UPI: भारत का डिजिटल मॉडल बना वैश्विक आकर्षण का केंद्र, अमेरिका में RBI गवर्नर मल्होत्रा ने साझा किया अनुभव
वॉशिंगटन डीसी में आयोजित विश्व बैंक और आईएमएफ की वार्षिक बैठकों के दौरान आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने भारत के डिजिटल पब्लिक प्लेटफॉर्म इकोसिस्टम पर विस्तृत जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि भारत के डिजिटल सार्वजनिक ढाचे ने सरकारी ट्रांसफर पेमेंट्स को अधिक सुगम और पारदर्शी बनाया है, जिससे लाभ सीधे और प्रभावी तरीके से नागरिकों तक पहुंच रहे हैं।

विस्तार
वॉशिंगटन डीसी में विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की वार्षिक बैठकों के दौरान आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने भारत के डिजिटल पब्लिक प्लेटफॉर्म (डीपीपी) इकोसिस्टम पर एक संक्षिप्त प्रस्तुति दी।

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केंद्रीय बैंक के अनुसार, डिजिटल सार्वजनिक प्लेटफार्मों के माध्यम से आर्थिक लचीलापन बनाने पर उच्च स्तरीय वार्ता विषय पर एक उच्चस्तरीय संवाद 14 अक्तूबर 2025 को आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन आरबीआई ने विश्व बैंक और आईएमएफ की वार्षिक बैठकों के दौरान किया था।
संवाद का उद्देश्य
इस संवाद का उद्देश्य भारत के डिजिटल सार्वजनिक ढांचे से जुड़ी अनुभवों, सीखों को साझा करना और वैश्विक सहयोग के अवसरों की खोज करना था, ताकि अधिक मजबूत और समावेशी डिजिटल प्रणालियां विकसित की जा सकें।
आरबीआई ने कहा कि गवर्नर संजय मल्होत्रा ने भारत के DPP इकोसिस्टम का एक संक्षिप्त अवलोकन प्रस्तुत किया और विशेष रूप से सरकारी ट्रांसफर पेमेंट्स में डिजिटलाइजेशन और वित्तीय समावेशन में उन मिका पर प्रकाश डाला।
डिजिटल सार्वजनिक ढाचे में सरकार की भूमिका
मल्होत्रा ने बताया कि भारत के डिजिटल सार्वजनिक ढाचे ने सरकारी ट्रांसफर पेमेंट्स को अधिक सुगम और पारदर्शी बनाया है, जिससे लाभ सीधे और प्रभावी तरीके से नागरिकों तक पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि आधार जैसे डिजिटल पहचान प्लेटफॉर्म और यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) जैसे रियल-टाइम भुगतान तंत्र ने यह साबित किया है कि कैसे बड़े पैमाने पर, मजबूत और किफायती सार्वजनिक सेवा प्रणालियां विकसित की जा सकती हैं जो करोड़ों लोगों की सेवा कर सकें।
मल्होत्रा ने जोर दिया कि ये प्लेटफॉर्म भारत के डिजिटल परिवर्तन के केंद्र में हैं, जो तेज, पारदर्शी और सुरक्षित वित्तीय लेन-देन को सक्षम बनाते हुए सरकारी सेवाओं की पहुंच में सुधार कर रहे हैं। इस कार्यक्रम में 38 देशों के केंद्रीय बैंकों के प्रतिनिधि, जिनमें 22 गवर्नर और वरिष्ठ नीति-निर्माता शामिल थे, ने हिस्सा लिया। यह भारत की डिजिटल यात्रा में बढ़ती वैश्विक रुचि को दर्शाता है।