{"_id":"56dc85aa4f1c1b91538b4568","slug":"kisan","type":"story","status":"publish","title_hn":"आंधी से अन्नदाता की बढ़ी धड़कनें","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
    आंधी से अन्नदाता की बढ़ी धड़कनें
 
            	    ब्यूरो अमर उजाला, फतेहपुर             
                                                
                        
       Updated Mon, 07 Mar 2016 01:04 AM IST
        
       
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                        आंधी से लुढ़की गेहूं की फसल 
                                
    
        
    
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शनिवार को देर रात आई आंधी और बारिश से किसानों की धड़कनें बढ़ गईं। हाड़तोड़ मेहनत से तैयार की गई गेहूं की फसल खेत में लुढ़क गई है। जिससे फसल की पैदावार में कमी होने से किसान चिंतित हैं। किसानों की मानें तो आंधी से गेहूं की फसल में 25 से 30 फीसदी नुकसान हो गया है। कृषि आंकड़ों के अनुसार जिले का दो लाख 76 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल है, जिसमें सबसे अधिक गेहूं फसल की बुआई की जाती है। राजस्व आंकड़ों के अनुसार इस बार एक लाख 76 हजार हेक्टेयर में गेहूं की फसल है। आंधी से गेहूं की फसल में हुए नुकसान को लेकर किसानों से बातचीत पर खबर।
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                                                                मलांव गांव के किसान सुरेंद्र पटेल: गेहूं की फसल में अच्छी पैदावार होने की उम्मीद थी, जिसमें रात को आई आंधी ने एक झटके में फसल को बर्बाद कर दिया। फसल गिर जाने से गेहूं की बालियों में दाना नहीं बन पाएगा। शिवपुर गांव के किसान रामेश्वर लोधी ने बताया कि चार बीघा गेहूं की फसल तरह से गिर गई है।
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            जो बालियां नीचे दब गई हैं, उसमेें एक दाना नहीं बन पाएगा। आंधी से गेेहूं की फसल में दाना के साथ भूसा का भी नुकसान हो गया है, जिससे पशुओं के चारा को लेकर एक बार फिर से संकट हो जाएगा। धरमदासपुर गांव के किसान जागेश्वर कोरी तीन बीघा गेहूं की फसल आंधी में गिर गया है।
इस बार फसल अच्छी होने से कुछ उम्मीद रही है कि सूखा और दैवीय आपदा के नुकसान के कर्ज को भर दिया जाएगा। रात की आंधी परिवार के साथ संजोए गए सपनों पर पानी फेर दिया है। अब तो लगता है कि मात्र लागत ही निकल पाएगी। जिला कृषि अधिकारी रविकांत सिंह ने बताया कि आंधी से गिरने वाली फसलों में कुछ तो नुकसान होगा। जिस गेहूं की फसल में अभी बालियां निकल रही है, उसमें अधिक नुकसान नहीं होगा।