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ज्योतिष के अनुसार सही रत्न पहनने से ग्रह होते हैं मजबूत, जानिए किस ग्रह का है कौन-सा रत्न
ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला
Published by: विनोद शुक्ला
Updated Mon, 24 Nov 2025 07:06 PM IST
सार
रत्न धारण करने से उस ग्रह की शक्ति बढ़ती है, दोष कम होते हैं और सौभाग्य के अवसर खुलने लगते हैं। रत्न धारण करते समय यह ध्यान रखना आवश्यक है कि यह केवल कुंडली देखकर ही पहनना चाहिए।
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रत्न पहनने से बदलता है जीवन
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
ज्योतिष शास्त्र में रत्नों का विशेष महत्व माना गया है। जन्म कुंडली में जब कोई ग्रह कमजोर, पीड़ित या अशुभ अवस्था में होता है, तब उसका नकारात्मक प्रभाव जीवन में बाधाएँ, स्वास्थ्य समस्याएँ, आर्थिक रुकावटें और मानसिक तनाव उत्पन्न कर सकता है। ऐसी स्थिति में योग्य ज्योतिषी द्वारा सुझाए गए रत्न धारण करने से उस ग्रह की शक्ति बढ़ती है, दोष कम होते हैं और सौभाग्य के अवसर खुलने लगते हैं। रत्न धारण करते समय यह ध्यान रखना आवश्यक है कि यह केवल कुंडली देखकर ही पहनना चाहिए। गलत रत्न पहनने से लाभ की जगह हानि भी हो सकती है। यहाँ ज्योतिष मान्यता के आधार पर बताया गया है कि किस ग्रह के लिए कौन-सा रत्न धारण करना शुभ माना गया है।
1. सूर्य — माणिक्य
सूर्य आत्मविश्वास, नेतृत्व, ऊर्जा और प्रतिष्ठा का कारक ग्रह है। जब सूर्य कमजोर होता है तो आत्मबल कम होता है, निर्णय क्षमता कमजोर पड़ती है और सम्मान में कमी आती है। ऐसे समय में माणिक्य धारण करने से सूर्य की सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। इसे सोने में जड़वाकर रविवार के दिन पहनना शुभ माना गया है।
2. चंद्र — मोती
चंद्र मन, भावनाओं और मानसिक स्थिरता का प्रतीक है। कमजोर चंद्रमा अनिद्रा, चिंता, भावनात्मक अस्थिरता और बेचैनी लाता है। मोती धारण करने से मन शांत रहता है, आत्मविश्वास बढ़ता है और भावनात्मक संतुलन मिलता है। इसे सोमवार को चांदी में पहनना श्रेष्ठ कहा गया है।
3. मंगल — मूंगा
मंगल साहस, ऊर्जा, निर्णय क्षमता और स्वास्थ्य का प्रतिनिधि है। कमजोर मंगल मार्ग में बाधाएँ, भय, रक्तचाप की समस्या, विवाद और आत्मविश्वास की कमी उत्पन्न करता है। लाल मूंगा पहनने से साहस बढ़ता है और ऊर्जा सही दिशा में काम करती है। इसे मंगलवार को तांबे या सोने में पहना जाता है।
बुध बुद्धि, व्यापार, संवाद कौशल और तर्क शक्ति का ग्रह है। अशुभ बुध से व्यापार में हानि, मानसिक भ्रम, बोलने में समस्या और पढ़ाई में रुकावटें आती हैं। पन्ना धारण करने से स्मरण शक्ति, बुद्धिमानी और व्यापारिक कौशल बढ़ता है। इसे बुधवार को सोने में धारण करना शुभ माना गया है।
5. बृहस्पति — पुखराज
गुरु ज्ञान, धन, विवाह, संतान और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। कमजोर गुरु से अस्थिरता, विवाह में देरी, आर्थिक हानि और निर्णय में भ्रम पैदा होता है। पुखराज पहनने से भाग्य मजबूत होता है और जीवन में स्थिरता आती है। इसे गुरुवार को सोने में पहनना श्रेष्ठ माना गया है।
शुक्र सौंदर्य, सुख-संपत्ति, दांपत्य जीवन और रचनात्मकता का कारक है। अशुभ शुक्र रिश्तों में तनाव, आर्थिक संघर्ष, विलास और भौतिक सुखों में बाधा देता है। हीरा धारण करने से आकर्षण, प्रेम, आर्थिक समृद्धि और सौंदर्य बढ़ता है। इसे शुक्रवार को चांदी या प्लैटिनम में पहनते हैं।
7. शनि — नीलम
शनि कर्म, अनुशासन, न्याय और संघर्षों का ग्रह है। कमजोर शनि से जीवन में देरी, परेशानियाँ, स्वास्थ्य समस्याएँ और आर्थिक रुकावटें बढ़ती हैं। नीलम अत्यंत शक्तिशाली रत्न है, इसलिए इसे पहनने से पहले अवश्य परीक्षण करना चाहिए। नीलम सही होने पर त्वरित परिणाम देता है और जीवन में स्थिरता लाता है। इसे शनिवार को लोहे या पंचधातु में पहनना शुभ माना जाता है।
8. राहु — गोमेद
