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Hindi News ›   Astrology ›   Predictions ›   Budh Gochar 2025 Budh Ka Tula Rashi Me Parivartan On 23 November Impact On Virgo Zodiac Sign

Budh Gochar 2025: बुध का तुला राशि में गोचर, जानें कन्या राशि वालों पर कैसा पड़ेगा प्रभाव ?

ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला Published by: विनोद शुक्ला Updated Thu, 27 Nov 2025 03:57 PM IST
सार

Budh Gochar 2025:  कन्या राशि के लिए बुध पहले और दशम भाव के स्वामी होते  हैं जो अब तुला राशि में गोचर करने की वजह से आपके दूसरे भाव में सचंरण कर रहे हैं। बुध के शुक्र की राशि तुला में गोचर करने से आपके करियर-कारोबार में अच्छी ग्रोथ देखने को मिलेगी।

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Budh Gochar 2025 Budh Ka Tula Rashi Me Parivartan On 23 November Impact On Virgo Zodiac Sign
budh gochar 2025 - फोटो : freepik
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विस्तार
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Budh Gochar 2025: बुध देव अब तुला राशि में संचरण कर रहे हैं। तुला राशि के स्वामी ग्रह शुक्र देव होते हैं। ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि, कौशल और व्यापार का कारक माना जाता है। बुध ग्रह मिथुन और तुला राशि के स्वामी ग्रह होते हैं। बुध ग्रह तुला राशि में गोचर 23 नवंबर को रात 08 बजकर 08 मिनट पर गोचर कर चुके हैं। बुध वक्री अवस्था में चलते हुए तुला राशि में गोचर किया है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को ग्रहों का राजकुमार का दर्जा प्राप्त है। बुध ग्रह सूर्य के सबसे नजदीक रहने वाला और सबसे तेज रफ्तार से चलना वाला ग्रह माना जाता है। बुधदेव हर 23 से 27 दिन तक किसी एक राशि में रहते हैं फिर इसके बाद दूसरी राशि में गोचर करते हैं। आपको बतादें बुध 23 नवंबर 2025 को तुला राशि में गोचर करने वाले हैं। तुला राशि के स्वामी ग्रह शुक्रदेव होते हैं जो सूर्य देव की मित्र माने जाते हैं। इससे बुधदेव 10 नवंबर 2025 को वृश्चिक राशि में वक्री हो गए थे जो अब वक्री अवस्था में ही तुला राशि में गोचर करेंगे। आइए जानते हैं बुध के तुला राशि में गोचर करने से कन्या राशि पर किसी तरह का प्रभाव देखने को मिलेगा।
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कन्या राशि पर प्रभाव
कन्या राशि के लिए बुध पहले और दशम भाव के स्वामी होते  हैं जो अब तुला राशि में गोचर करने की वजह से आपके दूसरे भाव में सचंरण कर रहे हैं। बुध के शुक्र की राशि तुला में गोचर करने से आपके करियर-कारोबार में अच्छी ग्रोथ देखने को मिलेगी। कार्यों में अच्छी सफलता के योग हैं। जो लोग नौकरी में नए अवसरों की तलाश हैं उनको अच्छी नौकरी मिल सकती है। आय में इजाफा होगा और कोई बड़ा पद प्राप्त हो सकता है। व्यापार के लिहाज से कन्या राशि वालों को अच्छा मुनाफा हासिल होगा। बुध का तुला राशि में गोचर होने के दौरान आप प्रगति और जीत की ओर अग्रसर होंगे। इस दौरान आप अधिक यात्राएं कर सकते हैं। आप अधिक पैसों की बचत करने में भी सफल हो सकते हैं। वैवाहिक जीवन में जीवनसाथी आपके नज़दीक आ सकता है जिससे आपको अपने रिश्ते में अनुकूल रहेगी और स्वास्थ्य के मामले में आप ऊर्जा से भरपूर रहेंगे।
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ज्योतिष में बुध ग्रह
- वैदिक ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को सबसे छोटा और शुभ ग्रह माना जाता है। 
- सभी नवग्रहों में बुध ग्रह को राजकुमार का दर्जा प्राप्त है। 
- बुधदेव को वाणी, व्यापार, गणित, तर्कशास्त्र, संचार, बुद्धि और त्वचा का कारक ग्रह माना जाता है। 
- ज्योतिष में बुध को द्विस्वभाव का ग्रह माना जाता है। यानी बुध ग्रह जिस ग्रह के साथ होते हैं उसकी के अनुसार फल प्रदान करते हैं। 
- मिथुन और कन्या राशि का स्वामित्व बुध देव को प्राप्त है। 
- बुध शुभ ग्रहों के साथ होने पर शुभ फल और अशुभ ग्रहों के साथ होने पर अशुभ फल प्रदान करते हैं। अगर बुध ग्रह शुक्र,गुरु और बली चंद्रमा के साथ हों तो अच्छे फल प्रदान करते हैं। वहीं पापी ग्रहों के साथ होने पर जैसे राहु-केतु, शनि, सूर्य और मंगल तो अशुभ फल प्रदान करते हैं। 
- बुध सूर्य के सबसे नजदीक रहने वाले ग्रह हैं, जिस कारण से यह बार-बार अस्त हो जाते हैं। 
- बुध ज्येष्ठा, आश्लेषा और रेवती नक्षत्र के अधिपति ग्रह होते हैं। 
- कुंडली में बुध के मजबूत होने पर व्यक्ति बुद्धिमान, कूटनीतिज्ञ और राजनीति में कुशल होता है। 

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ज्योतिष शास्त्र में बुध को ग्रहों का राजकुमार कहा जाता है। कुंडली में उनकी स्थिति व्यक्ति के जीवन पर विशेष प्रभाव डालती हैं। यदि बुध जन्म कुंडली में लग्न भाव में हो, तो जातक संवाद में कुशल बनता है। इतना ही नहीं बुध के प्रभाव से व्यक्ति का व्यक्तित्व भी बढ़ता है और वह शारीरिक रूप से सुंदर बनता है। यदि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में बुध कमजोर होता है, तो वह अक्सर बीमारियों से घिरा रहता है। इसके अलावा जातक पाचन शक्ति कमजोर, पेट दर्द और बालों की समस्याएं भी झेलता है। वहीं कुंडली में बुध की स्थिति सही न होने पर संवाद में दिक्कतें आने लगती है, जिस कारण रिश्तों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके साथ ही व्यापार में असफलता, नौकरी में तनाव और शिक्षा के क्षेत्र में बार-बार असफलताएं मिलने लगती हैं। बुध को मिथुन और कन्या राशियों का स्वामी का ग्रह माना जाता है।

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कुंडली में बुध को मजबूत करने के उपाय

  • बुधवार को भगवान गणेश को 11 मोदक का भोग लगाएं।
  • बुधवार के व्रत रखें।
  • बुधवार के दिन हरि चूड़ियों का दान करें।
  • रोजाना आप बुध स्तोत्र का पाठ करें।
  • बुध ग्रह से जुड़े मंत्रों का 108 बार जाप करें।
  • यदि संभव हो, तो आप पन्ना रत्न भी धारण कर सकते हैं।
  • बुधवार के दिन हरे रंग के वस्त्र पहनें।
  • रोजाना तुलसी को जल चढ़ाएं।
  • बुधवार के दिन गाय को घास खिलाएं।
  • हरी मूंग की दाल का दान करें। 
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