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Google: गूगल पर ऑस्ट्रेलिया में 36 मिलियन डॉलर का जुर्माना, प्रतिरोधी कंपनियों को दबाने कर रही थी ये काम
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Mon, 18 Aug 2025 04:13 PM IST
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सार
Google Antitrust Case In Australia: ऑस्ट्रेलिया में गूगल को प्रतिस्पर्धा-विरोधी समझौतों के लिए बड़ा झटका लगा है। कंपनी पर 36 मिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया गया है क्योंकि उसने टेलीकॉम कंपनियों के साथ ऐसे करार किए थे, जिनसे अन्य सर्च इंजन स्मार्टफोन पर इंस्टॉल नहीं हो पा रहे थे।

गूगल पर लगा तगड़ा जुर्माना
- फोटो : AI
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विस्तार
ऑस्ट्रेलिया की प्रतिस्पर्धा निगरानी संस्था ACCC ने खुलासा किया कि गूगल ने देश की दो सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनियों Telstra और Optus के साथ ऐसा करार किया था, जिसमें केवल गूगल सर्च ही एंड्रॉइड स्मार्टफोनों में प्री-इंस्टॉल किया जाता था। इस डील के चलते अन्य सर्च इंजन इंस्टॉल नहीं किए जा सकते थे।
डील में क्या था?
मार्च 2021 तक 15 महीनों के लिए, Google ने Telstra और Optus के साथ एक विशेष समझौता किया था। इस डील के तहत, इन कंपनियों द्वारा बेचे जाने वाले एंड्रॉयड फोन पर सिर्फ Google Search ही पहले से इंस्टॉल किया जाता था। अन्य किसी भी सर्च इंजन को इन फोन पर जगह नहीं दी गई। बदले में, इन टेलीकॉम कंपनियों को उन ग्राहकों से होने वाली विज्ञापन आय का एक हिस्सा मिलता था। Google ने भी स्वीकार किया है कि इन समझौतों से "प्रतिस्पर्धा को काफी नुकसान" होने की संभावना थी।
यह भी पढ़ें: 10 साल बाद बदल जाएगी दुनिया, ये आठ तकनीकें करेंगी राज, कहीं आप पीछे न रह जाएं!
Google ने मानी गलती
सिंगापुर स्थित Google Asia Pacific डिविजन के खिलाफ ऑस्ट्रेलियाई फेडरल कोर्ट में कार्यवाही शुरू की गई है। अदालत यह तय करेगी कि 55 मिलियन ऑस्ट्रेलियन डॉलर (36 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का जुर्माना उपयुक्त है या नहीं। गूगल ने मान लिया है कि उसके समझौते ने प्रतिस्पर्धा को कमजोर किया। कंपनी ने एंड्रॉयड फोन बनाने वाली कंपनियों और टेलीकॉम ऑपरेटर्स के साथ अपने कॉन्ट्रैक्ट्स से कुछ खास सर्च इंजन से जुड़ी पाबंदियों को हटाने का भी भरोसा दिया है।
गूगल ने क्या कहा?
इस मामले पर Google ने एक बयान जारी कर कहा, "हम ACCC की चिंताओं को सुलझाकर खुश हैं, जिनमें ऐसे प्रावधान शामिल थे जो लंबे समय से हमारे व्यावसायिक समझौतों का हिस्सा नहीं रहे हैं।" ACCC की चेयर जीना-कैस गॉटलीब ने कहा, “प्रतिस्पर्धा को सीमित करने वाली गतिविधियां ऑस्ट्रेलिया में अवैध हैं क्योंकि इससे उपभोक्ताओं के लिए विकल्प घटते हैं, कीमतें बढ़ती हैं और सेवाओं की गुणवत्ता प्रभावित होती है।”
यह भी पढ़ें: AI के ‘गॉडफादर’ ने दी चेतावनी: मानवता को खत्म कर सकता है एआई, बचने का है एक ही तरीका
क्यों अहम है यह फैसला?
यह मामला उस समय सामने आया है जब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सर्च टूल्स जानकारी खोजने के तरीके को बदल रहे हैं और नई प्रतिस्पर्धा पैदा कर रहे हैं। पिछले साल Telstra, Optus और TPG ने भी ACCC को भरोसा दिलाया था कि वे गूगल के साथ ऐसे सौदे दोबारा नहीं करेंगे, जिनसे उपभोक्ताओं की पसंद सीमित हो।

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डील में क्या था?
मार्च 2021 तक 15 महीनों के लिए, Google ने Telstra और Optus के साथ एक विशेष समझौता किया था। इस डील के तहत, इन कंपनियों द्वारा बेचे जाने वाले एंड्रॉयड फोन पर सिर्फ Google Search ही पहले से इंस्टॉल किया जाता था। अन्य किसी भी सर्च इंजन को इन फोन पर जगह नहीं दी गई। बदले में, इन टेलीकॉम कंपनियों को उन ग्राहकों से होने वाली विज्ञापन आय का एक हिस्सा मिलता था। Google ने भी स्वीकार किया है कि इन समझौतों से "प्रतिस्पर्धा को काफी नुकसान" होने की संभावना थी।
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Google ने मानी गलती
सिंगापुर स्थित Google Asia Pacific डिविजन के खिलाफ ऑस्ट्रेलियाई फेडरल कोर्ट में कार्यवाही शुरू की गई है। अदालत यह तय करेगी कि 55 मिलियन ऑस्ट्रेलियन डॉलर (36 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का जुर्माना उपयुक्त है या नहीं। गूगल ने मान लिया है कि उसके समझौते ने प्रतिस्पर्धा को कमजोर किया। कंपनी ने एंड्रॉयड फोन बनाने वाली कंपनियों और टेलीकॉम ऑपरेटर्स के साथ अपने कॉन्ट्रैक्ट्स से कुछ खास सर्च इंजन से जुड़ी पाबंदियों को हटाने का भी भरोसा दिया है।
गूगल ने क्या कहा?
इस मामले पर Google ने एक बयान जारी कर कहा, "हम ACCC की चिंताओं को सुलझाकर खुश हैं, जिनमें ऐसे प्रावधान शामिल थे जो लंबे समय से हमारे व्यावसायिक समझौतों का हिस्सा नहीं रहे हैं।" ACCC की चेयर जीना-कैस गॉटलीब ने कहा, “प्रतिस्पर्धा को सीमित करने वाली गतिविधियां ऑस्ट्रेलिया में अवैध हैं क्योंकि इससे उपभोक्ताओं के लिए विकल्प घटते हैं, कीमतें बढ़ती हैं और सेवाओं की गुणवत्ता प्रभावित होती है।”
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क्यों अहम है यह फैसला?
यह मामला उस समय सामने आया है जब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सर्च टूल्स जानकारी खोजने के तरीके को बदल रहे हैं और नई प्रतिस्पर्धा पैदा कर रहे हैं। पिछले साल Telstra, Optus और TPG ने भी ACCC को भरोसा दिलाया था कि वे गूगल के साथ ऐसे सौदे दोबारा नहीं करेंगे, जिनसे उपभोक्ताओं की पसंद सीमित हो।