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कौन बनेगा राजस्थान का मुख्यमंत्री : सितारे कर रहे हैं इशारे, इस कांग्रेसी नेता के होंगे वारे न्यारे
पं. राजेश तिवाारी, ज्योतिषाचार्य
Updated Tue, 11 Dec 2018 01:17 PM IST
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rajasthan election 2018
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विधानसभा चुनावों के बाद वोटों की गिनती जारी है और शुरुआती रुझान से कांग्रेस आई सत्ता के करीब पहुंचती दिखाई दे रही है। ऐसे में यक्ष प्रश्न यह उठता है कि यदि वोटों की गिनती के बाद कांग्रेस को येन-केन-प्रकारेण पूर्ण बहुमत प्राप्त हो जाता है तो सूबे का मुख्यमंत्री कौन होगा? मुख्यमंत्री के मुकुट के तमाम दावेदारों के बीच कांग्रेस पार्टी के तीन बड़े नेताओं का नाम — अशोक गहलोत, सचिन पायलट और सी.पी. जोशी का नाम के कयास लगाये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री के चयन पर अंतिम फैसला तो आलाकमान करेगा लेकिन आइए ज्योतिष की नजर से देखते हैं कि किसके सितारे बुलंद हैं और किसके सिर सजेगा ताज —
अशोक गहलोत
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का जन्म मिथुन लग्न में हुआ है। वर्तमान में उनकी कुंडली में मंगल की महादशा में सूर्य की अंतरदशा चल रही है। दोनों ही शासन सत्ता के कारक ग्रह सूर्य एवं मंगल लाभ भाव में हैं। जिसके कारण अशोक गहलोत का वर्तमान समय मुख्यमंत्री बनने के लिए अनुकूल कहा जाएगा। इसके अतिरिक्त बृहस्पति की भाग्य भाव में उपस्थिति के कारण इन्हें बड़ों का आशीर्वाद मिलेगा तथा स्त्री जातक के अनुशंसा पर इनके मुख्यमंत्री बनने की संभावना प्रबल कही जाएगी।
क्या कहते हैं सचिन पायलट के सितारे
दूसरी तरफ यदि कांग्रेस के युवा नेता सचिन पायलट की बात करें तो इनका जन्म वृश्चिक लग्न में हुआ है। सचिन पायलट की जन्मकालिक राशि मिथुन है। राशि से द्वितीय भाव में गया हुआ राहु संपूर्ण अनुकूल संभावनाओं के बाद भी ग्रहण लगाता हुआ प्रतीत होता है। 12 अप्रैल 2018 से शनि में सूर्य की अंतरदशा इस बात की तरफ इशारा करती है कि ऐन वक्त पर प्रारब्ध इनका साथ देने पर अक्षम होगा।
क्या सी.पी. जोशी की बन सकती है बात ?
राजस्थान में मुख्यमंत्री पद को लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं और न सबके बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सी.पी. जोशी का नाम भी इस पद के लिए उछल रहा है। हालांकि इस पर भरोसा कम किया जा सकता है क्योंकि वर्तमान में जोशी का सर्वाधिक प्रतिकूल ग्रह शुक्र एवं मंगल अति नकारात्मक अवस्था में बैठे हैं, जिसके कारण इनके मुख्यमंत्री की रेस में शामिल होने की संभावन कम कही जाएगी।
क्या कहता है भाजपा का भाग्य
यदि भारतीय जनता पार्टी के ग्रहों की स्थिति पर नजर डालें तो वृश्चिक राशि में गया हुआ बृहस्पति न केवल उसके प्रभाव को समाप्त करने वाला सिद्ध होगा अपितु मध्य प्रदेश, राजस्थान एवं छत्तीसगढ़ में सत्ताच्युत करेगा। इसी के साथ-साथ चूंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का जन्म वृश्चिक लग्न में हुआ है एवं जन्मकालिक राशि भी वृश्चिक है, फलत: राशिगत बृहस्पति आश्चर्यजनक रूप से इनकी लोकप्रियता घटायेगा एवं इन्हें स्वयं ही अनिर्णय की स्थिति में पहुंचाकर जन विरोधी कार्य भी करायेगा।
आगामी 7 मार्च 2019 को जैसे ही राहु कर्क राशि को छोड़कर मिथुन राशि में प्रवेश करेगा, वैसे ही भारतीय जनता पार्टी के भीतर बड़ी कलह की स्थिति पैदा होगी। जिसके कारण नरेंद्र मोदी और अमित शाह की लोकप्रियता में आश्चर्यजनक रूप से कमी आने की संभावना है।
