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Maha Shivratri: ब्रह्मांड के रहस्य को जानने का वैज्ञानिक और आध्यात्मिक संगम है CERN में स्थित शिव का नटराज रूप

यूटिलिटी डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: संकल्प सिंह Updated Wed, 26 Feb 2025 04:11 PM IST
सार

Maha Shivratri 2025: इस मूर्ति का आध्यात्मिक महत्व तो है ही साथ ही साथ इसे भौतिक विज्ञान और ब्राह्मांड की गतिशीलता का भी प्रतीक माना गया है। वहीं आधूनिक विज्ञान भी इस मूर्ति में छिपे गूढ़ दर्शन को समझ रहा है।

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Maha Shivaratri 2025: Why Is There A Shiva Natraj Statue At CERN Switzerland
Maha Shivaratri 2025 - फोटो : Amar Ujala
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विस्तार
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Maha Shivratri 2025: नटराज मूर्ति शिव के एक विशेष रूप को दर्शाती है। इस मूर्ति में शिव को ब्रह्मांड के नृतक (Cosmic Dancer) के रूप में दर्शाया गया है। यह प्रतिमा शिव के तांडव नृत्य को दिखाती है, जो कि सृष्टि के निर्माण, पालन और विनाश के अनंत चक्र का प्रतीक है। इस मूर्ति का आध्यात्मिक महत्व तो है ही साथ ही साथ इसे भौतिक विज्ञान और ब्राह्मांड की गतिशीलता का भी प्रतीक माना गया है। वहीं आधूनिक विज्ञान भी इस मूर्ति में छिपे गूढ़ दर्शन को समझ रहा है। स्विट्जरलैंड के सर्न (CERN – European Organization for Nuclear Research) में स्थापित नटराज की मूर्ति इस बात की गवाह है। सर्न में स्थापित 2 मीटर लंबी, कांस्य से बनी यह नटराज मूर्ति इस बात का प्रतीक है कि भारतीय दर्शन और आधुनिक भौतिकी विज्ञान कई मायनों में एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। 

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सर्न में जो परमाणु अनुसंधान किया जा रहा है उसका मूल उद्देश्य ब्रह्मांड के रहस्यों को जानना है। वहीं कई हजारों वर्ष पहले हमारे पौराणिक धर्म ग्रंथों में सृष्टि, ऊर्जा और इस ब्रह्मांड को काफी अनोखे ढंग से परिभाषित किया गया था। 

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भौतिक विज्ञानी Fritjof Capra ने 1970 में अपनी किताब द ताओ ऑफ फिजिक्स में शिव के ब्रह्मांडीय नृत्य और आधुनिक भौतिकी में देखे जाने वाले सृजन और विनाश के चक्र के बीच समानता स्थापित करने की कोशिश की थी।

शिव के नटराज नृत्य में संपूर्ण ब्रह्मांड का सार छिपा हुआ है, जिसे आधुनिक विज्ञान धीरे-धीरे उजागर कर रहा है। इस प्रतिमा को भारत के परमाणु ऊर्जा विभाग द्वारा सर्न को भेंट के रूप में दी गई थी। 

नटराज प्रतिमा का अनावरण 18 जून, 2004  को किया गया था। उस समय भारत के तत्कालानी प्रधानंमत्री डॉ मनमोहन सिंह थे। इस मूर्ति को तमिलनाडु के राजन नाम के कलाकार ने बनाया था। इन्हें भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा केंद्रीय कॉटेज इंडस्ट्रीज एम्पोरियम के माध्यम से इस कार्य के लिए नियुक्त किया गया था।

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