{"_id":"68440e8abbd67475a80c6e77","slug":"mars-transit-in-leo-on-7-june-2025-know-impact-on-vrishabh-rashi-in-hindi-2025-06-07","type":"story","status":"publish","title_hn":"Mars Transit 2025: सिंह राशि में मंगल का गोचर, जानें वृषभ राशि के लोगों पर कैसा रहेगा असर","category":{"title":"Predictions","title_hn":"बोले तारे","slug":"predictions"}}
Mars Transit 2025: सिंह राशि में मंगल का गोचर, जानें वृषभ राशि के लोगों पर कैसा रहेगा असर
ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला
Published by: विनोद शुक्ला
Updated Sat, 07 Jun 2025 06:51 PM IST
सार
Mars Transit 2025: मंगल के गोचर से वृषभ राशि के जातकों पर किस तरह का प्रभाव पड़ेगा। इसका ज्योतिषीय विश्लेषण।
विज्ञापन
मंगल का गोचर सिंह राशि में
- फोटो : Adobe Stock
विज्ञापन
विस्तार
Mars Transit 2025: 7 जून से लेकर 28 जुलाई 2025 तक मंगल सूर्य के स्वामित्व वाली राशि सिंह में रहेंगे। आपको बता दें कि सेना, युद्ध, साहस, पराक्रम और उत्साह के कारक ग्रह मंगल 7 जून को सिंह राशि में प्रवेश कर गए हैं। मंगल के गोचर करने से देश-दुनिया के साथ-साथ सभी 12 राशियों के जातकों पर इसका प्रभाव देखने को मिलेगा। आइए जानते हैं मंगल के गोचर से वृषभ राशि के जातकों पर किस तरह का प्रभाव पड़ेगा। इसका ज्योतिषीय विश्लेषण करते हैं।
मंगल के गोचर से वृषभ राशि पर प्रभाव
वृषभ राशि के जातकों की कुंडली में मंगल सातवें और बारहवें भाव के स्वामी होते हैं। 7 जून को मंगल का सिंह राशि में गोचर आपके चतुर्थ भाव में हुआ। वैदिक ज्योतिष शास्त्र की गणनाओं के अनुसार मंगल का चौथे भाव में होना अच्छा नहीं माना जाता। इसके अलावा मंगल का राहु और केतु के प्र्भाव में होना अच्छा नहीं माना जाता है। यह नकारात्मक परिणाम देने के लिए बाध्य हैं। मंगल के गोचर से आपके लिए भूमि, भवन और वाहन के मामलों में कुछ चिताओं में वृद्धि करा सकता है। सेहत में भी मंगल का गोचर आपके लिए अच्छा नहीं होगा। आपको वाद-विवाद की स्थिति में संयम और समझदारी से काम लेना होगा।
Mangal Gochar 2025: मंगल ग्रह ने किया सिंह राशि में गोचर, ये 5 राशि वाले रहें सावधान
ज्योतिष में मंगल ग्रह का महत्व
वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह को विशेष महत्व दिया गया है। सभी ग्रहों में जहां सूर्य को राजा, बुध को राजकुमार तो वहीं मंगल को सेनापति का दर्जा मिला हुआ है। ज्योतिष में मंगल को ऊर्जा, उत्साह, पराक्रम, युद्ध, रक्त, साहस और पराक्रम का कारक होता है। मंगल ग्रह एक अग्नि तत्व की राशि है। ज्योतिष में मंगल ग्रह को क्रूर ग्रह भी माना जाता है। मंगल के कारण लोगों को विवाह में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मंगल ग्रह को मेष और वृश्चिक राशियों का स्वामित्व मिला हुआ है। यह मकर राशि में यानी 10 नंबर की राशि में उच्च के होते हैं जबकि कर्क राशि यानी 4 नंबर की राशि में नीच के होते हैं। जिन लोगों की कुंडली में मंगल शुभ स्थान में होते हैं और बली होते हैं ऐसा जातक स्वभाव से बहुत ही निडर और साहसी होता है। ऐसे व्यक्ति के अंदर साहस