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ईशान कोण में क्या रखें और क्या न रखें, ताकि घर में बनी रहे सकारात्मक ऊर्जा
ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला
Published by: विनोद शुक्ला
Updated Tue, 19 Aug 2025 03:19 PM IST
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सार
घर के प्रत्येक कोण की अपनी विशेषता है, जिनमें ईशान कोण अर्थात उत्तर-पूर्व दिशा सबसे पवित्र और शुभ मानी जाती है। इसे देवताओं का स्थान भी कहा जाता है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार ईशान कोण ज्ञान, आध्यात्मिकता और समृद्धि का कारक है।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
वास्तु शास्त्र भारतीय परंपरा का वह प्राचीन ज्ञान है, जिसमें दिशाओं और ऊर्जा संतुलन के आधार पर सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले नियम बताए गए हैं। घर के प्रत्येक कोण की अपनी विशेषता है, जिनमें ईशान कोण अर्थात उत्तर-पूर्व दिशा सबसे पवित्र और शुभ मानी जाती है। इसे देवताओं का स्थान भी कहा जाता है। इस दिशा में देवी-देवताओं की ऊर्जाओं का समन्वय माना गया है, इसलिए इसे घर का आध्यात्मिक केंद्र कहा जाता है।
ईशान कोण का महत्व
वास्तु शास्त्र के अनुसार ईशान कोण ज्ञान, आध्यात्मिकता और समृद्धि का कारक है। यदि यह कोण साफ-सुथरा, खुला और संतुलित रहता है तो घर में शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह दिशा जल तत्व से संबंधित है, इसलिए यहां जल से जुड़े प्रयोग विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं।
इस दिशा में क्या रखना चाहिए
पूजा कक्ष या ध्यान कक्ष- ईशान कोण देवताओं का स्थान माना जाता है, इसलिए यहां पूजा घर, ध्यान स्थल या मंदिर बनाना सबसे श्रेष्ठ होता है।
जल तत्व से जुड़े साधन- पानी की टंकी, छोटा फव्वारा, मटका या जल कलश रखने से घर में समृद्धि आती है।
खिड़कियां और खुलापन- इस दिशा को खुला और रोशन रखना चाहिए। सुबह की धूप का प्रवेश शुभ ऊर्जा का संचार करता है।
हल्के रंग- दीवारों पर हल्का नीला, सफेद या क्रीम रंग सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।
इस दिशा में क्या नहीं रखना चाहिए
भारी सामान या फर्नीचर- ईशान कोण में आलमारी, लोहे की अलमारी या भारी वस्तुएं रखने से ऊर्जा का प्रवाह रुक जाता है।
शौचालय या बाथरूम- इस दिशा में शौचालय अथवा बाथरूम बनाना अशुभ माना जाता है और इससे घर के सदस्यों को मानसिक और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
कचरा या गंदगी- इस कोण को हमेशा साफ और व्यवस्थित रखना चाहिए, वरना नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
बंद दीवार या अंधेरा- ईशान कोण में अंधेरा या जमे हुए सामान रखने से घर में रुकावटें और आर्थिक हानि होती है।
ईशान कोण से जुड़े महत्वपूर्ण नियम

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ईशान कोण का महत्व
वास्तु शास्त्र के अनुसार ईशान कोण ज्ञान, आध्यात्मिकता और समृद्धि का कारक है। यदि यह कोण साफ-सुथरा, खुला और संतुलित रहता है तो घर में शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह दिशा जल तत्व से संबंधित है, इसलिए यहां जल से जुड़े प्रयोग विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं।
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इस दिशा में क्या रखना चाहिए
पूजा कक्ष या ध्यान कक्ष- ईशान कोण देवताओं का स्थान माना जाता है, इसलिए यहां पूजा घर, ध्यान स्थल या मंदिर बनाना सबसे श्रेष्ठ होता है।
जल तत्व से जुड़े साधन- पानी की टंकी, छोटा फव्वारा, मटका या जल कलश रखने से घर में समृद्धि आती है।
खिड़कियां और खुलापन- इस दिशा को खुला और रोशन रखना चाहिए। सुबह की धूप का प्रवेश शुभ ऊर्जा का संचार करता है।
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शुभ प्रतीक- इस दिशा में शंख, कलश, श्रीयंत्र या भगवान की तस्वीरें रखने से वास्तु दोष दूर होते हैं।हल्के रंग- दीवारों पर हल्का नीला, सफेद या क्रीम रंग सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।
इस दिशा में क्या नहीं रखना चाहिए
भारी सामान या फर्नीचर- ईशान कोण में आलमारी, लोहे की अलमारी या भारी वस्तुएं रखने से ऊर्जा का प्रवाह रुक जाता है।
शौचालय या बाथरूम- इस दिशा में शौचालय अथवा बाथरूम बनाना अशुभ माना जाता है और इससे घर के सदस्यों को मानसिक और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
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किचन या आग्नेय तत्व- चूल्हा, गैस या हीटर जैसी अग्नि से जुड़ी चीजें यहां नहीं रखनी चाहिए।कचरा या गंदगी- इस कोण को हमेशा साफ और व्यवस्थित रखना चाहिए, वरना नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
बंद दीवार या अंधेरा- ईशान कोण में अंधेरा या जमे हुए सामान रखने से घर में रुकावटें और आर्थिक हानि होती है।
ईशान कोण से जुड़े महत्वपूर्ण नियम
- घर की नींव का पहला पत्थर ईशान कोण से रखना शुभ होता है।
- पानी से संबंधित कार्य, जैसे हैंडपंप, नल या बोरवेल भी इसी दिशा में करवाना चाहिए।
- यदि ईशान कोण में वास्तु दोष हो तो इसे दूर करने के लिए वहां श्रीयंत्र, जल कलश या क्रिस्टल ग्लोब रखा जा सकता है।
- इस दिशा में हमेशा हल्की और शांति देने वाली ऊर्जा का प्रवाह बना रहना चाहिए।
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