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Mars Transit 2025: मंगल का सिंह राशि में गोचर, जानें कर्क राशि पर किस तरह पड़ेगा प्रभाव
ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला
Published by: विनोद शुक्ला
Updated Sun, 08 Jun 2025 03:56 PM IST
सार
Mars Transit 2025: कर्क राशि वालों के लिए मंगल पंचम और दशम भाव के स्वामी होते हैं। मंगल का सिंह राशि में गोचर आपके दूसरे भाव में हुआ है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगल कर्क राशि वालों के लिए योगकारक ग्रह की श्रेणी में आते हैं।
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मंगल का सिंह राशि में गोचर
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
Mars Transit 2025: सभी ग्रहों में सेनापति का दर्जा प्राप्त करने से वाले, साहस, पराक्रम, सेना और जोश के कारक ग्रह मंगल 7 जून को अपनी नीच राशि कर्क की यात्रा को सिंह राशि में प्रवेश कर चुके हैं। मंगल सिंह राशि में 28 जुलाई 2025 तक रहेंगे। मंगल के सिंह राशि में गोचर करने से कर्क राशि के जातकों पर किस तरह का प्रभाव देखने को मिलेगा। आइए जानते हैं।
कर्क राशि पर मंगल के राशि परिवर्तन का प्रभाव
कर्क राशि वालों के लिए मंगल पंचम और दशम भाव के स्वामी होते हैं। मंगल का सिंह राशि में गोचर आपके दूसरे भाव में हुआ है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगल कर्क राशि वालों के लिए योगकारक ग्रह की श्रेणी में आते हैं। कर्क राशि के जातकों के लिए मंगल शुभ माने जाते हैं लेकिन मंगल का दूसरे भाव में गोचर करना अच्छा नहीं माना जाता है। वहीं राहु-केतु के प्रभाव में मंगल का आपको इस दौरान कुछ आर्थिक और पारिवारिक मामलों में कुछ दिक्कतें दे सकता है। इस दौरान आपको अपनी सेहत से संबधित कुछ बातों का विशेष ध्यान देना होगा। आपको इस दौरान विवादों से बचना होगा। मंगल के सिंह राशि में गोचर करने के दौरान आपको आग और बिजली से संबंधित कामों को करने से बचना होगा।
Mangal Gochar 2025: मंगल ग्रह ने किया सिंह राशि में गोचर, ये 5 राशि वाले रहें सावधान
ज्योतिष में मंगल ग्रह का महत्व
वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह को विशेष महत्व दिया गया है। सभी ग्रहों में जहां सूर्य को राजा, बुध को राजकुमार तो वहीं मंगल को सेनापति का दर्जा मिला हुआ है। ज्योतिष में मंगल को ऊर्जा, उत्साह, पराक्रम, युद्ध, रक्त, साहस और पराक्रम का कारक होता है। मंगल ग्रह एक अग्नि तत्व की राशि है। ज्योतिष में मंगल ग्रह को क्रूर ग्रह भी माना जाता है। मंगल के कारण लोगों को विवाह में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मंगल ग्रह को मेष और वृश्चिक राशियों का स्वामित्व मिला हुआ है। यह मकर राशि में यानी 10 नंबर की राशि में उच्च के होते हैं जबकि कर्क राशि यानी 4 नंबर की राशि में नीच के होते हैं। जिन लोगों की कुंडली में मंगल शुभ स्थान में होते हैं और बली होते हैं ऐसा जातक स्वभाव से बहुत ही निडर और साहसी होता है। ऐसे व्यक्ति के अंदर साहस और पराक्रम बहुत ज्यादा रहता है। लेकिन वहीं दूसरी तरफ अगर कुंडली में मंगल अशुभ स्थिति में हो तो जातक को कठिनाईयों का सामना करना पड़ता हैं। कुंडली में मंगल दोष होने पर व्यक्ति के विवाह में देरी और रुकावटों का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर किसी जातक की जन्मकुंडली में मंगल पहले चौथे, अष्टम और द्वादश भाव में बैठे होते हैं तो कुंडली में मंगल दोष बनता है। मंगल दोष को खत्म करने के लिए कुछ उपाय किए जाते हैं।
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कर्क राशि पर मंगल के राशि परिवर्तन का प्रभाव
कर्क राशि वालों के लिए मंगल पंचम और दशम भाव के स्वामी होते हैं। मंगल का सिंह राशि में गोचर आपके दूसरे भाव में हुआ है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगल कर्क राशि वालों के लिए योगकारक ग्रह की श्रेणी में आते हैं। कर्क राशि के जातकों के लिए मंगल शुभ माने जाते हैं लेकिन मंगल का दूसरे भाव में गोचर करना अच्छा नहीं माना जाता है। वहीं राहु-केतु के प्रभाव में मंगल का आपको इस दौरान कुछ आर्थिक और पारिवारिक मामलों में कुछ दिक्कतें दे सकता है। इस दौरान आपको अपनी सेहत से संबधित कुछ बातों का विशेष ध्यान देना होगा। आपको इस दौरान विवादों से बचना होगा। मंगल के सिंह राशि में गोचर करने के दौरान आपको आग और बिजली से संबंधित कामों को करने से बचना होगा।
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Mangal Gochar 2025: मंगल ग्रह ने किया सिंह राशि में गोचर, ये 5 राशि वाले रहें सावधान
ज्योतिष में मंगल ग्रह का महत्व
वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह को विशेष महत्व दिया गया है। सभी ग्रहों में जहां सूर्य को राजा, बुध को राजकुमार तो वहीं मंगल को सेनापति का दर्जा मिला हुआ है। ज्योतिष में मंगल को ऊर्जा, उत्साह, पराक्रम, युद्ध, रक्त, साहस और पराक्रम का कारक होता है। मंगल ग्रह एक अग्नि तत्व की राशि है। ज्योतिष में मंगल ग्रह को क्रूर ग्रह भी माना जाता है। मंगल के कारण लोगों को विवाह में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मंगल ग्रह को मेष और वृश्चिक राशियों का स्वामित्व मिला हुआ है। यह मकर राशि में यानी 10 नंबर की राशि में उच्च के होते हैं जबकि कर्क राशि यानी 4 नंबर की राशि में नीच के होते हैं। जिन लोगों की कुंडली में मंगल शुभ स्थान में होते हैं और बली होते हैं ऐसा जातक स्वभाव से बहुत ही निडर और साहसी होता है। ऐसे व्यक्ति के अंदर साहस और पराक्रम बहुत ज्यादा रहता है। लेकिन वहीं दूसरी तरफ अगर कुंडली में मंगल अशुभ स्थिति में हो तो जातक को कठिनाईयों का सामना करना पड़ता हैं। कुंडली में मंगल दोष होने पर व्यक्ति के विवाह में देरी और रुकावटों का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर किसी जातक की जन्मकुंडली में मंगल पहले चौथे, अष्टम और द्वादश भाव में बैठे होते हैं तो कुंडली में मंगल दोष बनता है। मंगल दोष को खत्म करने के लिए कुछ उपाय किए जाते हैं।
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