Mars Transit 2025: मंगल का सिंह राशि में गोचर, जानिए मिथुन राशि के जातकों पर कैसा पड़ेगा प्रभाव ?
Mars Transit 2025: मिथुन राशि के जातकों के लिए मंगल छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी होते हैं और अब मंगल आपके तीसरे यानी साहस और पराक्रम के भाव में गोचर कर रहे हैं।
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Mars Transit 2025: मंगल अब अगले कुछ दिनों तक सिंह राशि में रहेंगे, आपको बता दें कि साहस, पराक्रम, सेना, युद्ध और रक्त के कारक ग्रह मंगल 7 जून 2025 को सूर्य के स्वामित्व वाली राशि सिंह में प्रवेश कर चुके हैं। यहां पर ये 28 जुलाई 2025 तक रहेंगे। मंगल के सिंह राशि में प्रवेश करने से कर्क राशि में मंगल जोकि नीच के माने जाते हैं उनकी वहां कि यात्रा अब खत्म हो गई है। सिंह राशि में मंगल का गोचर अच्छा और सकारात्मक बदलाव से भरा हुआ गोचर साबित होगा सकता है। आइए जानते हैं मंगल के सिंह राशि में गोचर करने से मिथुन राशि के जातकों पर किस तरह का प्रभाव पड़ेगा। इसके बारे में जानते हैं।
मिथुन राशि पर मंगल के राशि परिवर्तन का प्रभाव
मिथुन राशि के जातकों के लिए मंगल छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी होते हैं और अब मंगल आपके तीसरे यानी साहस और पराक्रम के भाव में गोचर कर रहे हैं। ज्योतिष में मंगल ग्रह को ऊर्जा और पराक्रम का कारक माना जाता है, साथ ही यह क्रूर ग्रहों में आते हैं। कुंडली के तीसरे भाव में क्रूर ग्रहों का होना अच्छा माना जाता है। इस भाव में मंगल के होने के पर ऊर्जा में थोड़ा असुंतलन देखने को मिलेगा क्योंकि यहां पर राहु केतु का भी प्रभाव है। इन सबके बावजूद मंगल का गोचर काफी अच्छे परिणाम दिलाने में काम होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। आप अपने साहस और पराक्रम के बल पर कठिन से कठिन काम भी बहुत ही आसानी के साथ पूरा करने में कामयाब होंगे। कुछ शुभ समाचार सुनने को मिल सकता है। सरकारी कार्यों में अच्छी खबर सुनने को मिल सकती है।
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ज्योतिष में मंगल ग्रह का महत्व
वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह को विशेष महत्व दिया गया है। सभी ग्रहों में जहां सूर्य को राजा, बुध को राजकुमार तो वहीं मंगल को सेनापति का दर्जा मिला हुआ है। ज्योतिष में मंगल को ऊर्जा, उत्साह, पराक्रम, युद्ध, रक्त, साहस और पराक्रम का कारक होता है। मंगल ग्रह एक अग्नि तत्व की राशि है। ज्योतिष में मंगल ग्रह को क्रूर ग्रह भी माना जाता है। मंगल के कारण लोगों को विवाह में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मंगल ग्रह को मेष और वृश्चिक राशियों का स्वामित्व मिला हुआ है। यह मकर राशि में यानी 10 नंबर की राशि में उच्च के होते हैं जबकि कर्क राशि यानी 4 नंबर की राशि में नीच के होते हैं। जिन लोगों की कुंडली में मंगल शुभ स्थान में होते हैं और बली होते हैं ऐसा जातक स्वभाव से बहुत ही निडर और साहसी होता है। ऐसे व्यक्ति के अंदर साहस और पराक्रम बहुत ज्यादा रहता है। लेकिन वहीं दूसरी तरफ अगर कुंडली में मंगल अशुभ स्थिति में हो तो जातक को कठिनाईयों का सामना करना पड़ता हैं। कुंडली में मंगल दोष होने पर व्यक्ति के विवाह में देरी और रुकावटों का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर किसी जातक की जन्मकुंडली में मंगल पहले चौथे, अष्टम और द्वादश भाव में बैठे होते हैं तो कुंडली में मंगल दोष बनता है। मंगल दोष को खत्म करने के लिए कुछ उपाय किए जाते हैं।
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