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Google: क्वांटम में 13,000 गुना तेजी से काम करेगा गूगल का एल्गो, नई सामग्री की खोज होगी आसान
एजेंसी
Published by: लव गौर
Updated Fri, 24 Oct 2025 07:33 AM IST
सार
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कंपनी की इस उपलब्धि को सत्यापन योग्य क्वांटम लाभ (वेरिफायबल क्वांटम एडवांटेज) करार दिया है। इससे दवाओं की खोज (ड्रग डिस्कवरी) और सामग्री विज्ञान (मैटेरियल साइंस) में नए अनुप्रयोगों के नए द्वार खुल सकते हैं।
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गूगल ने क्वांटम कंप्यूटिंग में बड़ी छलांग
- फोटो : अमर उजाला प्रिंट
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विस्तार
गूगल ने क्वांटम कंप्यूटिंग में बड़ी छलांग लगाई है। तकनीकी दिग्गज कंपनी ने अपने 'विलो' क्वांटम कंप्यूटिंग चिप पर नया एल्गोरिदम 'क्वांटम इकोज' विकसित किया है, जो पारंपरिक सुपरकंप्यूटरों की तुलना में काफी तेज काम करता है। गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कंपनी की इस उपलब्धि को सत्यापन योग्य क्वांटम लाभ (वेरिफायबल क्वांटम एडवांटेज) करार दिया है। इससे दवाओं की खोज (ड्रग डिस्कवरी) और सामग्री विज्ञान (मैटेरियल साइंस) में नए अनुप्रयोगों के नए द्वार खुल सकते हैं।
सुंदर पिचाई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया कि यह सफलता नए एल्गोरिदम 'क्वांटम इकोज' पर आधारित है। उन्होंने कहा, यह एल्गोरिदम न्यूक्लियर मैग्नेटिक रेजोनेंस (एनएमआर) का उपयोग करके अणुओं में परमाणुओं की परस्पर क्रिया की व्याख्या कर सकता है। विलो चिप पर यह एल्गोरिदम दुनिया के सबसे तेज सुपरकंप्यूटर पर चलने वाले सर्वश्रेष्ठ एल्गोरिदम की तुलना में 13,000 गुना तेजी से काम करता है। गूगल ने पिछले साल विलो चिप लॉन्च किया था, जो क्वांटम कम्प्यूटिंग की मूल इकाई क्यूबिट्स के साथ जटिल समस्याओं को हल करने में सक्षम है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, इस क्वांटम तकनीक का व्यावहारिक उपयोग अगले पांच साल में संभव हो सकता है।
पिचाई बोले-काफी उत्साहित है टीम
पिचाई ने कहा है कि यह पहले के क्वांटम प्रदर्शनों से अलग है, जो तेज तो थे, लेकिन स्वतंत्र रूप से सत्यापित नहीं किए गए थे। पिचाई ने इसे क्वांटम कम्प्यूटिंग की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा कि उनकी टीम काफी उत्साहित है।
समझ सकता है प्रकृति की प्रणाली
गूगल नेे एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, हमने क्वांटम इकोज को चलाकर पहली बार सत्यापन करने योग्य क्वांटम लाभ को प्रदर्शित किया है। यह एल्गोरिदम प्रकृति में मौजूद प्रणालियों, जैसे अणुओं, चुंबकों और ब्लैक होल की संरचना को समझने में उपयोगी हो सकता है।
क्वांटम कम्प्यूटर अणुओं की संरचना और गतिशीलता को मॉडल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, जो रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान और सामग्री विज्ञान के लिए आधारभूत आवश्यकता है। यह प्रगति बायोटेक्नोलॉजी, सौर ऊर्जा और परमाणु संलयन जैसे क्षेत्रों में उपयोगी सकती है -सुंदर पिचाई, सीईओ, गूगल
सुंदर पिचाई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया कि यह सफलता नए एल्गोरिदम 'क्वांटम इकोज' पर आधारित है। उन्होंने कहा, यह एल्गोरिदम न्यूक्लियर मैग्नेटिक रेजोनेंस (एनएमआर) का उपयोग करके अणुओं में परमाणुओं की परस्पर क्रिया की व्याख्या कर सकता है। विलो चिप पर यह एल्गोरिदम दुनिया के सबसे तेज सुपरकंप्यूटर पर चलने वाले सर्वश्रेष्ठ एल्गोरिदम की तुलना में 13,000 गुना तेजी से काम करता है। गूगल ने पिछले साल विलो चिप लॉन्च किया था, जो क्वांटम कम्प्यूटिंग की मूल इकाई क्यूबिट्स के साथ जटिल समस्याओं को हल करने में सक्षम है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, इस क्वांटम तकनीक का व्यावहारिक उपयोग अगले पांच साल में संभव हो सकता है।
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पिचाई बोले-काफी उत्साहित है टीम
पिचाई ने कहा है कि यह पहले के क्वांटम प्रदर्शनों से अलग है, जो तेज तो थे, लेकिन स्वतंत्र रूप से सत्यापित नहीं किए गए थे। पिचाई ने इसे क्वांटम कम्प्यूटिंग की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा कि उनकी टीम काफी उत्साहित है।
समझ सकता है प्रकृति की प्रणाली
गूगल नेे एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, हमने क्वांटम इकोज को चलाकर पहली बार सत्यापन करने योग्य क्वांटम लाभ को प्रदर्शित किया है। यह एल्गोरिदम प्रकृति में मौजूद प्रणालियों, जैसे अणुओं, चुंबकों और ब्लैक होल की संरचना को समझने में उपयोगी हो सकता है।
क्वांटम कम्प्यूटर अणुओं की संरचना और गतिशीलता को मॉडल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, जो रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान और सामग्री विज्ञान के लिए आधारभूत आवश्यकता है। यह प्रगति बायोटेक्नोलॉजी, सौर ऊर्जा और परमाणु संलयन जैसे क्षेत्रों में उपयोगी सकती है -सुंदर पिचाई, सीईओ, गूगल