शहीद होने के बाद भी कुछ जवानों की आत्माएं आज भी हमारी रक्षा कर रही हैं। सियाचिन के बॉर्डर पर कभी जवान ओम प्रकाश तैनात हुआ करते थे, उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी देश की रक्षा पर न्यौछावर कर दी और शहीद होने के बाद से उनकी रूह आज भी सीयाचिन के बॉर्डर पर तैनात है। यह बात 1980 के दशक के अंत की है। तोपखाना के जवान ओम प्रकाश को सियाचिन के उत्तरी ग्लेशियर पर मौजूद बिला कॉम्प्लेक्स के मलाऊं पोस्ट पर गश्त लगाने के लिए भेजा गया।
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