और पराक्रम बहुत ज्यादा रहता है। लेकिन वहीं दूसरी तरफ अगर कुंडली में मंगल अशुभ स्थिति में हो तो जातक को कठिनाईयों का सामना करना पड़ता हैं। कुंडली में मंगल दोष होने पर व्यक्ति के विवाह में देरी और रुकावटों का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर किसी जातक की जन्मकुंडली में मंगल पहले चौथे, अष्टम और द्वादश भाव में बैठे होते हैं तो कुंडली में मंगल दोष बनता है। मंगल दोष को खत्म करने के लिए कुछ उपाय किए जाते हैं।
Trending Videos
मंगल के गोचर से वृषभ राशि पर प्रभाव
वृषभ राशि के जातकों की कुंडली में मंगल सातवें और बारहवें भाव के स्वामी होते हैं। 7 जून को मंगल का सिंह राशि में गोचर आपके चतुर्थ भाव में हुआ। वैदिक ज्योतिष शास्त्र की गणनाओं के अनुसार मंगल का चौथे भाव में होना अच्छा नहीं माना जाता। इसके अलावा मंगल का राहु और केतु के प्र्भाव में होना अच्छा नहीं माना जाता है। यह नकारात्मक परिणाम देने के लिए बाध्य हैं। मंगल के गोचर से आपके लिए भूमि, भवन और वाहन के मामलों में कुछ चिताओं में वृद्धि करा सकता है। सेहत में भी मंगल का गोचर आपके लिए अच्छा नहीं होगा। आपको वाद-विवाद की स्थिति में संयम और समझदारी से काम लेना होगा।
विज्ञापन
विज्ञापन
Mangal Gochar 2025: मंगल ग्रह ने किया सिंह राशि में गोचर, ये 5 राशि वाले रहें सावधान
ज्योतिष में मंगल ग्रह का महत्व
वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह को विशेष महत्व दिया गया है। सभी ग्रहों में जहां सूर्य को राजा, बुध को राजकुमार तो वहीं मंगल को सेनापति का दर्जा मिला हुआ है। ज्योतिष में मंगल को ऊर्जा, उत्साह, पराक्रम, युद्ध, रक्त, साहस और पराक्रम का कारक होता है। मंगल ग्रह एक अग्नि तत्व की राशि है। ज्योतिष में मंगल ग्रह को क्रूर ग्रह भी माना जाता है। मंगल के कारण लोगों को विवाह में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मंगल ग्रह को मेष और वृश्चिक राशियों का स्वामित्व मिला हुआ है। यह मकर राशि में यानी 10 नंबर की राशि में उच्च के होते हैं जबकि कर्क राशि यानी 4 नंबर की राशि में नीच के होते हैं। जिन लोगों की कुंडली में मंगल शुभ स्थान में होते हैं और बली होते हैं ऐसा जातक स्वभाव से बहुत ही निडर और साहसी होता है। ऐसे व्यक्ति के अंदर साहस और पराक्रम बहुत ज्यादा रहता है। लेकिन वहीं दूसरी तरफ अगर कुंडली में मंगल अशुभ स्थिति में हो तो जातक को कठिनाईयों का सामना करना पड़ता हैं। कुंडली में मंगल दोष होने पर व्यक्ति के विवाह में देरी और रुकावटों का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर किसी जातक की जन्मकुंडली में मंगल पहले चौथे, अष्टम और द्वादश भाव में बैठे होते हैं तो कुंडली में मंगल दोष बनता है। मंगल दोष को खत्म करने के लिए कुछ उपाय किए जाते हैं।
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all Astrology News in Hindi related to daily horoscope, tarot readings, birth chart report in Hindi etc. Stay updated with us for all breaking news from Astro and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन

कमेंट
कमेंट X