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Hindi News ›   Astrology ›   Predictions ›   Budh Gochar 2025 Budh Ka Tula Rashi Me Parivartan On 23 November Impact On Gemini Zodiac Sign

Budh Gochar 2025: बुध का तुला राशि में परिवर्तन, जानें मिथुन राशि वालों पर कैसा पड़ेगा प्रभाव ?

ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला Published by: विनोद शुक्ला Updated Wed, 26 Nov 2025 01:51 PM IST
सार

Budh Gochar 2025:  मिथुन राशि के लिए पहले और चौथे भाव के स्वामी बुध ग्रह होते हैं। जो अब तुला राशि में गोचर करने से यह आपके पांचवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। बुध का तुला राशि में गोचर संतान का सुख मिलता सकता है।

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Budh Gochar 2025 Budh Ka Tula Rashi Me Parivartan On 23 November Impact On Gemini Zodiac Sign
Budh Gochar 2025: बुध का तुला राशि में गोचर - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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Budh Gochar 2025: वाणी और व्यापार के कारक ग्रह बुध अब तुला राशि में हैं। बुध एक राशि में करीब 23 से 27 दिनों तक रहते हैं फिर इसके बाद अगली राशि में गोचर करते हैं। आपको बता दें 23 नवंबर को रात 08 बजकर 08 मिनट पर शुक्र के स्वामित्व वाली राशि तुला में गोचर कर चुके हैं। बुध ग्रह 10 नवंबर 2025 को वृश्चिक राशि में वक्री हुए थे ऐसे में अभी ये तुला में हैं। ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि, कौशल और व्यापार का कारक माना जाता है। बुध ग्रह मिथुन और तुला राशि के स्वामी ग्रह होते हैं। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को ग्रहों का राजकुमार का दर्जा प्राप्त है। बुध ग्रह सूर्य के सबसे नजदीक रहने वाला और सबसे तेज रफ्तार से चलना वाला ग्रह माना जाता है। आइए जानते हैं बुध के तुला राशि में गोचर करने से मिथुन राशि पर किसी तरह का प्रभाव देखने को मिलेगा इसका ज्योतीष विश्लेषण करते हैं। 
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मिथुन राशि पर प्रभाव
राशि चक्र में मिथुन राशि तीसरी राशि होती है। मिथुन राशि के लिए पहले और चौथे भाव के स्वामी बुध ग्रह होते हैं। जो अब तुला राशि में गोचर करने से यह आपके पांचवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। बुध का तुला राशि में गोचर संतान का सुख मिलता सकता है। संतान की तरफ से कोई खुशखबरी सुनने को मिल सकती है। इसके कामकाज में अच्छा मुनाफा पाने का भी दिन है।  इस दौरान नौकरी के नए अवसरों में वृद्धि होगी और व्यापार में अच्छा मुनाफा मिल सकता है। इस दौरान मिथुन राशि वालों को सट्टे के व्यापार से अधिक मुनाफा होते हैं दिख रहा है। बुध के तुला राशि में गोचर करने से अधिक पैसा कमाने में सक्षम होंगे और पैसों की बचत भी कर पाएंगे। धन संचय करने के लिए बहुत ही सही और अच्छा समय है। प्रेम संबंधों में पार्टनर के साथ सुखमय पलों का आनंद लेंगे। दोनों के बीच प्यार और विश्वास बढ़ेगा। स्वास्थ्य के मामले में इस गोचर के दौरान आपका स्वास्थ्य भी अच्छा रहने वाला है। 
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ज्योतिष में बुध ग्रह
- वैदिक ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को सबसे छोटा और शुभ ग्रह माना जाता है। 
- सभी नवग्रहों में बुध ग्रह को राजकुमार का दर्जा प्राप्त है। 
- बुधदेव को वाणी, व्यापार, गणित, तर्कशास्त्र, संचार, बुद्धि और त्वचा का कारक ग्रह माना जाता है। 
- ज्योतिष में बुध को द्विस्वभाव का ग्रह माना जाता है। यानी बुध ग्रह जिस ग्रह के साथ होते हैं उसकी के अनुसार फल प्रदान करते हैं। 
- मिथुन और कन्या राशि का स्वामित्व बुध देव को प्राप्त है। 
- बुध शुभ ग्रहों के साथ होने पर शुभ फल और अशुभ ग्रहों के साथ होने पर अशुभ फल प्रदान करते हैं। अगर बुध ग्रह शुक्र,गुरु और बली चंद्रमा के साथ हों तो अच्छे फल प्रदान करते हैं। वहीं पापी ग्रहों के साथ होने पर जैसे राहु-केतु, शनि, सूर्य और मंगल तो अशुभ फल प्रदान करते हैं। 
- बुध सूर्य के सबसे नजदीक रहने वाले ग्रह हैं, जिस कारण से यह बार-बार अस्त हो जाते हैं। 
- बुध ज्येष्ठा, आश्लेषा और रेवती नक्षत्र के अधिपति ग्रह होते हैं। 
- कुंडली में बुध के मजबूत होने पर व्यक्ति बुद्धिमान, कूटनीतिज्ञ और राजनीति में कुशल होता है। 

ज्योतिष शास्त्र में बुध को ग्रहों का राजकुमार कहा जाता है। कुंडली में उनकी स्थिति व्यक्ति के जीवन पर विशेष प्रभाव डालती हैं। यदि बुध जन्म कुंडली में लग्न भाव में हो, तो जातक संवाद में कुशल बनता है। इतना ही नहीं बुध के प्रभाव से व्यक्ति का व्यक्तित्व भी बढ़ता है और वह शारीरिक रूप से सुंदर बनता है। यदि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में बुध कमजोर होता है, तो वह अक्सर बीमारियों से घिरा रहता है। इसके अलावा जातक पाचन शक्ति कमजोर, पेट दर्द और बालों की समस्याएं भी झेलता है। वहीं कुंडली में बुध की स्थिति सही न होने पर संवाद में दिक्कतें आने लगती है, जिस कारण रिश्तों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके साथ ही व्यापार में असफलता, नौकरी में तनाव और शिक्षा के क्षेत्र में बार-बार असफलताएं मिलने लगती हैं। बुध को मिथुन और कन्या राशियों का स्वामी का ग्रह माना जाता है।

कुंडली में बुध को मजबूत करने के उपाय

  • बुधवार को भगवान गणेश को 11 मोदक का भोग लगाएं।
  • बुधवार के व्रत रखें।
  • बुधवार के दिन हरि चूड़ियों का दान करें।
  • रोजाना आप बुध स्तोत्र का पाठ करें।
  • बुध ग्रह से जुड़े मंत्रों का 108 बार जाप करें।
  • यदि संभव हो, तो आप पन्ना रत्न भी धारण कर सकते हैं।
  • बुधवार के दिन हरे रंग के वस्त्र पहनें।
  • रोजाना तुलसी को जल चढ़ाएं।
  • बुधवार के दिन गाय को घास खिलाएं।
  • हरी मूंग की दाल का दान करें। 
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