादा फर्जी वेबसाइटें तैयार कर ली हैं, जो Amazon, Samsung समेत बड़े ब्रांड्स का रूप लेकर खरीदारों को ठगने में जुटी हैं।
विज्ञापन
ब्लैक फ्राइडे सेल स्कैम
- फोटो : AI
विज्ञापन
विस्तार
शुक्रवार 28 नवंबर को आने वाले ब्लैक फ्राइडे सेल (Black Friday Sale 2025) को लेकर इंटरनेट पर गजब का क्रेज दिख रहा है। साल में एक दिन आने वाले इस सेल पर ऑफलाइन रिटेलर्स के साथ ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म्स भी भारी छूट व ऑफर्स देते हैं। हालांकि, इस दिन ग्राहकों के साथ स्कैम और फ्रॉड के मामले भी बढ़ जाते हैं। एक हालिया रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि ब्लैक फ्राइडे सेल को देखते हुए साइबर अपराधियों ने ऑनलाइन स्कैम का जाल और मजबूत कर दिया है। डिजिटल रिस्क प्रोटेक्शन फर्म CloudSEK ने चेतावनी जारी की है कि इस साल अपराधियों ने बड़ी संख्या में फेस्टिव-थीम वाली फर्जी वेबसाइटें बनाई हैं, जो ग्राहकों को भारी छूट के नाम पर ठगने के लिए तैयार बैठी हैं।
बड़े पैमाने पर चल रहा स्कैम
CloudSEK के अनुसार, इस बार का स्कैम बेहद संगठित और बड़े पैमाने पर चलाया जा रहा है। स्कैमर्स बिल्कुल असली वेबसाइट जैसी दिखने वाली फर्जी वेबसाइटें चला रहे हैं। वेबसाइट असली दिखे इसलिए ब्रांड्स की डिजाइन और लोगो तक को कॉपी कर रहे हैं। बिल्कुल ओरिजनल जैसा टच देने के लिए फेस्टिव लेआउट, काउंटडाउन टाइमर, नकली ट्रस्ट बैज का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। ये साइटें यूजर्स से पेमेंट और निजी जानकारी चुराने के लिए अटैकर्स के कंट्रोल वाले चेकआउट पेज पर ट्रांजैक्शन रिडायरेक्ट कर देती हैं।
Trending Videos
बड़े पैमाने पर चल रहा स्कैम
CloudSEK के अनुसार, इस बार का स्कैम बेहद संगठित और बड़े पैमाने पर चलाया जा रहा है। स्कैमर्स बिल्कुल असली वेबसाइट जैसी दिखने वाली फर्जी वेबसाइटें चला रहे हैं। वेबसाइट असली दिखे इसलिए ब्रांड्स की डिजाइन और लोगो तक को कॉपी कर रहे हैं। बिल्कुल ओरिजनल जैसा टच देने के लिए फेस्टिव लेआउट, काउंटडाउन टाइमर, नकली ट्रस्ट बैज का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। ये साइटें यूजर्स से पेमेंट और निजी जानकारी चुराने के लिए अटैकर्स के कंट्रोल वाले चेकआउट पेज पर ट्रांजैक्शन रिडायरेक्ट कर देती हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन
संभल कर करें ऑनलाइन खरीदारी
- फोटो : AI
Amazon और Samsung सबसे ज्यादा निशाने पर
रिपोर्ट में बताया गया है कि सबसे ज्यादा फर्जी वेबसाइट Amazon और Samsung के नाम पर बनाए गए हैं। जांच में Amazon के नाम पर 170 से ज्यादा फर्जी वेबसाइट पाई गई हैं। वहीं, सैमसंग, Xiaomi और Ray-Ban की नकल करने वाले वेबसाइट भी भारी संख्या में पाए गए हैं। रिपोर्ट में कुल 2000 फर्जी वेबसाइट्स के पकड़े जाने का जिक्र किया गया है। कई फर्जी वेबसाइट असली वेबसाइट के नाम के साथ .shop डोमेन का इस्तेमाल कर रहे हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक, फेस्टिवल को देखते हुए इन फर्जी वेबसाइटों का एक इकोसिस्टम तैयार किया गया है ताकि लोगों को बचने का मौका न मिले।
सोशल मीडिया से शेयर हो रहे लिंक
CloudSEK ने पाया कि फर्जी साइटों को सोशल मीडिया के जरिए प्रमोट किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर इन वेबसाइटों के एड दिख रहे हैं, जिनपर क्लिक करते ही यूजर फर्जी वेबसाइट तक पहुंच जाता है। इसके अलावा सर्च इंजन मैनिपुलेशन के जरिए फर्जी वेबसाइटों को सर्च रिजल्ट्स में उपर लाया जा रहा है। इसके अलावा, व्हाट्सएप और टेलीग्राम ग्रुप्स में भ्रामक एड के साथ वेबसाइट के लिंक को शेयर किया जा रहा है। एक फर्जी साइट कुछ घंटों में सैकड़ों विजिटर्स खींच सकती है और 3%–8% तक कन्वर्जन मिलने पर स्कैमर्स एक साइट से 2,000–12,000 डॉलर तक कमा सकते हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि सबसे ज्यादा फर्जी वेबसाइट Amazon और Samsung के नाम पर बनाए गए हैं। जांच में Amazon के नाम पर 170 से ज्यादा फर्जी वेबसाइट पाई गई हैं। वहीं, सैमसंग, Xiaomi और Ray-Ban की नकल करने वाले वेबसाइट भी भारी संख्या में पाए गए हैं। रिपोर्ट में कुल 2000 फर्जी वेबसाइट्स के पकड़े जाने का जिक्र किया गया है। कई फर्जी वेबसाइट असली वेबसाइट के नाम के साथ .shop डोमेन का इस्तेमाल कर रहे हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक, फेस्टिवल को देखते हुए इन फर्जी वेबसाइटों का एक इकोसिस्टम तैयार किया गया है ताकि लोगों को बचने का मौका न मिले।
सोशल मीडिया से शेयर हो रहे लिंक
CloudSEK ने पाया कि फर्जी साइटों को सोशल मीडिया के जरिए प्रमोट किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर इन वेबसाइटों के एड दिख रहे हैं, जिनपर क्लिक करते ही यूजर फर्जी वेबसाइट तक पहुंच जाता है। इसके अलावा सर्च इंजन मैनिपुलेशन के जरिए फर्जी वेबसाइटों को सर्च रिजल्ट्स में उपर लाया जा रहा है। इसके अलावा, व्हाट्सएप और टेलीग्राम ग्रुप्स में भ्रामक एड के साथ वेबसाइट के लिंक को शेयर किया जा रहा है। एक फर्जी साइट कुछ घंटों में सैकड़ों विजिटर्स खींच सकती है और 3%–8% तक कन्वर्जन मिलने पर स्कैमर्स एक साइट से 2,000–12,000 डॉलर तक कमा सकते हैं।
ऑनलाइन खरीदारी में कैसे रहें सेफ?
- खरीदारी हमेशा केवल आधिकारिक वेबसाइट या एप से ही करें।
- सोशल मीडिया पर दिखने वाले एड्स और भारी छूट वाले नए डोमेन से सावधान रहें।
- WhatsApp या Telegram पर आने वाले ऑफर्स के लिंक खतरनाक हो सकते हैं। इनके सही होने का वेरिफिकेशन जरूर करें।
- शॉपिंग वेबसाइट के URL और सिक्योर HTTPS कनेक्शन को जरूर चेक करें।
- अज्ञात साइट पर कार्ड डिटेल कभी साझा न करें।