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Smartphone: स्मार्टफोन का साइज बना मुसीबत, जानिए 'स्क्रीन साइज पैराडॉक्स' से कैसे बढ़ी ग्राहकों की परेशानी
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Fri, 24 Oct 2025 12:09 PM IST
सार
Smartphone Screen Size Paradox: स्मार्टफोन का बड़ा साइज अब ग्राहकों के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। बड़े स्मार्टफोन में बैटरी लाइफ और फीचर्स तो बढ़े हैं, लेकिन अब उनका इस्तेमाल करना सुविधाजनक नहीं रह गया है। जानिए कैसे एक स्मार्टफोन यूजर को ज्यादा बैटरी, फीचर्स और स्क्रीन साइज के लिए कंफर्ट से समझौता करना पड़ता है।
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स्मार्टफोन
- फोटो : FREEPIK
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विस्तार
क्या आपको भी कभी ऐसा महसूस हुआ है कि आपके फोन का साइज कम होना चाहिए था या फोन थोड़ा हल्का होता तो उसे यूज करना थोड़ा आसान होता? दरअसल, जब स्मार्टफोन युग की शुरूआत हुई थी तब फोन छोटे और कॉम्पैक्ट साइज के ही आते थे। लेकिन समय के साथ बड़ी बैटरी, ज्यादा फीचर्स, फास्ट प्रोसेसर और पावरफुल कैमरा जैसी जरूरतों फोन के साइज को बढ़ा दिया। अब मार्केट से कॉम्पैक्ट साइज के फोन गायब ही हो गए हैं।
मार्केट में बिकने वाले ज्यादातर स्मार्टफोन की स्क्रीन साइज 6-इंच से अधिक है। सस्ते से सस्ते फोन भी अब 6.5 या 6.7 इंच की स्क्रीन के साथ आ रहे हैं। हाल ही के कुछ वर्षों में ऑनलाइन वीडियो कंटेंट की खपत तेजी से बढ़ी है जिसके चलते बड़ी स्क्रीन वाले फोन्स लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो रहे हैं। हालांकि, अब भी ऐसे लोगों के संख्या कम नहीं है जो अपने लिए एक हल्का और कॉम्पैक्ट स्मार्टफोन चाहते हैं।
'स्क्रीन साइज पैराडॉक्स' में उलझे ग्राहक
अब छोटे साइज वाले फोन ढूंढे नहीं मिलते, और अगर मिलते भी हैं तो फीचर्स और बैटरी बैकअप से समझौता करना पड़ता है। यानी आपको अगर बेहतर फीचर्स, तेज प्रोसेसर और लंबी बैटरी बैकअप चाहिए तो बड़े साइज के फोन में ही ये सभी खूबियां मिलेंगी। यही विरोधाभास “स्मार्टफोन साइज पैराडॉक्स” कहलाता है, यानी एक डिवाइस में फीचर्स और कंफर्ट दोनों को एक साथ पाना लगभग नामुमकिन है।
मार्केट में बिकने वाले ज्यादातर स्मार्टफोन की स्क्रीन साइज 6-इंच से अधिक है। सस्ते से सस्ते फोन भी अब 6.5 या 6.7 इंच की स्क्रीन के साथ आ रहे हैं। हाल ही के कुछ वर्षों में ऑनलाइन वीडियो कंटेंट की खपत तेजी से बढ़ी है जिसके चलते बड़ी स्क्रीन वाले फोन्स लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो रहे हैं। हालांकि, अब भी ऐसे लोगों के संख्या कम नहीं है जो अपने लिए एक हल्का और कॉम्पैक्ट स्मार्टफोन चाहते हैं।
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'स्क्रीन साइज पैराडॉक्स' में उलझे ग्राहक
अब छोटे साइज वाले फोन ढूंढे नहीं मिलते, और अगर मिलते भी हैं तो फीचर्स और बैटरी बैकअप से समझौता करना पड़ता है। यानी आपको अगर बेहतर फीचर्स, तेज प्रोसेसर और लंबी बैटरी बैकअप चाहिए तो बड़े साइज के फोन में ही ये सभी खूबियां मिलेंगी। यही विरोधाभास “स्मार्टफोन साइज पैराडॉक्स” कहलाता है, यानी एक डिवाइस में फीचर्स और कंफर्ट दोनों को एक साथ पाना लगभग नामुमकिन है।
छोटे साइज वाले फोन मार्केट से हुए गायब
- फोटो : FREEPIK
अब क्यों नहीं बनते छोटे साइज वाले फोन?