राहु भ्रम, आकस्मिक घटनाएँ और मानसिक अस्थिरता का कारक माना जाता है। कमजोर राहु से भय, भ्रम, लत और निर्णय में गलती होती है। गोमेद धारण करने से आत्मविश्वास बढ़ता है और राहु के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं। इसे शनिवार को चांदी में पहनना उत्तम है।
9. केतु — लहसुनिया
केतु आध्यात्मिकता, मोक्ष, अंतर्ज्ञान और शोध का ग्रह माना जाता है। अशुभ केतु से अस्थिरता, दुर्घटनाएँ और मानसिक तनाव बढ़ता है। लहसुनिया पहनने से एकाग्रता बढ़ती है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। इसे मंगलवार या गुरुवार को चांदी में पहनना शुभ माना गया है।
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1. सूर्य — माणिक्य
सूर्य आत्मविश्वास, नेतृत्व, ऊर्जा और प्रतिष्ठा का कारक ग्रह है। जब सूर्य कमजोर होता है तो आत्मबल कम होता है, निर्णय क्षमता कमजोर पड़ती है और सम्मान में कमी आती है। ऐसे समय में माणिक्य धारण करने से सूर्य की सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। इसे सोने में जड़वाकर रविवार के दिन पहनना शुभ माना गया है।
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2. चंद्र — मोती
चंद्र मन, भावनाओं और मानसिक स्थिरता का प्रतीक है। कमजोर चंद्रमा अनिद्रा, चिंता, भावनात्मक अस्थिरता और बेचैनी लाता है। मोती धारण करने से मन शांत रहता है, आत्मविश्वास बढ़ता है और भावनात्मक संतुलन मिलता है। इसे सोमवार को चांदी में पहनना श्रेष्ठ कहा गया है।
3. मंगल — मूंगा
मंगल साहस, ऊर्जा, निर्णय क्षमता और स्वास्थ्य का प्रतिनिधि है। कमजोर मंगल मार्ग में बाधाएँ, भय, रक्तचाप की समस्या, विवाद और आत्मविश्वास की कमी उत्पन्न करता है। लाल मूंगा पहनने से साहस बढ़ता है और ऊर्जा सही दिशा में काम करती है। इसे मंगलवार को तांबे या सोने में पहना जाता है।
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4. बुध — पन्नाबुध बुद्धि, व्यापार, संवाद कौशल और तर्क शक्ति का ग्रह है। अशुभ बुध से व्यापार में हानि, मानसिक भ्रम, बोलने में समस्या और पढ़ाई में रुकावटें आती हैं। पन्ना धारण करने से स्मरण शक्ति, बुद्धिमानी और व्यापारिक कौशल बढ़ता है। इसे बुधवार को सोने में धारण करना शुभ माना गया है।
5. बृहस्पति — पुखराज
गुरु ज्ञान, धन, विवाह, संतान और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। कमजोर गुरु से अस्थिरता, विवाह में देरी, आर्थिक हानि और निर्णय में भ्रम पैदा होता है। पुखराज पहनने से भाग्य मजबूत होता है और जीवन में स्थिरता आती है। इसे गुरुवार को सोने में पहनना श्रेष्ठ माना गया है।
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6. शुक्र — हीराशुक्र सौंदर्य, सुख-संपत्ति, दांपत्य जीवन और रचनात्मकता का कारक है। अशुभ शुक्र रिश्तों में तनाव, आर्थिक संघर्ष, विलास और भौतिक सुखों में बाधा देता है। हीरा धारण करने से आकर्षण, प्रेम, आर्थिक समृद्धि और सौंदर्य बढ़ता है। इसे शुक्रवार को चांदी या प्लैटिनम में पहनते हैं।
7. शनि — नीलम
शनि कर्म, अनुशासन, न्याय और संघर्षों का ग्रह है। कमजोर शनि से जीवन में देरी, परेशानियाँ, स्वास्थ्य समस्याएँ और आर्थिक रुकावटें बढ़ती हैं। नीलम अत्यंत शक्तिशाली रत्न है, इसलिए इसे पहनने से पहले अवश्य परीक्षण करना चाहिए। नीलम सही होने पर त्वरित परिणाम देता है और जीवन में स्थिरता लाता है। इसे शनिवार को लोहे या पंचधातु में पहनना शुभ माना जाता है।
8. राहु — गोमेद
राहु भ्रम, आकस्मिक घटनाएँ और मानसिक अस्थिरता का कारक माना जाता है। कमजोर राहु से भय, भ्रम, लत और निर्णय में गलती होती है। गोमेद धारण करने से आत्मविश्वास बढ़ता है और राहु के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं। इसे शनिवार को चांदी में पहनना उत्तम है।
9. केतु — लहसुनिया
केतु आध्यात्मिकता, मोक्ष, अंतर्ज्ञान और शोध का ग्रह माना जाता है। अशुभ केतु से अस्थिरता, दुर्घटनाएँ और मानसिक तनाव बढ़ता है। लहसुनिया पहनने से एकाग्रता बढ़ती है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। इसे मंगलवार या गुरुवार को चांदी में पहनना शुभ माना गया है।

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