X: एलन मस्क के एक्स को भारत में लगा बड़ा झटका, कॉन्टेंट मॉडरेशन सिस्टम को चुनौती देने वाली याचिका खारिज
कर्नाटक हाईकोर्ट ने एलन मस्क की कंपनी X की याचिका खारिज की। भारत के कॉन्टेंट मॉडरेशन सिस्टम को चुनौती देने वाली याचिका को कोर्ट ने निराधार बताया।
विस्तार
भारत के कर्नाटक हाईकोर्ट ने एलन मस्क की सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया। कंपनी ने देश के काॅन्टेंट मॉडरेशन सिस्टम को चुनौती दी थी। ये फैसला एक्स के लिए भारत में एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
क्या है मामला?
भारत सरकार ने एक्स को कुछ अकाउंट्स और पोस्ट्स हटाने के निर्देश दिए थे। कंपनी ने इन आदेशों को मार्च 2025 में अदालत में चुनौती दी और दावा किया कि वह अमेरिकी कानूनों के तहत काम करती है, और उसे "फ्री स्पीच" यानी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है। कंपनी का तर्क था कि वह वैश्विक प्लेटफॉर्म है और भारत के टेकडाउन आदेशों को मानने की बाध्यता नहीं होनी चाहिए।
कोर्ट ने क्या टिप्पणी की?
कर्नाटक उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश एम नागप्रसन्ना ने याचिका खारिज करते हुए कहा, "जो भी प्लेटफार्म हमारे देश में काम करना चाहता है, उसे मानना होगा कि आजादी के साथ जिम्मेदारी आती है और इस सुविधा का इस्तेमाल करने का अधिकार जवाबदेही के साथ जुड़ा होता है।" कर्नाटक उच्च न्यायालय ने एक्स की याचिका को बेहुदा और निराधार बताते हुए खारिज कर दिया।
सरकार का क्या पक्ष है?
भारत सरकार ने कॉन्टेंट मॉडरेशन को वाजिब बताते हुए कहा कि इसका उद्देश्य गलत या अवैध कॉन्टेंट को रोकना और ऑनलाइन जवाबदेही बनाए रखना है। सरकार ने ये भी बताया कि कई बड़ी तकनीकी कंपनियाँ जैसे मेटा और गूगल भी इस कदम का समर्थन करती हैं।
डिजिटल नियमों का महत्व
भारत ने 2023 से इंटरनेट पर नजर रखना और नियंत्रण बढ़ा दिया है। अब ज्यादा से ज्यादा सरकारी अधिकारी सीधे तकनीकी कंपनियों को टैकडाउन ऑर्डर भेज सकते हैं। सरकार का कहना है कि इससे गलत या अवैध कॉन्टेंट को रोका जा सकेगा और डिजिटल प्लेटफॉर्म जिम्मेदार बने रहेंगे।