हाल ही में स्मार्टफोन यूजर्स द्वारा कंटेंट की खपत का पैटर्न काफी बदला है। लोग अब अपने फोन में वीडियो कंटेंट ज्यादा देखते हैं। वीडियो देखने का एक्सपीरियंस बेहतर बनाने के लिए कंपनियां फोन में बड़ी स्क्रीन और पावरफुल बैटरी देने लगीं जिसके चलते फोन का साइज भी बढ़ गया। इस वजह से कंपनियों ने अपना पूरा ध्यान बड़े फोन्स में बनाने में लगा दिया और छोटे फोन्स आउटडेट होने लगे। रिसर्च फर्म Omdia के मुताबिक, 2022 में भारत में बिकने वाले स्मार्टफोन की एवरेज स्क्रीन साइज 6.3 इंच थी। रिपोर्ट में बताया गया कि फोल्डेबल स्क्रीन के आने से कंपनियां अब फोन में और भी बड़ी स्क्रीन लगा रही हैं।
कुछ साल पहले तक iPhone SE, Sony Xperia Compact सीरीज और Google Pixel 5 जैसे छोटे और कॉम्पैक्ट फोन काफी लोकप्रिय थे। 2016 में लॉन्च हुए iPhone SE में केवल 4 इंच का स्क्रीन दिया गया था, जबकि Sony Xperia Compact Series फोन में 4.3 इंच से 4.6 इंच का स्क्रीन मिलता था। मइनमें एक हाथ से यूज करने की सुविधा और पोर्टेबिलिटी थी, जो हर उम्र के लोगों को ध्यान में रखकर बनाई गई थी। हालांकि, टेक्नोलॉजी के विस्तार के साथ इन फोन्स में बैटरी साइज, कैमरा क्वालिटी और प्रोसेसर पावर जैसी सीमाएं दिखने लगीं। इस वजह से धीरे-धीरे ब्रांड्स ने बड़े डिस्प्ले वाले फोन पर फोकस करना शुरू कर दिया।
कंपनियों के लिए चुनौती
ब्रांड्स इस साइज पैराडॉक्स को सुलझाने की कोशिश में हैं। कुछ कंपनियां कॉम्पैक्ट फ्लैगशिप या स्लिम हाई-परफॉर्मेंस मॉडल्स में पावरफुल परफॉर्मेंस देने की दिशा में काम कर रही हैं। बावजूद इसके, फीचर्स और कंफर्ट दोनों को एकसाथ संतुलित करना अब भी टेक इंडस्ट्री के लिए बड़ी चुनौती है।
हाल ही में स्मार्टफोन यूजर्स द्वारा कंटेंट की खपत का पैटर्न काफी बदला है। लोग अब अपने फोन में वीडियो कंटेंट ज्यादा देखते हैं। वीडियो देखने का एक्सपीरियंस बेहतर बनाने के लिए कंपनियां फोन में बड़ी स्क्रीन और पावरफुल बैटरी देने लगीं जिसके चलते फोन का साइज भी बढ़ गया। इस वजह से कंपनियों ने अपना पूरा ध्यान बड़े फोन्स में बनाने में लगा दिया और छोटे फोन्स आउटडेट होने लगे। रिसर्च फर्म Omdia के मुताबिक, 2022 में भारत में बिकने वाले स्मार्टफोन की एवरेज स्क्रीन साइज 6.3 इंच थी। रिपोर्ट में बताया गया कि फोल्डेबल स्क्रीन के आने से कंपनियां अब फोन में और भी बड़ी स्क्रीन लगा रही हैं।
कुछ साल पहले तक iPhone SE, Sony Xperia Compact सीरीज और Google Pixel 5 जैसे छोटे और कॉम्पैक्ट फोन काफी लोकप्रिय थे। 2016 में लॉन्च हुए iPhone SE में केवल 4 इंच का स्क्रीन दिया गया था, जबकि Sony Xperia Compact Series फोन में 4.3 इंच से 4.6 इंच का स्क्रीन मिलता था। मइनमें एक हाथ से यूज करने की सुविधा और पोर्टेबिलिटी थी, जो हर उम्र के लोगों को ध्यान में रखकर बनाई गई थी। हालांकि, टेक्नोलॉजी के विस्तार के साथ इन फोन्स में बैटरी साइज, कैमरा क्वालिटी और प्रोसेसर पावर जैसी सीमाएं दिखने लगीं। इस वजह से धीरे-धीरे ब्रांड्स ने बड़े डिस्प्ले वाले फोन पर फोकस करना शुरू कर दिया।
कंपनियों के लिए चुनौती
ब्रांड्स इस साइज पैराडॉक्स को सुलझाने की कोशिश में हैं। कुछ कंपनियां कॉम्पैक्ट फ्लैगशिप या स्लिम हाई-परफॉर्मेंस मॉडल्स में पावरफुल परफॉर्मेंस देने की दिशा में काम कर रही हैं। बावजूद इसके, फीचर्स और कंफर्ट दोनों को एकसाथ संतुलित करना अब भी टेक इंडस्ट्री के लिए बड़ी चुनौती है।