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Mars Transit 2025: मंगल का राशि परिवर्तन, जानिए सिंह राशि के जातकों पर कैसा पड़ेगा प्रभाव ?
ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला
Published by: विनोद शुक्ला
Updated Sun, 08 Jun 2025 07:01 PM IST
सार
Mars Transit 2025: मंगल सिंह राशि में 28 जुलाई 2025 तक रहेंगे, फिर इसके बाद कन्या राशि में चले जाएंगे। मंगल के सिंह राशि में गोचर करने से सिंह राशि के जातकों पर किस तरह का प्रभाव देखने को मिलेगा। आइए करते हैं इसका विश्लेषण।
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मंगल का सिंह राशि में गोचर
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
Mars Transit 2025: मंगल ग्रह को ग्रहों का सेनापति की उपाधि दी गई है। मंगल 07 जून 2025 को रात करीब 01 बजकर 33 मिनट पर सिंह राशि में प्रवेश कर लिया है। मंगल सिंह राशि में 28 जुलाई 2025 तक रहेंगे, फिर इसके बाद कन्या राशि में चले जाएंगे। मंगल के सिंह राशि में गोचर करने से सिंह राशि के जातकों पर किस तरह का प्रभाव देखने को मिलेगा। आइए करते हैं इसका विश्लेषण।
सिंह राशि पर मंगल के राशि परिवर्तन का प्रभाव
सिंह राशि के जातकों के लिए मंगल आपके चौथे और भाग्य भाव के स्वामी माने जाते हैं। यहां पर मंगल सिंह राशि के लिए योगकारक हुए। 7 जून को मंगल कर्क से सिंह राशि में गोचर करने से यह आपके पहले भाव यानी लग्न भाव में गोचर हुए थे। ज्योतिष शास्त्र के नियमों के मुताबिक पहले भाव का मंगल अच्छा नहीं माना जाता। आपकी कुंडली में मंगल ग्रह योगकारक होने के नाते ज्यादा नकारात्मक प्रभाव नहीं देखने को मिलेगा। वहीं राहु-केतु के असर के कारण कुछ नकारात्मक प्रभाव आपको देखने को मिल सकता है। लग्न भाव में मंगल के गोचर करने से आपको सिरदर्द या बुखार संबंधी परेशानियां आ सकती है। वहीं आपको आग से सावधान रखने की जररूत है। इस दौरान आपको वाहन आदि चलाने से अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी। वहीं वैवाहिक और दांपत्य संबंधी मामलों में भी आपको सावधान रखना होगा।
Mangal Gochar 2025: मंगल ग्रह ने किया सिंह राशि में गोचर, ये 5 राशि वाले रहें सावधान
ज्योतिष में मंगल ग्रह का महत्व
वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह को विशेष महत्व दिया गया है। सभी ग्रहों में जहां सूर्य को राजा, बुध को राजकुमार तो वहीं मंगल को सेनापति का दर्जा मिला हुआ है। ज्योतिष में मंगल को ऊर्जा, उत्साह, पराक्रम, युद्ध, रक्त, साहस और पराक्रम का कारक होता है। मंगल ग्रह एक अग्नि तत्व की राशि है। ज्योतिष में मंगल ग्रह को क्रूर ग्रह भी माना जाता है। मंगल के कारण लोगों को विवाह में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मंगल ग्रह को मेष और वृश्चिक राशियों का स्वामित्व मिला हुआ है। यह मकर राशि में यानी 10 नंबर की राशि में उच्च के होते हैं जबकि कर्क राशि यानी 4 नंबर की राशि में नीच के होते हैं। जिन लोगों की कुंडली में मंगल शुभ स्थान में होते हैं और बली होते हैं ऐसा जातक स्वभाव से बहुत ही निडर और साहसी होता है। ऐसे व्यक्ति के अंदर साहस और पराक्रम बहुत ज्यादा रहता है। लेकिन वहीं दूसरी तरफ अगर कुंडली में मंगल अशुभ स्थिति में हो तो जातक को कठिनाईयों का सामना करना पड़ता हैं। कुंडली में मंगल दोष होने पर व्यक्ति के विवाह में देरी और रुकावटों का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर किसी जातक की जन्मकुंडली में मंगल पहले चौथे, अष्टम और द्वादश भाव में बैठे होते हैं तो कुंडली में मंगल दोष बनता है। मंगल दोष को खत्म करने के लिए कुछ उपाय किए जाते हैं।
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सिंह राशि पर मंगल के राशि परिवर्तन का प्रभाव
सिंह राशि के जातकों के लिए मंगल आपके चौथे और भाग्य भाव के स्वामी माने जाते हैं। यहां पर मंगल सिंह राशि के लिए योगकारक हुए। 7 जून को मंगल कर्क से सिंह राशि में गोचर करने से यह आपके पहले भाव यानी लग्न भाव में गोचर हुए थे। ज्योतिष शास्त्र के नियमों के मुताबिक पहले भाव का मंगल अच्छा नहीं माना जाता। आपकी कुंडली में मंगल ग्रह योगकारक होने के नाते ज्यादा नकारात्मक प्रभाव नहीं देखने को मिलेगा। वहीं राहु-केतु के असर के कारण कुछ नकारात्मक प्रभाव आपको देखने को मिल सकता है। लग्न भाव में मंगल के गोचर करने से आपको सिरदर्द या बुखार संबंधी परेशानियां आ सकती है। वहीं आपको आग से सावधान रखने की जररूत है। इस दौरान आपको वाहन आदि चलाने से अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी। वहीं वैवाहिक और दांपत्य संबंधी मामलों में भी आपको सावधान रखना होगा।
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Mangal Gochar 2025: मंगल ग्रह ने किया सिंह राशि में गोचर, ये 5 राशि वाले रहें सावधान
ज्योतिष में मंगल ग्रह का महत्व
वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह को विशेष महत्व दिया गया है। सभी ग्रहों में जहां सूर्य को राजा, बुध को राजकुमार तो वहीं मंगल को सेनापति का दर्जा मिला हुआ है। ज्योतिष में मंगल को ऊर्जा, उत्साह, पराक्रम, युद्ध, रक्त, साहस और पराक्रम का कारक होता है। मंगल ग्रह एक अग्नि तत्व की राशि है। ज्योतिष में मंगल ग्रह को क्रूर ग्रह भी माना जाता है। मंगल के कारण लोगों को विवाह में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मंगल ग्रह को मेष और वृश्चिक राशियों का स्वामित्व मिला हुआ है। यह मकर राशि में यानी 10 नंबर की राशि में उच्च के होते हैं जबकि कर्क राशि यानी 4 नंबर की राशि में नीच के होते हैं। जिन लोगों की कुंडली में मंगल शुभ स्थान में होते हैं और बली होते हैं ऐसा जातक स्वभाव से बहुत ही निडर और साहसी होता है। ऐसे व्यक्ति के अंदर साहस और पराक्रम बहुत ज्यादा रहता है। लेकिन वहीं दूसरी तरफ अगर कुंडली में मंगल अशुभ स्थिति में हो तो जातक को कठिनाईयों का सामना करना पड़ता हैं। कुंडली में मंगल दोष होने पर व्यक्ति के विवाह में देरी और रुकावटों का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर किसी जातक की जन्मकुंडली में मंगल पहले चौथे, अष्टम और द्वादश भाव में बैठे होते हैं तो कुंडली में मंगल दोष बनता है। मंगल दोष को खत्म करने के लिए कुछ उपाय किए जाते हैं।
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