गंगा सागर मेला 2024: सफर हुआ आसान, आधी रात से पुण्य लग्न, कोविड को लेकर प्रशासन अलर्ट
गंगा सागर का पवित्र स्नान इस बार भी रात को ही शुरू हो रहा है। दक्षिण 24 परगना जिला प्रशासन ने कहा है कि इस बार पुण्य लग्न 14 जनवरी की मध्यरात्रि (12:20) से 15 जनवरी की मध्यरात्रि (12:23) तक है। इसलिए मेले में पहुंचने वाले पुण्यार्थियों को मकर संक्रांति के अवसर पर स्नान के लिए एक पूरा दिन मिलेगा


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जैसा कि एक कहावत है, सारे तीर्थ बार-बार, गंगा सागर एक बार। लेकिन यह कहावत अब अतीत की हो चली है। गंगा सागर मेले का पूरा प्रारूप पूरी तरह से बदला जा रहा है। तीर्थ यात्रियों को किस तरह की दिक्कत नहीं हो, उसका ध्यान रखा जा रहा है। 2024 का गंगा सागर मेला इस रूप में अलग होगा। क्योंकि अब पहले वाली कठिनाइयों को लगभग समाप्त कर दिया गया है। राज्य सरकार इस मेले को विश्व मानचित्र पर सर्वश्रेष्ठ मेले के रूप में स्थापित करने के लिए जुटी हुई है। मेले की अब तक की तैयारियों को लेकर जिलाधिकारी सुमित गुप्ता ने एक पत्रकार वार्ता में कहा, गंगा सागर मेले को लेकर प्रशासन की ओर से पर्याप्त इंतजाम किए जा रहे हैं। इसके बाद यह सफर और आसान हो जाएगा। इस बीच, प्रशासन कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए अलर्ट हो गया है। कोविड के लक्ष्ण वाले लोगों की बाबू घाट पर जांच होगी।
14 जनवरी की आधी रात से पुण्य लग्न, अगले 24 घंटे रहेगा
गंगा सागर का पवित्र स्नान इस बार भी रात को ही शुरू हो रहा है। दक्षिण 24 परगना जिला प्रशासन ने कहा है कि इस बार पुण्य लग्न 14 जनवरी की मध्यरात्रि (12:20) से 15 जनवरी की मध्यरात्रि (12:23) तक है। इसलिए मेले में पहुंचने वाले पुण्यार्थियों को मकर संक्रांति के अवसर पर स्नान के लिए एक पूरा दिन मिलेगा। हालांकि, कई लोग सुबह होने का इंतज़ार नहीं करते। सूरज उगने से पहले ही समुद्र में स्नान करने उतर जाते हैं। जैसा 2023 के मेले में भी देखने को मिला था। हालांकि, पानी के बढ़ने के कारण किसी को स्नान की इजाजत नहीं थी।
सुरक्षा और व्यवस्था रहेगी चाकचौबंद
जिलाधिकारी ने कहा कि 60 लाख पानी के पाउच उपलब्ध कराए जा रहे हैं, ताकि तीर्थयात्रियों को कोई परेशानी न हो। सड़कों पर फॉगलाइट की व्यवस्था की जा रही है। तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए खाद्य सुरक्षा अधिकारी मौजूद रहेंगे। 2,250 सरकारी बसें, 250 निजी बसें, 6 बर्ज, 32 जहाज, 100 लॉन्च, 21 जेटी का उपयोग किया जाएगा। राज्य सरकार ने मालवाहक जहाजों के लिए विशेष उपाय किए हैं।
सात अस्पताल, 300 बेड, एयरलिफ्ट की रहेगी व्यवस्था
किसी भी तरह की अनहोनी से निपटने के लिए सरकार ने पूरी व्यवस्था की है। तीर्थयात्रियों के लिए 7 बड़े अस्पतालों की व्यवस्था की जा रही है। अस्पताल में 300 बेड होंगे। प्राथमिक उपचार के लिए 28 स्थानों पर डॉक्टरों के साथ 12 प्वाइंट पर मेडिकल टीमें रहेंगी। पीजी, एनआरएस और नेशनल मेडिकल कॉलेज में दुर्घटना की स्थिति में विशेष व्यवस्था होगी। तीर्थयात्रियों के लिए 100 से अधिक एम्बुलेंस सेवाएं होंगी। एक एयर एम्बुलेंस 24 घंटे तैनात रहेगी। किसी भी दुर्घटना को रोकने के लिए 2,400 नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक वहां मौजूद रहेंगे। स्वयंसेवकों के निरीक्षण के लिए 50 बाइकों की भी व्यवस्था की गई है। अस्थाई फायर स्टेशन में 50 से ज्यादा दमकल गाड़ियों की व्यवस्था रहेगी। मेले में 10,000 से अधिक शौचालयों की व्यवस्था की जा रही है। कचरा साफ करने और समुद्र तट को साफ रखने के लिए 3 हजार स्वयंसेवक हैं। इसमें 142 एनजीओ के 6 हजार से अधिक स्वयंसेवक शामिल होंगे।
उन्होंने बताया कि इसरो उपग्रह ट्रैकिंग और जीपीएस ट्रैकिंग प्रदान कर रहा है। पुलिस 1,150 सीसीटीवी और 23 ड्रोन से निगरानी करेगी। सभी सरकारी और निजी कर्मियों, तीर्थयात्रियों और मेलों से जुड़े मीडिया कर्मियों के लिए 5 लाख रुपये का बीमा कवरेज है। पिछले साल घने कोहरे के कारण जहाज़ों की आवाजाही में थोड़ी दिक्कत हुई थी। इस साल जहाजों में एंटीफॉग लाइट और नेविगेशन साउंड सिस्टम लगाया गया है।
जिलाधिकारी ने विस्तार से बताया कि डायवर्जन साउंड सिस्टम कैसे काम करेगा। उन्होंने कहा कि जिन जलमार्गों पर जहाजों का आवागमन होता है, वहां विभिन्न छोटी नावों में यह ध्वनि प्रणाली और विशेष प्रकाश व्यवस्था होगी। इसके जरिए जहाज चालक घने कोहरे में भी सही दिशा निर्धारित कर सकते हैं। गंगासागर मेला परिसर में मेगा कंट्रोल रूम बनाया जा रहा है। उस कंट्रोल रूम से पूरे मेले पर नजर रखी जाएगी। गंगासागर मेले के चारों ओर सुरक्षा क्षेत्र बनाया गया है।