यदि आज दिनांक 10 दिसंबर 2018 को संपूर्ण ग्रह स्थिति का अवलोकन किया जाए तो भारतीय जनता पार्टी की राशि से बृहस्पति, राहु एवं शनि जो लोकतंत्र का प्रधानकारक ग्रह है की अवस्था को ध्यान में रखते हुए यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि इन तीनों ही राज्यों में निश्चित रूप से जहां पराजय का मुंह देखना पड़ेगा, वहीं आगामी लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी का सत्तारूढ़ होना लगभग असंभव सा दिखाई देता है। सारांश रूप में यह कहा जा सकता है कि गोचर का वर्तमान बृहस्पति एवं राहु आगामी सभी विधानसभा चुनावों में जहां भारतीय जनता पार्टी की सरकारें हैं, वहां स्थिति को अत्यंत कमजोर करेगा और कांग्रेस अपनी खोई हुई जमीन हासिल कर सकती है।
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अशोक गहलोत
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का जन्म मिथुन लग्न में हुआ है। वर्तमान में उनकी कुंडली में मंगल की महादशा में सूर्य की अंतरदशा चल रही है। दोनों ही शासन सत्ता के कारक ग्रह सूर्य एवं मंगल लाभ भाव में हैं। जिसके कारण अशोक गहलोत का वर्तमान समय मुख्यमंत्री बनने के लिए अनुकूल कहा जाएगा। इसके अतिरिक्त बृहस्पति की भाग्य भाव में उपस्थिति के कारण इन्हें बड़ों का आशीर्वाद मिलेगा तथा स्त्री जातक के अनुशंसा पर इनके मुख्यमंत्री बनने की संभावना प्रबल कही जाएगी।
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क्या कहते हैं सचिन पायलट के सितारे
दूसरी तरफ यदि कांग्रेस के युवा नेता सचिन पायलट की बात करें तो इनका जन्म वृश्चिक लग्न में हुआ है। सचिन पायलट की जन्मकालिक राशि मिथुन है। राशि से द्वितीय भाव में गया हुआ राहु संपूर्ण अनुकूल संभावनाओं के बाद भी ग्रहण लगाता हुआ प्रतीत होता है। 12 अप्रैल 2018 से शनि में सूर्य की अंतरदशा इस बात की तरफ इशारा करती है कि ऐन वक्त पर प्रारब्ध इनका साथ देने पर अक्षम होगा।
क्या सी.पी. जोशी की बन सकती है बात ?
राजस्थान में मुख्यमंत्री पद को लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं और न सबके बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सी.पी. जोशी का नाम भी इस पद के लिए उछल रहा है। हालांकि इस पर भरोसा कम किया जा सकता है क्योंकि वर्तमान में जोशी का सर्वाधिक प्रतिकूल ग्रह शुक्र एवं मंगल अति नकारात्मक अवस्था में बैठे हैं, जिसके कारण इनके मुख्यमंत्री की रेस में शामिल होने की संभावन कम कही जाएगी।
क्या कहता है भाजपा का भाग्य
यदि भारतीय जनता पार्टी के ग्रहों की स्थिति पर नजर डालें तो वृश्चिक राशि में गया हुआ बृहस्पति न केवल उसके प्रभाव को समाप्त करने वाला सिद्ध होगा अपितु मध्य प्रदेश, राजस्थान एवं छत्तीसगढ़ में सत्ताच्युत करेगा। इसी के साथ-साथ चूंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का जन्म वृश्चिक लग्न में हुआ है एवं जन्मकालिक राशि भी वृश्चिक है, फलत: राशिगत बृहस्पति आश्चर्यजनक रूप से इनकी लोकप्रियता घटायेगा एवं इन्हें स्वयं ही अनिर्णय की स्थिति में पहुंचाकर जन विरोधी कार्य भी करायेगा।
आगामी 7 मार्च 2019 को जैसे ही राहु कर्क राशि को छोड़कर मिथुन राशि में प्रवेश करेगा, वैसे ही भारतीय जनता पार्टी के भीतर बड़ी कलह की स्थिति पैदा होगी। जिसके कारण नरेंद्र मोदी और अमित शाह की लोकप्रियता में आश्चर्यजनक रूप से कमी आने की संभावना है।
यदि आज दिनांक 10 दिसंबर 2018 को संपूर्ण ग्रह स्थिति का अवलोकन किया जाए तो भारतीय जनता पार्टी की राशि से बृहस्पति, राहु एवं शनि जो लोकतंत्र का प्रधानकारक ग्रह है की अवस्था को ध्यान में रखते हुए यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि इन तीनों ही राज्यों में निश्चित रूप से जहां पराजय का मुंह देखना पड़ेगा, वहीं आगामी लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी का सत्तारूढ़ होना लगभग असंभव सा दिखाई देता है। सारांश रूप में यह कहा जा सकता है कि गोचर का वर्तमान बृहस्पति एवं राहु आगामी सभी विधानसभा चुनावों में जहां भारतीय जनता पार्टी की सरकारें हैं, वहां स्थिति को अत्यंत कमजोर करेगा और कांग्रेस अपनी खोई हुई जमीन हासिल कर सकती है।

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