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Health Insurance: इन गलतियों से बचेंगे तो खारिज नहीं होगा क्लेम, नहीं तो खुद ही उठाना पड़ेगा इलाज का पूरा खर्च

कालीचरण, नई दिल्ली। Published by: देव कश्यप Updated Mon, 01 Aug 2022 06:51 AM IST
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सार

कई बार बीमा कंपनियां क्लेम खारिज कर देती हैं। इससे इलाज के पूरे खर्च की भरपाई आपको ही करनी पड़ती है। ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि बीमा कंपनी आपका क्लेम खारिज न करे तो इन गलतियों से जरूर बचें।

Health Insurance If you avoid these mistakes then medical claim will not be rejected
स्वास्थ्य बीमा (प्रतीकात्मक तस्वीर) - फोटो : Pixabay
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विस्तार
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मेडिकल इमरजेंसी जैसी चुनौतीपूर्ण स्थितियों में स्वास्थ्य बीमा काफी मददगार होता है। यह न सिर्फ आपको बड़ी बीमारियों के इलाज पर होने वाले भारी-भरकम खर्च से बचाता है बल्कि मानसिक सुरक्षा भी देता है। यह तभी संभव है, जब स्वास्थ्य बीमा कंपनी से आपको (बीमाधारक) पूरा क्लेम मिल जाए।

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हालांकि, कई बार बीमा कंपनियां क्लेम खारिज कर देती हैं। इससे इलाज के पूरे खर्च की भरपाई आपको ही करनी पड़ती है। ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि बीमा कंपनी आपका क्लेम खारिज न करे तो इन गलतियों से जरूर बचें।
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वेटिंग पीरियड की लें जानकारी
पॉलिसी खरीदते समय यह जानकारी जरूर लें कि किसी बीमारी के लिए वेटिंग पीरियड कितना है। वेटिंग पीरियड का मतलब है कि पॉलिसी खरीदने की तारीख से एक निश्चित अवधि के बाद ही बीमा कंपनी किसी खास बीमारी के इलाज का खर्च उठाती है। अगर वेटिंग पीरियड में उस बीमारी का इलाज कराते हैं तो क्लेम नहीं मिलेगा।  

समय पर रिन्यू कराएं पॉलिसी
क्लेम खारिज होने से बचने के लिए जरूरी है कि हर साल समय पर स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी को रिन्यू जरूर कराएं। ऐसा नहीं करने पर क्लेम का लाभ नहीं मिलता है। 

  • अगर आप पॉलिसी रिन्यू कराने से चूक गए हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है। अधिकांश बीमा कंपनियां 15 दिन की छूट अवधि देती हैं। इस दौरान आप पॉलिसी अवधि के लाभ को गंवाए बिना उसे रिन्यू करा सकते हैं। 
  • हालांकि, इन 15 दिनों (ब्रेक-इन अवधि) के दौरान अगर आप इलाज कराते हैं तो बीमा कंपनी क्लेम पर विचार नहीं करती है यानी इलाज पर हुए खर्च का भुगतान नहीं करती है। 


पुरानी बीमारियों का जरूर करें खुलासा
पॉलिसी खरीदने के दौरान पहले से मौजूद (प्री-एग्जिस्टिंग) बीमारियों या स्थितियों का खुलासा जरूर करें। अगर आपको ब्लड प्रेशर या दिल की बीमारी है तो बीमा कंपनी को जानकारी जरूर दें। पॉलिसी रिन्यू करते समय नई बीमारी का खुलासा करना भी जरूरी है। अगर आप पुरानी बीमारियों की जानकारी बीमा कंपनी को नहीं देते हैं तो उनके इलाज पर आपको क्लेम का लाभ नहीं मिलेगा। 

कवर का भी रखें ध्यान
पॉलिसी में स्पष्ट जानकारी होती है कि उसमें कौन सी बीमारी कवर होगी और किन बीमारियों पर क्लेम नहीं मिलेगा। आप किसी बीमारी के लिए क्लेम करते हैं, जो विशेष रूप से बहिष्कृत सूची का हिस्सा है तो क्लेम खारिज हो जाएगा। 

तय समय के भीतर करें क्लेम
पॉलिसीधारक को अस्पताल से डिस्चार्ज होने की तारीख से 60-90 दिन में क्लेम भर देना चाहिए। ऐसा नहीं किया तो क्लेम खारिज हो सकता है। हालांकि, क्लेम भरने में देरी का कारण वाजिब हो तो कंपनी उसे स्वीकार कर सकती है। -भास्कर नेरुरकर, प्रमुख, स्वास्थ्य प्रशासन, बजाज आलियांज जनरल 

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